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कोरोना पुरुषों को बना रहा नपुंसक, सेक्स से लेकर कई दिक्कते आई सामने
![कोरोना पुरुषों को बना रहा नपुंसक, सेक्स से लेकर कई दिक्कते आई सामने कोरोना पुरुषों को बना रहा नपुंसक, सेक्स से लेकर कई दिक्कते आई सामने](https://jantaserishta.com/h-upload/2021/03/30/999023-stadi.webp)
अगर किसी पुरुष को कोरोनावायरस संक्रमण हुआ है तो उसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी नपुंसकता का खतरा तीन गुना बढ़ जाता है. रोम यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने 100 पुरुषों की फर्टिलिटी की जांच की. इनमें से 28 फीसदी पुरुषों को इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी स्तंभन दोष की समस्या देखने में आई है. जबकि सामान्य स्तर पर 9 फीसदी लोगों को ये समस्या आई है, यानी इन्हें कोरोनावायरस का संक्रमण नहीं था.
रोम यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने 100 लोगों से बातचीत की. इनकी औसत उम्र 33 साल थी. इनमें से 28 पुरुषों को स्तंभन दोष यानी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दिक्कत आ रही थी. जबकि जिन्हें कोरोना नहीं हुआ, उनमें से 9 फीसदी लोगों को ही ये समस्या थी. यानी सामान्य पुरुषों की तुलना में कोरोना संक्रमित पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफक्ंशन की तीन गुना ज्यादा हो जाती है. ये स्टडी एंड्रोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुई है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोनावायरस एंडोथेलियम (Endothelium) में सूजन पैदा कर देता है. यह इंसान की खून की नसों के अंदर की परत होती है. यह पूरे शरीर में होती है. जो नसें पुरुष जननांगों में खून की सप्लाई करती हैं, वो बेहद छोटी और पतली होती हैं. ऐसे में अगर किसी तरह का सूजन होता है तो खून की सप्लाई बाधित होती है. इससे उनके सेक्सुअल बिहेवियर पर असर पड़ता है.
पुरुषों को लेकर कोरोना संक्रमण के असर पर यह एक नई रिसर्च है. ये बात तो प्रमाणित हो चुकी है कोरोना वायरस के संक्रमण का सबसे बुरा असर महिलाओं की तुलना में पुरुषों पर पड़ा है. महिलाओं की तुलना में कोरोना वायरस की वजह से 1.7 गुना ज्यादा पुरुषों की मौत हो रही है. इसके अलावा कई गुना ज्यादा गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं. हालांकि, कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन और कोरोना वायरस का संबंध यौन इच्छाओं को जागृत करने वाले इस्ट्रोजेन (Oestrogen) और टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) हॉर्मोन्स के स्तर पर भी निर्भर करता है. यूनाइटेड किंगडम में कोरोना महामारी से अलग आमतौर पर महिलाएं पुरुषों की तुलना में 3.7 साल ज्यादा जीती हैं. इसके पीछे वजह है इस्ट्रोजेन हॉर्मोन जिसकी वजह से उनका इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है. उन्हें दिल संबंधी बीमारियों से बचाकर रखता है.
अगर टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) हॉर्मोन्स की मात्रा बढ़ जाती है तो भी कार्डियोवस्कुलर सिस्टम में कई तरह की बीमारियों के होने की आशंका बढ़ जाती है. कोरोनावायरस के संक्रमण के बाद इस चीज का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. हाल ही में एक स्टडी आई थी, जिसमें न्यूयॉर्क स्थित इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन की प्रोफेसर शान्ना स्वान ने कहा था कि कुछ खास तरह के रसायनों की वजह से पुरुष अपने पिता बनने की क्षमता को खो रहे हैं. डॉ. शान्ना स्वान ने कहा कि पश्चिमी देशों में यह दर हर साल एक फीसदी अधिक हो रहा है. बच्चे जो पैदा हो रहे हैं उनके लिंग छोटे, विकृत और सिकुड़े हुए हो रहे हैं. इन सब के साथ पुरुषों में स्पर्म काउंट भी घट रहा है. लगातार घट रहे टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन और टेस्टीक्यूलर कैंसर के बढ़ते दर की वजह से भी ऐसा हो रहा है.
डॉ. स्वान ने बताया था कि हमारे खान-पान में फैथेलेट्स (Phathalates) नाम के रसायन की मात्रा बढ़ती जा रही है. ये खिलौनों, डिटरजेंट, फूड पैकेजिंग, पर्सनल केयर प्रोडक्ट, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस, प्लास्टिक फूड कंटेनर्स, फर्निशिंग में उपयोग होने वाले फ्लेम रिटार्डेंट्स. इन सब में ये केमिकल पाया जाता है, जो धीरे-धीरे करके हमारे शरीर के हॉर्मोन्स लेवल को नुकसान पहुंचा रहा है. डॉ. स्वान ने बताया था कि इस रसायन का उपयोग 1950 के बाद तेजी से बढ़ा है. इसके बाद से पुरुषों की फर्टिलिटी तेजी से घटती चली गई. पिछले 40 सालों में पुरुषों का स्पर्म काउंट 50 फीसदी घट गया है. यह बेहद खतरनाक स्थिति है. ऐसा ही रहा तो अगले कुछ दशकों में बच्चे पैदा करने की क्षमता खत्म हो जाएगी. बच्चे पैदा करने के लिए पुरुषों को अपने स्पर्म और महिलाओं को अपने अंडकोष को सुरक्षित रखवाना होगा. ताकि बाद में बच्चे पैदा कर सकें.
इस समय कोरोनावायरस सिर्फ फेफड़ों पर असर नहीं कर रहा है. वह आपके दिमाग, हड्डियों समेत अब प्रजनन क्षमता पर भी असर डाल रहा है. वायरस का असर रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स पर भी काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है. इसका असर सिर्फ पुरुषों पर ही नहीं है, ये महिलाओं की माहवारी और मेनोपॉज पर भी असर डाल रहा है. सेक्स हॉर्मोन्स सिर्फ प्रजनन के लिए नहीं होते, इनका उपयोग शरीर के विकास में भी होता है. अगर ये खत्म होते चले गए तो इंसानों की अगली पीढ़ी के लिए दिक्कत हो सकती है.