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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Mattresses For Spine Problems: भारत समेत पूरी दुनिया में कमर और गर्दन दर्द की परेशानी बढ़ती जा रही है, इसकी सबसे बड़ी वजह है हमारे सोना का गलत तरीका. अक्सर हम अच्छी सेहत के बजाय ज्यादा आराम को तरजीह देते हैं, लेकिन हमारी यही हरकत एक बड़ी गलती में तब्दील हो जाती है. कंफर्ट हासिल करना हमारे लिए बड़ी प्रायॉरिटी बन चुकी है, इसलिए हम अच्छी नींद के लिए मोटे और गद्देदार बिस्तर तैयार करते हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म में हमें इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि ये हमारी रीढ़ की हड्डी के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं है.
नरम गद्दे में सोने के नुकसान
प्रकृति ने सोने के लिए हमारी रीढ़ की हड्डी का एक खास पोस्चर तय किया है, ऐसे में अगर नरम गद्दे पर सोते हैं तो इससे बॉडी का अलाइनमेंट बदल जाता है. जब करीब 8 घंटे तक हम इसी पॉश्चर में रहते हैं तो दिक्कतें आना तय है. दरअसरल सॉफ्ट गद्दे में हमारे रीढ़ की हड्डी आर्क के शेप में आ जाती है जिससे स्पॉन्डिलाइटिस जैसी खतरनाक बीमारियों का जन्म होने लगता है.
रुई के गद्दे ज्यादा बेहतर
पिछले कुछ सालों में सिंथेटिक मैट्रेस का चलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन ज्यादातर ऑर्थोपीडिक डॉक्टर ये मानते हैं कि सेहत के लिहाज से रुई के गद्दे ज्यादा बेहतर है. सिंथेटिक गद्दे हमारी रीढ़ की हड्डियों मे परेशानी पैदा करते हैं, इसलिए जहां तक मुमकिन हो कॉटन मैट्रेस को ही चुनें.
हार्ट मैट्रेस को चुनें
पुराने जमाने में लोग जमीन पर सोया करते थे, इसलिए उन्हें कमर दर्द और गर्दन दर्द की परेशानियां कम पेश आती थीं, लेकिन बदलते वक्त के साथ गद्दे का चलन काफी बढ़ गया है. ऐसे में बेहतर यही है कि आप सोने के लिए सख्त गद्दे चुनें, भले ही शुरुआत में इसके इस्तेमाल से थोड़ी तकलीफ हो सकती है, लेकिन धीरे-धीरे आपको आदत हो जाएगी और रीढ़ की हड्डियों से जुड़ी परेशानियां नहीं पेश आएंगी.
आरामदायक गद्दे पर सोने से होती है ऐसी परेशानियां
1. रीढ़ की हड्डी में तकलीफ होना
2. कमर में दर्द
3. गर्दन में दर्द
4. सांस लेने में तकलीफ
5. ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत
6. सायटिका की प्रॉब्लम