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गर्मियों में न करें इन 5 मसालों का सेवन, हो सकता है हानिकारक

Tulsi Rao
18 Jun 2022 9:31 AM GMT
गर्मियों में न करें इन 5 मसालों का सेवन, हो सकता है हानिकारक
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मसाले हमारे भोजन को सिर्फ एक बेहतरीन स्वाद और खुशबू ही प्रदान नहीं करते हैं, बल्कि उन्हें कई स्वास्थ्य लाभों के लिए भी जाना जाता है। ऐसे कई मसाले हैं जिन्हें कई गंभीर समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए जाना जाता है। लेकिन मसालों का चुनाव मौसम के अनुसार करना बहुत जरूरी है, खासकर गर्मी के मौसम में। क्योंकि कुछ मसालों की तासीर बहुत गर्म होती है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इन मसालाें का सीमित मात्रा में सेवन करना ही सही है। अगर इन मसालों को गर्मी के मौसम में अधिक सेवन किया जाता है तो कुछ लोगों को बहुत परेशानी हो सकती हैं। साथ ही गर्म तासीर वाले मसालों के सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं।

अब सवाल यह है कि ऐसे कौन से मसाले हैं जिनका सेवन आपको गर्मियों के मौसम में कम करना चाहिए? यह जानने के लिए हमने आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर भुवनेश्वरी से बातचीत की। इस लेख में हम आपको ऐसे 5 मसालों के बारे में बता रहे हें जिनका गर्मियों में सेवन करने से आपको बचना चाहिए या सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए।

गर्म तासीर वाले मसाले: गर्मियों में कौन से मसाले नहीं खाने चाहिए (Spices To Avoid In Summer In Hindi)

1. हल्दी (Turmeric)

गर्मियों में हल्दी का अधिक मात्रा में सेवन करने से महिलाओं को पीरियड्स के समय दिक्कत हो सकती है, उन्हें पीरियड्स ज्यादा हो सकते हैं और पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग भी ज्यादा हो सकती है। साथ अगर गर्मियों के दौरान प्रगेनेंट महिलाएं हल्दी की ज्यादा सेवन करती हैं उन्हें ब्लीडिंग हो सकती है और गर्भाशय संकुचन अधिक हो सकती है। इसके अलावा हल्दी शरीर में ऑक्सालेट लेवल को बढ़ा सकती है, जिससे किडनी स्टोन या गुर्दी की पथरी होने का जोखिम बढ़ता है। साथ ही सीने में जलन या एसिड रिफ्लक्स का कारण (Acid Reflux Causes In Hindi) बन सकती है।

2. तुलसी (Holy Basil)

तुलसी को इसके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। यह सर्दी-खांसी, जुकाम और वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करती है। लेकिन अगर गर्मियों में इसका अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है तो यह लोगों में लो ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है। साथ ही यह महिलाओं को फर्टिलिटी को प्रभवित कर सकती है, जिससे गर्भधारण में भी दिक्कत हो सकती है।

3. दालचीनी (Cinnamon)

दालचीनी गले, मुंह, पेट और यहां तक कि कोलन में छालों का कारण (Ulcer Causes In Hindi) बन सकती है। साथ ही छालों से ब्लीडिंग भी हो सकती है। अगर किसी व्यक्ति को ब्लीडिंग पाइल्स की समस्या है तो यह उनकी स्थिति को बदतर बना सकती है। इसके अलावा दालचीनी के अधिक सेवन से नाक से खून निकलना या नकसीर की समस्या हो सकती है। अगर लो ब्लड शुगर वाले लोग दालचीनी का सेवन करते हैं तो इससे उनका ब्लड शुगर लेवल अधिक कम हो सकता है, जिससे चक्कर आना, थाकान, बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

4. काली मिर्च (Black Pepper)

अगर किसी व्यक्ति को रक्त में थक्के या ब्लड क्लॉटिंग की समस्या है और वह रक्त को पतला करने वाली दवाएं या ब्लड थिनर ले रहा है तो काली मिर्च इसमें बाधा पैदा कर सकती है। साथ गर्मियों में इसके ज्यादा सेवन से सीने में जलन या एसिड रिफ्लक्स की समस्या भी हो सकती है। साथ ही दस्त का कारण भी बन सकती है।

5. हींग (Asafoetida)

अगर कोई महिला प्रेगनेंट है तो गर्मियों में हींग का अधिक सेवन मिस्कैरिज या गर्भपात का कारण (Abortion Causes In Hindi) बन सकता है। साथ ही यह गर्भाश्य संकुचन और ब्लीडिंग को बढ़ाती है। अगर स्तनपान कराने वाली माताएं हींग लेती हैं तो उनका दूध पीने से बच्चों में भी ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। कई लोगों में काली मिर्च खाने से एलर्जी भी हो सकती है। अगर इसका ज्यादा सेवन किया जाता है तो त्वचा में चकते, शरीर के साथ ही कान और होंठ में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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