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सनातन धर्म में 'शरद पूर्णिमा' (Sharad Purnima) का बड़ा महत्व है। वैसे तो साल में 12 पूर्णिमा तिथि पड़ती है, लेकिन इन सभी में अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह तिथि 'शरद पूर्णिमा' नाम से प्रख्यात है। 'शरद पूर्णिमा' की गणना पर्व के रूप में की जाती है। इस वर्ष यह पूर्णिमा 9 अक्टूबर रविवार के दिन है। यह पूर्णिमा तिथि धनदायक पूर्णिमा मानी जाती है। मान्यता है कि, इस दिन आकाश से अमृत वर्षा होती है और मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी हो जाती है। आइए जानें शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व।
शुभ-मुहूर्त शरद पूर्णिमा तिथि: 9 अक्टूबर 2022, रविवार पूर्णिमा तिथि आरम्भ: 9 अक्टूबर 2022, रविवार सुबह 03:41 मिनट से पूर्णिमा तिथि समापन: 10 अक्टूबर 2022, रविवार सुबह 02:25 तक महत्व मान्यताओं के मुताबिक, ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन ही मां लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। इस तिथि को धनदायक माना जाता है और मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करने आती हैं और जो लोग रात्रि में भजन-कीर्तन करते हुए मां लक्ष्मी का आह्वान करते हैं, धन की देवी उनके घर में वास करती हैं। शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की चांदनी से पूरी धरती सराबोर रहती है और अमृत की बरसात होती है। इन्हीं मान्यताओं के आधार पर ऐसी परंपरा बनाई गई है कि रात को चंद्रमा की चांदनी में खीर रखने से उसमें अमृत समा जाता है।
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