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Disease: क्या होती है ‘पल्मोनरी नोड्यूल’ बीमारी? जाने इसके बारे सम्पूर्ण जानकारी
Sanjna Verma
15 July 2024 2:18 PM GMT
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Pulmonary nodule disease: फेफड़े, हमारे शरीर का जरूरी अंग होते हैं जिसका ख्याल रखना हर किसी के लिए जरूरी होता है लेकिन इसमें थोड़ी सी भी खराबी कई बड़ी बीमारियां खड़ी कर देती है। फेफड़े की गांठ की बीमारी ‘पल्मोनरी नोड्यूल’ ( Pulmonary Nodule) का नाम आपने शायद ही सुना होगा जो फेफड़ो में गांठ बनाने का काम करती है। इस बीमारी में देखा जाता है कि, लंग्स पर मांस के टुकड़े का गांठ 30 मिमी के साइज का बन जाता है। आखिर इस बीमारी के होने के कारण क्या होते है औऱ लक्षण क्या है जानते हैं इसके बारे में।
फेफड़े की गांठ बनाता हैं कैंसर का कारण
यहां पर मानें तो, फेफड़े में जब यह बीमारी होती है तो, इसकी गांठ, कैंसर जैसी बड़ी बीमारी होने का खतरा पैदा करती है इसे लेकर मांस के टुकड़े का गांठ 30 मिमी के साइज की होती है तो इसकी जांच के शुरुआती दौर में एक्स-रे या सीटी स्कैन की जाती है तो सफेद रंग का धब्बा दिखाई देता है। अगर गांठ छोटी होती है तो इसे कई महीनों की निगरानी के बाद ठीक कर लिया जाता है।
फेफड़ों में गांठें तीन अलग-अलग तरह की पाई जाती है जिसका पता स्कैन करके लगाया जा सकता है।फेफड़ों में नोड्यूल अगर होता है वह कैंसर और नॉनकैंसर्स दोनों ही हो सकता है. सीटी स्कैन से आप नोड्यूल का पता आराम से लगा सकते हैं. फेफड़ों के नोड्यूल की बायोप्सी का सुझाव दिया जा सकता है. फेफड़ों का कैंसर अक्सर फेफड़ों और छाती में लिम्फ नोड्स में फैलता है तो उसे सर्जरी के जरिए ठीक किया जा सकता है.
जानिए क्या है इसके लक्षण और कारण
फेफड़े की गांठ की बीमारी के कारण और लक्षण कई हो सकते है जिनके बारे में जानकारी रखना जरूरी है, जो इस प्रकार है..
– कारण
1- इस बीमारी में फेफड़ों के टिश्यूज का डैमेज होना।
2- फेफड़ों के टिश्यूज का डैमेज होना।
3- फेफड़ों में जलन या वायु प्रदूषण।
4-रुमेटॉइड गठिया और sarcoidosis जैसी बीमारियों से होने वाली सूजन की स्थिति
5-हिस्टोप्लाज़मोसिस और टीबी के संक्रमण
लक्षण-
थकान, भूख न लगना, रात को पसीना आना, बुखार, वजन घटना, और खांसी जिसमें थूक आता है शामिल हैं।
कैसे करें बचाव
इस बीमारी से बचने के लिए आपको इन बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है जो इस प्रकार है…
1- इस प्रकार के लक्षण अगर आपके शरीर में नजर आते हैं तो आपको सबसे पहले एक्स-रे और सीटी-स्कैन करवाना चाहिए।
2- फेफड़े का ऐब्सेस ठीक होने के पहले कई सप्ताह के लिए Antibiotics लेने पड़ते हैं।
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Sanjna Verma
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