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देबिना बनर्जी ने बताया कंसीव करने में झेली कई परेशानियां, इस मेडिकल कंडीशन की वजह से हुई देरी
Neha Dani
3 Aug 2022 7:14 AM GMT
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इन्हें जल्द से जल्द गर्भधारण कर लेना चाहिए क्योंकि समय के साथ इसकी
एक्ट्रेस देबिना बनर्जी और गुरमीत चौधरी जल्द ही पैरेंट्स बनने वाले हैं। शादी के 11 साल बाद इस कपल के घर किलकारियां गूंजेगी। देबिना बनर्जी इन दिनों ब्लॉग के माध्यम से अपना मडरहूड से जुड़ी कई बातें शेयर करते हुए नजर आती है। इससे पहले एक वीडियों में उन्होंने अपनी अजीबो-गरीब क्रेविंग शेयर करती हुई नजर आई। वहीं अपने लेटेस्ट वीडियो में, देबिना बनर्जी ने बताया कि उन्हें कंसीव करने में किस तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और उन्हें दूर करने के लिए उन्होंने क्या किया, उसके बारे में बात की। उन्होंने बताया कि उन्हें एंडोमेट्रियोसिस था, जिसकी वजह से उन्हें कंसीव करने के दौरान कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आइए जानते हैं क्या होता है एंडोमेट्रियोसिस और कैसे ये महिलाओं की फर्टिलिटी को प्रभावित करता है।
देबिना ने मडरहूड पर दिया ये मैसेज
अभिनेत्री ने इस वीडियो के जरिए कंसीव करने वाली महिलाओं को मैसेज दिया, "मैं उन सभी लड़कियों को बताना चाहती हूं, जो शादी करने का दबाव महसूस करती हैं, और 30 और 40 के दशक में लोगों को शादी करते और बच्चों को जन्म देते हुए देख रही हैं - यह विचार हमारे दिमाग में है कि ऐसा होगा। लोग बहुत अधिक दबाव या आलोचना में काम नहीं कर सकते। किसी भी कारण से समाज को आप पर दबाव न डालने दें। अपने आप को शांत रखें और अपने जीवन में अपने लक्ष्य को बनाए रखें।"
क्या है एंडोमेट्रियोसिस?
महिला के गर्भाशय के अस्तर को एंडोमेट्रियम कहा जाता है। ये एक लाइनिंग होती है जो गर्भाशय की अंदर होती है, लेकिन कभी कभी गर्भाशय की लाइनिंग बनाने वाले टिश्यू गर्भाशय के बाहर भी विकसित होने लगते हैं, कई बार तो ये अंडाशय और अन्य प्रजनन अंगों तक फैल जाते हैं। इस स्थिति को एंडोमेट्रियोसिस कहा जाता है। इसके कारण महिलाओं को पीरियड्स के दौरान अत्यधिक ब्लीडिंग और दर्द के अलावा तमाम तकलीफों का सामना करना पड़ता है। कई बार तो इस समस्या की वजह से कंसीव करने में कई समस्या आती है। NCBI के अनुसार लगभग 25 से 50 प्रतिशत महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस की वजह से गर्भधारण करने में मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है। यहां जानिए इस समस्या से जुड़ी खास बातें-
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण
- इसका सबसे पहला और सामान्य लक्ष्ण होता है की माहवारी के समय अत्यधिक दर्द होना।
- माहवारी के समय अत्यधिक रक्त स्त्राव होना।
- यौन-सम्बन्ध के दौरान या बाद में अधिक दर्द होना।
- शौच के दौरान या पेशाब करते समय दर्द होना या खून आना।
- अधिक थकान,चक्कर आना व कब्ज होना।
- निसंतानता
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एंडोमेट्रियोसिस कैसे फर्टिलिटी को करता है प्रभावित
एंडोमेट्रियोसिस में महिलाओं की प्रजनन क्षमता बुरी तरह से प्रभावित होती है। प्रेग्नेंसी के लिए महिलाओं की ओवरी में एक अंडा रिलीज होता है जो कि फैलोपियन ट्यूब के जरिए स्पर्म की कोशिका से फर्टिलाइज होता है और विकसित होने के लिए अपने आप ही यूट्राइन दीवार से जुड़ जाता है। एंडोमेट्रियोसिस ट्यूब में रुकावट पैदा कर सकती है और अंडे एवं स्पर्म को एकसाथ जोड़कर रख सकती है। हल्के से सामान्य एंडोमेट्रियोसिस के मामलों में महिलाएं फिर भी गर्भधारण कर सकती हैं। एंडोमेट्रियोसिस से ग्रस्त महिलाओं को डॉक्टर सलाह देते हैं कि इन्हें जल्द से जल्द गर्भधारण कर लेना चाहिए क्योंकि समय के साथ इसकी
Neha Dani
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