- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- आयुर्वेद के इन नुस्खों...
x
मौसम के बदलाव के साथ ही शरीर में कई तरह की परेशानियां उठने लगती हैं। मानसून के दिन आते ही जहां खांसी-जुकाम की समस्या तो दो-चार दिन में दूर हो जाती हैं लेकिन खांसी की समस्या लम्बे समय तक परेशान करती हैं। हाई पॉल्यूशन लेवल, धूल और जहरीले धुएं के कारण भी खांसी की तकलीफ होती हैं। इसके कारण दिन को तकलीफ होने के साथ ही रात की नींद भी खराब हो जाती हैं। कई बार दवाइयों का सेवन करने पर भी खांसी दूर नहीं हो पाती हैं। ऐसे में आपकी मदद कर सकता हैं आयुर्वेद जिसमें कई ऐसे नुस्खें बताए गए हैं जो खांसी से आराम दिलाने का काम करते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको आयुर्वेद के उन उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अपना कर आप जल्द ही सूखी खांसी से निजात पा सकते है। आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में...
नमक के पानी से गरारे
यह एक गले में खराश से निपटने का सबसे आम तरीका है। यह सुरक्षित और तत्काल राहत प्रदान करता है और गले में मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करने में भी प्रभावी है। इसे तैयार करने के लिए, एक कप गर्म पानी लें और उसमें आधा चम्मच नमक मिलाएं। अच्छी तरह से मिलाएं और गरारे करें।
पिप्पली
पिप्पली में वायुनाशक, दर्द निवारक और कफ को साफ करने वाले गुण पाए जाते हैं। वात प्रकृति वाले लोगों के लिए पिप्पली का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है। खांसी के साथ-साथ ब्रॉन्काइटिस, गठिया, अस्थमा और साइटिका के आयुर्वेदिक इलाज में भी इसका प्रयोग किया जाता है। यह आयुर्वेदिक हर्ब शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में उपयोगी है।
शहद
शहद के एंटी-बैक्टीरियल गुण खांसी से जल्द राहत दिलाते हैं। सिर्फ शहद चाटने से खांसी को दूर किया जा सकता है। रात को सोने से पहले 1 चम्मच शहद पिएं। वहीं शहद के उपयोग का एक तरीका यह भी है कि आधा चम्मच शहद में थोड़ी इलायची और नींबू का जूस डालकर दिन में 3 बार लें।
हल्दी पाउडर
हल्दी के अंदर एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी एवं एंटी ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं। आधी चम्मच हल्दी गर्म दूध में मिला लें। 15 दिनों तक दिन में दो बार पियें। यह खाँसी को कम करके बलगम को गले से निकल देता है। यह सर्वश्रेष्ठ उपायों में से एक उपाय है। इसके अलावा हल्दी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से सूखी खांसी का इलाज होता है। यह खांसी का देसी इलाज है, जो कि बहुत प्रभावी साबित होता है।
काली मिर्च
खाँसी का कोई भी उपचार काली मिर्च द्वारा किया जा सकता है। यह बलगम की झिल्ली को ढीला करता है तथा छाती के जमाव को कम करता है और खोलता है। आप दो तीन साबुत काली मिर्च आधे घंटे तक धीरे धीरे चबाएं फिर उसके ऊपर एक चम्मच शहद खा लें, फिर धीरे-धीरे चबाई हुई इस काली मिर्च को निगल लें। इसके अलावा काली मिर्च और अजवाइन को थोड़ी मात्रा में लेकर आधा चम्मच नमक मिलाकर धीरे-धीरे चबाएं।
अदरक का काढ़ा
अदरक का इस्तेमाल सर्दी-खांसी के घरेलू उपाय के रूप में कई सदियों से किया जा रहा है। यह गले में खराश, उल्टी और दर्द को कम करने में भी घरों में इस्तेमाल की जाती है। दिन में दो बार आधी छोटी चम्मच अदरक के रस में उसी मात्रा में शहद मिलाकर लें। या फिर एक छोटी चम्मच ताजा पिसा हुआ अदरक लें, एक बड़ा चम्मच मेथी दाना और 7 कालीमिर्च लें इन सबको दो कप पानी में तब तक उबालें जब तक यह केवल एक कप के बराबर ना रह जाए। इस काढ़े को दिन में तीन चार बार पीएं।
मुलेठी
रात को सूखी खांसी बेहद परेशान करती है तो मुलेठी, सौंफ और मिश्री का चूर्ण बनाकर खाएं। मुलेठी सौंफ और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर बारीक पाउडर बना लें। इस चूर्ण को रोज रात सोने से पहले शुद्ध शहद के साथ खाएं आपको फायदा मिलेगा।
प्याज
प्याज के अंदर बेहतरीन जीवाणुरोधक, अज्वलनशील, तथा अनेक कीटाणुनाशक तत्व पाए जाते हैं। कटी हुई प्याज का रस पीने से बलगम ढीला हो जाता है, जिससे छाती की जकड़न कम हो जाती है। एक-दो छोटी चम्मच प्याज का रस ले, इसमें एक दो छोटी चम्मच शहद मिलाएँ। इस मिश्रण को 5 घंटे के लिए अलग रखें, फिर रोगी को इसमें से एक चम्मच रस दिन में दो तीन बार दें। या फिर एक-दो छोटी चम्मच प्याज का रस में एक-दो छोटी चम्मच नींबू का रस निचोड़े, थोड़ा पानी डालकर उबालें। जब ठंडा हो जाए 1-2 छोटी चम्मच शहद मिलाएँ। इस कफ सिरप को 5 घंटे के लिए अलग रखें फिर दिन में दो तीन बार एक छोटी
तुलसी
तुलसी में दर्द निवारक, जीवाणुरोधक और रोगाणुरोधक गुण होते हैं। सभी तरह की खांसी के प्रकार में यह उपयोगी है। तुलसी से खांसी कैसे सही करें? इस सवाल का जवाब यह है कि तुलसी के पत्ते, अदरक और शहद से बनी चाय पिएं। तेज रिकवरी के लिए आप तुलसी के पत्तों को चबा भी सकते हैं। खांसी की वजह से गले में दर्द है, तो इसके लिए इसमें दालचीनी का पाउडर भी मिला सकते हैं।
अदरक लहसुन की चाय
खाँसी और गले के दर्द के लिए बहुत फायदेमंद। यह चाय न केवल गले के दर्द में आराम देगी बल्कि यह बलगम की झिल्ली को ढीला कर के छाती की जकड़न भी कम करेगी। एक छोटा अदरक का टुकड़ा, 1-2 लहसुन की कलियाँ, कुछ बूंदे नींबू का रस उबलते पानी में डालें, 15 -20 मिनट इस पानी को उबालें। इस को छानकर एक तरफ रखें, थोड़ा सा शहद मिलाकर रोगी को दें। नींबू का रस खाँसी को कम करने तथा साँस लेने में आसानी लाने में मदद करता है।
Next Story