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छोटे बच्चो को भूलकर भी न दे ये चीजें, वरना हो सकता है ये बीमारी का खतरा
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | बढ़ते हुए नवजात शिशु जल्द ही नए फूड्स में दिलचस्पी दिखाना शुरू कर देते हैं, और उन्हें नया स्वाद और बनावट से परिचय कराने की चाहत सामान्य है. लेकिन सभी फूड्स आपके छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं. आपको फूड्स की कुछ लिस्ट जानना जरूरी है और उनको विकास के पहले साल में अपने बच्चे को खिलाने से बचना चाहिए.
गाय का दूध
बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क पाउडर उसकी पहली सालगिरह तक पिलाएं. फॉर्मूला मिल्क शिशु को ब्रेस्ट मिल्क के विकल्प के तौर पर दिया जाता है. मिल्क विटामिन, शुगर, फैट और अन्य पोषक तत्वों को मिलाकर बनाया जाता है. फॉर्मूला मिल्क मां के शिशु को स्तनपान कराने में अक्षम होने या फिर अन्य कारणों से शिशु को मां का दूध नहीं मिल पाता है. एक साल से कम उम्र का शिशु गाय के दूध में पाया जानेवाला एंजाइम और प्रोटीन को पचा नहीं सकता, और उसमें मौजूद खास मिनरल बच्चे की किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा, ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क पाउडर की तरह, गाय का दूध बढ़ते शिशु के लिए सभी उचित पोषक तत्व मुहैया नहीं कराता है.
अंडे की सफेदी
एलर्जी की प्रतिक्रिया या भविष्य में एलर्जी से बचने के लिए एक साल से कम उम्र के शिशु को अंडे का प्रोडक्ट्स न खिलाएं. हालांकि अंडे की जर्दी में प्रोटीन शायद ही कभी एलर्जी का एक स्रोत है, मगर अंडे की सफेदी में प्रोटीन एलर्जी पैदा कर सकती है. आम तौर पर बच्चे के पांच साल की उम्र होने तक अंडे की सफेदी से एलर्जी रिएक्शन की संभावना बढ़ जाती है.
खट्टा फल
खट्टा फल और जूस शिशु को कुछ महीनों के लिए खिलाने से बचें. ये फूड विटामिन सी और एसिड में ज्यादा होते हैं, जो पेट की खराबी या आपके बच्चे में एसिड रिफ्लेक्स की वजह बन सकते हैं. पेट में सामान्य से ज्यादा एसिड बनने को 'एसिड रिफ्लेक्स' कहते हैं. इस दौरान एसिड, फूड पाइप से होता हुआ गले तक आ जाता है और समस्या गंभीर होने पर खट्टी डकारें भी आने लगती हैं.
गेहूं
अपने बच्चे की डाइट में गेहूं शुरू करने से पहले उससे होनेवाली एलर्जी के कारण सबसे अच्छा है कि आपके बच्चे के एक साल, दो साल, यहां तक कि तीन साल होने का इंतजार किया जाए. अगर आपने अपने बाल रोग विशेषज्ञ के साथ सलाह कर लिया है और निश्चित हो गए हैं कि आपके बच्चे को चावल, ओट्स, या जौ से एलर्जी नहीं है, तब आप गेहूं से 8 या 9 महीने की उम्र में बच्चे को परिचित करा सकते हैं.