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लाइफ स्टाइल
आयुर्वेदिक तरीके से करे खूबसूरत बालों की सही रोकथाम
Apurva Srivastav
22 Jun 2023 5:28 PM GMT
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महिलाएं व पुरुष आज से नहीं बल्कि बहुत पुराने जमाने से बाल रंग रहे हैं. वह आज तरह तरह के रंग स्ट्रीक्स करते हैं. इसके लिए पहले उसने बाल ब्लीच करने पड़ते हैं. इससे बालों का टेक्सचर तो बिगड़ता ही है और बाल भी बदरंग हो जाते हैं.
वैसे ब्लीच ना भी करें तो धूप हो या बरसता पानी या तेज ठंड बदलते मौसम की मार बालों पर पड़ती ही है. अगर बालों को काला घना रखना है, तो केमिकल युक्त शैंपू का कलर से बचें. घर पर ही ऐसा उपचार करें कि बाल काले व घने रहे. जानिए कैसे –
आधा लीटर पानी में दो बड़े चम्मच आंवला पाउडर डालकर नींबू निचोड़ लें और इस पानी से रोज अपने बाल धोएं.
एक आंवले का रस एक गिलास पानी में मिलाकर रोज पीने से बाल सफेद होने के झड़ने से बचे रहते हैं.
आधा किलो देसी घी में 125 ग्राम मुलेठी में 200 ग्राम आंवले का रस मिलाकर पकाएं. पानी खत्म होने पर पेस्ट बना लें. पेस्ट को से 3 दिनों के अंतराल में इस्तेमाल करें. बाल काले रहेंगे.
8-10 सूखे आवले व कत्थे का एक टुकड़ा रात में भिगो दें. सुबह इसका पेस्ट बनाकर मेहंदी पाउडर में मिला लें. बालों में लगाएं और 1 घंटे बाद धो दें.
आम की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बनाकर बालों में लगाएं आधे घंटे तक सिर धो लें.
बड़े चम्मच मेहंदी में 2 बड़े चम्मच करौंदे का पाउडर, एक चम्मच कॉफी को थोड़े से पानी में घोलकर बालों पर लगा लें. एक से 2 घंटे लगा रहने दें.
घर पर हेयर कलर करना हो तो
बालों की हर्बल कलरिंग यानी होम मेड कलर बनाकर हेयर कलर के लिए वक्त नहीं है, तो बाजार में उपलब्ध हेयर कलर लगाते समय कुछ बातों का ध्यान रखें-
ब्यूटी पार्लर से कलर कराने पर ब्यूटीशियन ₹200 से ₹500 चार्ज करती है. घर पर हेयर कलर करें, लेकिन सही तरीके से.
एक दिन पहले शैंपू करें. फिर दूसरे दिन बालों पर कलर करें. पहले कान, गर्दन और चेहरे पर कोल्ड क्रीम लगा लें.
ग्लब्स पहने. कलर ब्रश से अच्छी तरह मिक्स कर लें.
बालों को अलग अलग करने की कलचर का इस्तेमाल करें. फिर बाटें हुए बालों को बारी-बारी से कलर करें. जितना टाइम पैक में लिखा है, उतनी देर कलर बालों पर रहने दें. देर तक रहने से स्किन एलर्जी हो सकती हैं. अगर कलर गर्दन या माथे पर आ गया है तो उसे पहुंच दें. कलर किए वालों को हल्के गर्म पानी से कलर निकालना बंद होने तक धोए. फिर कंडीशनर लगा कर धो लें.
ध्यान रहे
डाई या कलर में कुछ ऐसे केमिकल होते हैं, जिनसे स्किन में एलर्जी की शिकायत हो सकती हैं, स्क्रीन टेस्ट जरूर कराएं,
भवों और बरौनियों पर कभी कलर ना लगाएं आंखों की रोशनी तक जा सकती हैं. कलर और स्ट्रेटनिंग एक ही समय पर नहीं कराएं. कलर करने के 6 सप्ताह के अंतराल में स्टेटस करा सकते हैं.
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