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भोजन ऊर्जा बनने से पहले हमारे खून में ग्लूकोज के रूप में इकट्ठा होता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भोजन ऊर्जा बनने से पहले हमारे खून में ग्लूकोज के रूप में इकट्ठा होता है और फिर वहां से हमारी कोशिकाएं उस ग्लूकोज का इस्तेमाल कर उसे ऊर्जा में बदलने का काम करती हैं। लेकिन ग्लूकोज को अपनी कोशिकाओं तक पहुंचने के लिए एक हॉर्मोन की जरूरत होती है जिसे इंसुलिन कहा जाता है। ये इंसुलिन एक ग्रंथि से निकलता है, एक अंग है जिसे पैनक्रियाज के नाम से जाना जाता है। इंसुलिन न होने या कम होने से ग्लूकोज कोशिकाओं तक सही तरह से नहीं पहुंच पाता और खून में इकट्ठा होने लगता है। बाहर से खाना खाने पर और ग्लूकोज का शरीर में आना जारी ही रहता है। इसी स्थिति को शुगर का बढ़ना कहा जाता है।
टाइप-1 डायबिटीज
अगर पैनक्रियाज बिल्कुल ही इंसुलिन न बनाए या बहुत ही कम मात्रा में बनाए जिसका शरीर इस्तेमाल ही न कर पाए तो इसे टाइप 1 डायबिटीज कहा जाता है। इन मरीजों को इंसुलिन बाहर से इंजेक्शन द्वारा लेनी पड़ती है।
टाइप-2 डायबिटीज
इसमें इंसुलिन बन तो रहा है लेकिन शरीर इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है तो इसे टाइप 2 डायबिटीज कहा जाता है।
तो ऐसे कुछ योग हैं जिनके माध्यम से कुछ हद तक डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है जिसके बारे में आज हम जानेंगे।
मंडूकसान
व्रजासन की अवस्था में बैठ जाएं। हाथों की चार उंगलियों को मोड़ते हुए अंगूठे को बीच में दबा लें। अब नाभि के थोड़ा नीचे किनारे पर हाथों को रखें। गहरी लंबी सांस लें और सांस छोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें। सामने की ओर देखने का प्रयास करें। हाथों का पूरा प्रेशर पेट पर लगना चाहिए। 10-20 सेकेंड इस अवस्था में रूकें। सांस भरते हुए वापस जाएं और रिलैक्स हो जाएं।
फायदे
मंडूकासन शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ाता है। अग्न्याशय के फंक्शन में सुधार लाता है। हाई ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के साथ ही यह हृदय रोगों में भी फायदेमंद है।
Ritisha Jaiswal
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