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बारिश के मौसम में इन चीजों का भी ना करें सेवन

Ritisha Jaiswal
4 Aug 2021 8:39 AM GMT
बारिश के मौसम में इन चीजों का भी ना करें सेवन
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दही हमारे खाने का एक अहम भाग माना जाता है। कई लोग ऐसे हैं सर्दी हो या फिर गर्मी हर मौसम में दही खाना नहीं भूलते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दही हमारे खाने का एक अहम भाग माना जाता है। कई लोग ऐसे हैं सर्दी हो या फिर गर्मी हर मौसम में दही खाना नहीं भूलते हैं। दही सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार बारिश के मौसम में दही फायदा की जगह कई बीमारियों की जड़ बन जाता है।

मानसून में दही खाएं कि नहीं
स्वामी रामदेव के मुताबिक, बारिश के मौसम में दही का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके कारण आप त्रिदोष के शिकार हो सकते हैं। मानसून में दही का सेवन करने से आप वात, पित्त और कफ दोषों के घिर सकते हैं।
दरअसल, दही की तासीर ठंडी होती है। ऐसे में बारिश के मौसम में इसका सेवन करने से आपको सर्दी-जुकाम, कफ या फिर खांसी की समस्या हो सकती हैं। इतना ही नहीं अर्थराइटिस के मरीजों के लिए नुकसानदेय है। वहीं कई लोगों को जोड़ों की समस्य़ा का भी सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही दही में बैक्टीरिया की तादाद काफी बढ़ जाती है। जिससे पित्त य़ानी पेट संबंधी समस्या हो सकती हैं।
बारिश के मौसम में इन चीजों का भी ना करें सेवन
दही के अलावा बारिश के मौसम में इस चीज का भी ना करें सेवन
दही के अलावा छाछ और दूसरे डेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए।
पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, बथुआ, मेथी, पत्ता गोभी जैसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसमें कीड़े होने की संभावना अधिक होती है। अगर आपको इसका सेवन करना ही हैं तो पहले इन्हें पानी में उबाल लें। उसके बाद ही सेवन करे।
मछली का सेवन भी करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह मौसम उनके प्रजनन का होता है। इसके अलावा नदियों का पानी प्रदूषित हो जाता है। जिसका असर मछलियों पर भी पड़ता है। जिसके कारण आपको फूड प्वाइजनिंग हो सकती है।
डायबिटीज टाइप-3 है जानलेवा, स्वामी रामदेव से जानिए कैसे करें ब्लड शुगर कंट्रोलमशरूम का सेवन करने से भी बचना चाहिए, क्य़ोंकि इससे इंफेक्शन होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
ऑयली और मसालेदार खाना का सेवन कम करना चहिए, क्योंकि बारिश के मौसम में वातावरण में नमी के कारण शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है। जिसके कारण खाना आसानी से पच नहीं पाता है। जो पेट संबंधी बीमारियों का कारण बनता है।


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