लाइफ स्टाइल

बाढ़-बारिश के बाद दिल्ली में डेंगू का कहर, 6 साल में सबसे ज्‍यादा आए मामले, लोगों ने भी की लापरवाही

Manish Sahu
27 July 2023 6:38 PM GMT
बाढ़-बारिश के बाद दिल्ली में डेंगू का कहर, 6 साल में सबसे ज्‍यादा आए मामले, लोगों ने भी की लापरवाही
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लाइफस्टाइल: बाढ़ और बारिश के बाद आई फ्लू से जूझ रही दिल्‍ली पर एक और मुसीबत आती दिखाई दे रही है. राजधानी में डेंगू के मामलों में बढ़ोत्‍तरी देखी जा रही है. दिलचस्‍प है कि जुलाई के महीने तक डेंगू के मामलों में यह उछाल पिछले कई सालों से ज्‍यादा है. इतना ही नहीं दिल्‍ली नगर निगम के आंकड़ों पर गौर करें तो इस बार दिल्‍लीवासियों की बड़ी लापरवाही का नमूना भी सामने आया है, जिसके चलते डेंगू के मामले और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
हाल ही में दिल्‍ली नगर निगम की ओर से जारी की गई वैक्‍टर बॉर्न डिजीज की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई 2023 तक दिल्‍ली में डेंगू के कुल 187 मामले आ चुके हैं. जबकि पिछले सालों पर गौर करें तो यह संख्‍या काफी ज्‍यादा है. पिछले कई सालों की तुलना करें तो साल 2022 में डेंगू के 159, 2021 में 47 और 2020 में डेंगू के 28, 2019 में 83 डेंगू के मरीज सामने आए थे. ऐसे में पिछले सालों की तुलना में यह संख्या ज्‍यादा है.
एमसीडी की कार्रवाई के आंकड़े भी इस बार चौंकाने वाले हैं. इससे साबित होता है कि बिना मॉनसून के हुई बारिश के दौरान लोगों ने सावधानियां नहीं बरतीं, जिसका नतीजा यह हुआ कि मच्‍छरों की पैदावार बढ़ गई. एमसीडी के अनुसार इस बार 1 लाख 14 हजार से ज्‍यादा घरों में मच्‍छरों का लार्वा पाया गया है. जबकि पिछले दो साल में लगभग 50-55 हजार घरों में ही मच्‍छरों का लार्वा मिला था.
घरों में बड़ी मात्रा में मच्‍छरों का लार्वा मिलने के बाद एमसीडी ने पिछले 4 साल की तुलना में इस साल सबसे ज्‍यादा करीब 81 हजार घरों में कानूनी नोटिस भेजे हैं. जबकि नोटिस का जवाब न देने पर करीब 18 हजार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है. इस साल सबसे ज्‍यादा 13134 चालान काटे गए हैं. जबकि पिछले साल यह संख्‍या 6 हजार के आसपास थी.
दिल्‍ली एमसीडी में नोडल अधिकारी रहे डॉ. सतपाल कहते हैं कि इस बार इतनी बड़ी संख्‍या में घरों में मिला मच्‍छरों का लार्वा काफी खतनाक हो सकता है. चूंकि घरों में गंदा पानी कम ही जमा होता है. अधिकांश साफ पानी ही इकठ्ठा रहता है, फिर चाहे कूलर, एसी या घर के कोनों में पड़ा हुआ साफ पानी हो. यह भी बात है कि साफ पानी में डेंगू का मच्‍छर पनपता है, ऐसे में भले ही वह लार्वा नष्‍ट कर दिया गया है, या वह मच्‍छर नहीं बन पाया है लेकिन फिर भी डेंगू के मच्‍छरों के बढ़ने की आशंका पैदा होना लाजिमी है.
डॉ. सतपाल कहते हैं कि महज 10 दिन के अंदर लार्वा मच्‍छर में बदल जाता है. ऐसे में एमसीडी की कार्रवाई तक संभव है कि लार्वा मच्‍छर बन चुका हो. इस बार बिन मौसम बारिश के चलते मच्‍छरों की संख्‍या बढ़ने को लेकर पहले ही अनुमान लगाया गया था. ऐसे में संभव है कि डेंगू के मामले बढ़ें. इसलिए इस बार बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है.
बरतें सावधानी, डेंगू से बचें
डॉ. सतपाल कहते हैं कि बाढ़ और बारिश के चलते पैदा हुए हालातों के बाद लोगों को विशेष रूप से सावधान होने की जरूरत है. खासतौर पर छोटे बच्‍चों को पूरे कपड़े पहना कर रखें. पार्क या हरियाली वाली जगह में घूमने जाएं पैर और हाथों को ढकने वाले कपड़े पहनकर जाएं. घरों में पानी न जमा होने दें. डेंगू या मलेरिया के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्‍टर के पास जाएं, हालात के गंभीर होने का इंतजार न करें.
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