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इन 4 पोषक तत्वों की कमी से हो सकते हैं मूड में लगातार बदलाव

Tara Tandi
4 Oct 2022 12:41 PM GMT
इन 4 पोषक तत्वों की कमी से हो सकते हैं मूड में लगातार बदलाव
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मूड का बलदना पोषण की कमी से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है? जब भी कोई मरीज़ असंतुलित मूड की शिकायत के साथ आता है, तो सबसे पहले उसके शरीर में पोषण की मात्रा को जांचा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पोषण की कमी बदलते मूड के पीछे की बड़ी वजह हो सकती है। इसके बाद पोषण की कमी की वजह ढूंढ़ी जाती है। इसके बाद सही डाइट और सप्लीमेंट्स की मदद से इस समस्या का हल किया जाता है।

इन 4 पोषक तत्वों की कमी से हो सकते हैं मूड में लगातार बदलाव
एंटीऑक्सीडेंट्स
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बेचैनी और अवसाद में अहम भूमिका निभाता है, जो सूजन का कारण बनता है, जो स्वस्थ मस्तिष्क को प्रभावित करता है और खराब मूड का कारण बनता है। इसकी वजह इंफ्लामेटरी डाइट है, जिसमें विशेष रूप से अतिरिक्त चीनी और परिष्कृत कार्ब्स, प्रोसेस्ड फूड्स, विषाक्त वसा, रसायन और तनाव शामिल हैं।
ज़िंक
ज़िंक की कमी दिमाग पर असर करती है। जिसकी वजह होती है खराब डाइट और पोषण की कमी। इसके लिए डाइट में ऑइस्टर, शेलफिश, चिकन, बादाम, पालक, कोको को शामिल करें, ये ज़िंक से भरपूर होते हैं।
विटामिन-6
मानसिक स्वास्थ्य के लिए ये सबसे ज़रूरी विटामिन्स में से एक है। शरीर में इसकी कमी की वजह से बेचैनी, अवसाद, चिड़चिड़ापन, कंफ्यूज़न, थकावट और PMS हो सकता है। विटामिन-बी6 की कमी कुछ दवाओं के कुअवशोषण और शराब के कारण हो सकती है। विटामिन-बी6, समुद्री भोजन और मांस, सेम, नट्स, अंग मांस और पत्तेदार साग में पाया जाता है।
अतिरिक्त तांबा
यह न्यूरोट्रांसमीटर असंतुलन पैदा कर सकता है, डोपामाइन को कम कर सकता है और नॉरपेनेफ्रिन को बढ़ा सकता है। इससे प्रसवोत्तर अवसाद और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। कॉपर मस्तिष्क की गतिविधि को उत्तेजित करता है, जिससे दिमाग दौड़ता है और चिंता पैदा होती है।

न्यूज़ सोर्स: jagran

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