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चेहरे की खूबसूरती छीन सकता है डिप्रेशन

Apurva Srivastav
10 Aug 2023 6:29 PM GMT
चेहरे की खूबसूरती छीन सकता है डिप्रेशन
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डिप्रेशन एक प्रकार की मानसिक बीमारी है जो हमारे लिए कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। डिप्रेशन के कारण व्यक्ति हृदय रोग से भी पीड़ित हो सकता है, दरअसल जब तनाव वाले हार्मोन बढ़ते हैं तो दिल की धड़कन भी बढ़ जाती है और ये सभी दिल के दौरे के लिए जिम्मेदार होते हैं। साथ ही इससे इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती है। इसके अलावा भी कई तरह की शारीरिक परेशानियां होने लगती हैं। अब सवाल यह है कि क्या डिप्रेशन का असर चेहरे पर भी पड़ता है? क्या अवसाद से त्वचा को नुकसान होता है? इस लेख में विस्तार से जानिए इसका जवाब
क्या अवसाद के कारण त्वचा ख़राब होती है?
विशेषज्ञों के अनुसार, हमारी त्वचा तंत्रिका तंत्र के अंत से जुड़ी होती है। इसलिए हमारी भावनाएं त्वचा के माध्यम से हमारे मानसिक स्वास्थ्य को व्यक्त करने का काम करती हैं। अगर मन में कोई बात चलती है तो उसका भाव चेहरे पर दिखता है। चिंता, तनाव, अवसाद, हाई बीपी, गुस्सा जैसी स्थितियां झुर्रियां, समय से पहले बाल झड़ने, मुंहासे निकलने का कारण बन सकती हैं।
अवसाद त्वचा को कैसे प्रभावित करता है?
चिंता, तनाव और डिप्रेशन के कारण फाइन लाइन की समस्या बढ़ सकती है। जब आप किसी भी चीज़ के बारे में सोचते हैं तो अक्सर अपनी भौहें एक साथ रख लेते हैं। इससे त्वचा पर महीन रेखाएं बनने लगती हैं।जब लोग चिंता और तनाव के कारण गहरी नींद नहीं ले पाते हैं। अगर नींद का पैटर्न बिगड़ जाए तो आंखों के नीचे काले घेरे होने लगते हैं। नींद की कमी के कारण आंखों की नसों पर दबाव पड़ने से आंखों के नीचे काले घेरे हो जाते हैं।डिप्रेशन में व्यक्ति न तो ठीक से खाना खाता है और न ही संतुलित आहार लेता है। कम पानी पीने से डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है. इसका असर त्वचा पर भी दिखता है. पानी की वजह से त्वचा में रूखापन आने लगता है।डिप्रेशन में कोर्टिसोल हार्मोन प्रभावित होता है. यह स्थिति आपके हार्मोन को प्रभावित करती है। इससे मुंहासों की समस्या होने लगती है.
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