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डेंगू बुखार होने पर न करें ये गलतियां, जाने जरुरी सावधानिया
Manish Sahu
19 July 2023 5:40 PM GMT
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लाइफस्टाइल: बारिश के मौसम में वेक्टर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियां बरसात के मौसम में तेजी से फैलती हैं। इन बीमारियों का खतरा बच्चों में सबसे ज्यादा रहता है। एजिप्टी एडीज नामक मच्छर के काटने से डेंगू का बुखार होता है। बच्चों में डेंगू होने पर पेरेंट्स जल्दी इसे पहचान नहीं पाते हैं। डेंगू संक्रमण में सबसे पहले मरीज को बुखार आता है और धीरे-धीरे परेशानियां बढ़ने लगती हैं। 3 से 4 दिन बाद इसके लक्षण गंभीर होने लगते हैं। बच्चों में डेंगू के लक्षणों को पेरेंट्स अक्सर सामान्य बुखार समझ बैठते हैं। ऐसा करना बच्चों की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। बच्चों में डेंगू संक्रमण होने पर कुछ गलतियों की वजह से यह जानलेवा हो सकता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं बच्चों में डेंगू होने पर किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए।
बच्चों में डेंगू होने पर न करें ये गलतियां-
बच्चों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कमजोर होती है। इसकी वजह से उन्हें संक्रमण की चपेट में आने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। बच्चों में डेंगू के लक्षणों की पहचान शुरुआत में करने से उन्हें सही समय पर इलाज मिल जाता है और इससे संक्रमण जानलेवा नहीं हो पाता है। ज्यादातर पेरेंट्स बच्चों में डेंगू के लक्षणों को सही समय पर पहचान नहीं पाते हैं। शुरुआत में ही सही देखभाल करने से कई खतरे कम हो जाते हैं। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि डेंगू की बीमारी का पता शुरुआती चरण में चलने पर मरीज की मौत का खतरा 1 प्रतिशत कम हो जाता है। इस बीमारी में मरीज का प्लेटलेट काउंट भी तेज से कम होने लगता है, इसकी वजह से भी कई गंभीर परेशानियां हो सकती हैं।
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बच्चों में डेंगू के लक्षण-
आमतौर पर डेंगू बुखार में दिखने वाले लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। बच्चों में डेंगू संक्रमण होने पर उन्हें शरीर और मांसपेशियों में दर्द की समस्या भी होती है। बच्चे इस परेशानी को सही तरह से व्यक्त नहीं कर पाते हैं। बुखार आने पर ज्यादातर लोग इसे सामान्य समझ लेते हैं। ऐसा करना बच्चों की सेहत के लिए काफी गंभीर हो सकता है। बच्चों में डेंगू के ये लक्षण दिखें तो सबसे पहले जांच करवाकर डॉक्टर से संपर्क करें-
तेज बुखार और शरीर का तापमान बढ़ना
शरीर में दर्द और मांसपेशियों में कमजोरी
भूख में कमी और खराब पाचन
शरीर पर चकत्ते और दाने
बच्चों में चिड़चिड़ापन
उल्टी और दस्त की समस्या
नाक और मसूड़ों से खून आना
तेजी से सांस लेना
आमतौर पर बच्चों में डेंगू का बुखार तीन स्टेज में होता है। पहले स्टेज में हल्के बुखार के साथ मरीज को थकान की समस्या होती है। पहले चरण में बुखार लगभग 2 से 7 दिन के लिए रहता है। इस चरण में बच्चों को थकान, कमजोरी, बुखार और मांसपेशियों में दर्द की समस्या होती है। इसके बाद दूसरे चरण में बच्चों को उल्टी और मतली के साथ प्लेटलेट काउंट में कमी होने लगती है। तीसरे चरण में संक्रमण पहुंचने पर मरीज को ब्लीडिंग हो सकती है।
Manish Sahu
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