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सिर्फ कैंसर बल्कि डायबिटीज और दिल की बीमारियों का भी खतरा कम हो जाता है.
भारत में कई लोग कैंसर के शिकार हैं, ज्यादातर लोगों के लिए ये बीमारी जानलेवा हो जाती है क्योंकि इसके लक्षण शुरुआती दौर में पता नहीं लग पाते. कैंसर के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी बड़ी वजह आपकी अनहेल्दी फूड हैबिट्स हो है. सबसे पहले आपको ये देखना होगा कि जिस कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल आप भोजन को पकाने के लिए कर रहे हैं वो कितना हेल्दी है.
कुकिंग ऑयल बन सकता है कैंसर की वजह
बिना तेल को इस्तेमाल किए भारतीय लजीज डिशेज की कल्पना नहीं की जा सकती, लेकिन अगर आप कुकिंग ऑयल का यूज जरूरत से ज्यादा करते हैं तो ये शरीर के लिए घातक हो सकता है. हाई टेम्प्रेचर पर गर्म किया हुआ खाना बॉडी के पीएच लेवल को अनियंत्रित कर देता है, जिसके कारण पेट की चर्बी बढ़ना, इनडाइजेशन, गैस, कब्ज जैसी बीमारी हो सकती है.
कई रिसर्च में पाया गया है कि अगर खाने में सैचुरेटेड फैट का इस्तेमाल अधिक होता है या फिर वेजिटेबल ऑयल को ज्यादा यूज करते हैं तो ये बेहद खतरनाक तरीका है. ऐस खाद्य तेल को अपने किचन से तुरंत हटा लें वरना ये कैंसर का कारण बन सकते हैं.
इन तेलों से बना लें दूरी
सनफ्लावर, सोयाबीन और पाम ऑयल अगर ज्यादा गर्म हो जाएं तो एल्डिहाइड केमिकल छोड़ने लगते हैं ये कैंसर पैदा करने वाला तत्व है. इसकी की वजह से बॉडी में कैंसर सेल्स पैदा होने लगते हैं, बेहतर है कि इन तेलों के इस्तेमाल को तुरंत रोक दें.
कुछ कुकिंग ऑयल में पॉलीअनसेचुरेटेड फैट काफी ज्यादा पाया जाता है. अगर इसे हाई टेम्प्रेचर पर गर्म किया जाए तो ये एल्डिहाइड में टूटने लगता है. डीमोनफोर्ट यूनिवर्सिटी में की गई स्टडी में ये बात सामने आई है कि कुछ तेलों में डेली यूज की लिमिट से 200 गुना ज्यादा एल्डिहाइड पाया जाता है.
किन तेलों का करें इस्तेमाल?
कुछ ऐसे तेल हैं जिनके इस्तेमाल से कैंसर का खतरा काफी कम होता जिसमें धी, सफेद मक्खन, ऑलिव ऑयल शामिल हैं. इन तेलों को गर्म करने पर एल्डीहाइड कम टूटते हैं. हालांकि बेहतर है कि आप तैल युक्त खाने का सेवन कम करें, इससे न सिर्फ कैंसर बल्कि डायबिटीज और दिल की बीमारियों का भी खतरा कम हो जाता है.
Neha Dani
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