लाइफ स्टाइल

Diabetics And Covid: डायबिटीज मरीजों के लिए कोरोनावायरस जहर, इन आसान तरीकों से करें बचाव

Deepa Sahu
10 July 2021 4:09 PM GMT
Diabetics And Covid: डायबिटीज मरीजों के लिए कोरोनावायरस जहर, इन आसान तरीकों से करें बचाव
x
कोविड महामारी अपने तक ही सीमित नहीं रहती बल्कि ये मरीज में दूसरी नई बीमारियों को भी जन्म देती है।

कोविड महामारी अपने तक ही सीमित नहीं रहती बल्कि ये मरीज में दूसरी नई बीमारियों को भी जन्म देती है। जैसा कि आप जानते हैं कि हजारों लोग कोविड से ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस, हैप्पी हाइपोक्सिया, साइकोटाइन स्टोर्म, लॉस ऑफ स्मेल, लॉस ऑफ टेस्ट जैसी न जाने कितने ही समस्याएं झेल रहे हैं। कोरोना की पहली लहर में मधुमेह और हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोग वायरस के गंभीर लक्षणों का शिकार हुए। उस वक्त बुजुर्ग लोग वायरस की चपेट में ज्यादा आ रहे थे जबकि दूसरी लहर युवाओं के लिए कहर बनकर टूट पड़ी। ऐसे कई लोग हैं जिनमें डायबिटीज की हिस्ट्री नहीं थी, लेकिन कोविड की चपेट में आने के बाद वे शुगर के मरीज बन गए।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, अनियंत्रित मधुमेह न केवल कोविड के गंभीर लक्षणों का शिकार बनती है बल्कि इससे बैक्टीरिया और फंगल संक्रमणों का खतरा भी बढ़ सकता है। बहरहाल, यहां हम आपको मधुमेह- कोविड के जोखिम के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ इससे बचाव के आसान उपाय भी बता रहे हैं।
​डायबिटीज और कोविड
मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति का इम्यून सिस्टम पहले से ही कमजोर होता है और कोविड से संक्रमित होने के बाद उसके लिए वायरस से लड़ना बहुत कठिन हो जाता है। मधुमेह वाले कोविड मरीज को ठीक होने में लंबा वक्त लग सकता है और दूसरी बीमारियों का जोखिम भी बढ़ सकता है।
डायबिटिक कीटोएसिडोसिस
मधुमेह वाले कोविड मरीज का अनियंत्रित शुगर लेवल उसमें डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (बार-बार पेशाब लगना और प्यास लगना) के जोखिम को बढ़ा सकता है। यह तब होता है जब मरीज के ब्लड में केटोन्स नामक एसिड का लेवल बढ़ जाता है और ये मेडिकल एमरजेंसी सिचुएशन का कारण बन सकती है। आसान भाषा में समझें तो ऐसा होने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है।
ब्लैक फंगस
अनियंत्रित मधुमेह के साथ Covid 19 कुछ रोगियों में mucormycosis का कारण बन सकता है। हाल के दिनों में हजारों डायबिटीज के मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आए हैं। यही नहीं, डायबिटीज के मरीज कोविड से ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस के अलावा दिल, सांस से जुड़ी दिक्कत और फेफड़े की बीमारी की चपेट में भी आ सकते हैं।
निमोनिया
कोविड होने के बाद से मधुमेह के रोगियों में निमोनिया के अधिक गंभीर रूप के विकसित होने का जोखिम अधिक होता है। दरअसल, बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल से उनको सांस लेने में दिक्कत होती है जिसके चलते कोरोना और गंभीर हो जाता है।
​कोविड से बचाव के आसान उपाय
हाथों की सफाई का पालन करना
बाहर होने पर सतहों को छूने से बचना
दरवाज़े के हैंडल जैसी दूषित सतहों को सैनेटाइज करना
बिना हाथ धुले आंखें, मुंह और नाक को न छूना
सोशल डिस्टेंसिग को फॉलो करना
अस्वस्थ्य लोगों (जिन्हें खांसी, बुखा) के संपर्क में आने से बचाव करना
रोजाना अच्छी नींद लें
व्यायाम और वॉक को अपने डेली रूटीन में शामिल करना
इम्यूनिटी बूस्ट करने वाले तरल खाद्य पदार्थों का सेवन करना
ब्लड शुगर लेवल की मॉनिटरिंग करना और कंट्रोल करना
वक्त पर मधुमेह के लिए दवाएं लेना
Next Story