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नियमित जौ के सेवन से गर्भपात की समस्या होती है दूर, जाने कैसे

Kiran
23 July 2023 12:56 PM GMT
नियमित जौ के सेवन से गर्भपात की समस्या होती है दूर, जाने कैसे
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जौ पृथ्वी पर सबसे प्राचीन काल से कृषि किये जाने वाले अनाजों में से एक है। इसका उपयोग प्राचीन काल से धार्मिक संस्कारों में होता रहा है। लेकिन अगर हम इसके फायदे के बारे में बात करें तो शायद उंगलियों में गिन नहीं पाएंगे। जौ ऐसा अनाज है जिसके सेवन से हमारे शरीर को कई पोषक तत्व तो मिलते ही हैं साथ ही हैं साथ ही ये हमें कई बीमारियों से भी बचाता है। जौ में विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैगनीज, सेलेनियम, जिंक, कॉपर, प्रोटीन, अमीनो एसिड, डायट्री फाइबर्स और कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। आइये जानते है कि किस तरह से जौ हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
गर्भपात : जिन लोगों को गर्भपात होता है उनके लिए जौ अमृत से कम नहीं हैं। इसके सेवन से गर्भपात की समस्या दूर होती है। जौ के आटे को घी और ड्राई फ्रूट के साथ मिलाकर लड्डू बना कर खाया जा सकता है। इसके अलावा जौ का छना हुआ आटा, तिल और शक्कर के मिश्रण को शहद के साथ मिलाकर खाने से भी गर्भपात रुकता है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल : ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए भी जौ का पानी बहुत फायदेमंद होता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होने की वजह से दिल से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होने का खतरा कम हो जाता है। इससे दिल भी स्वस्थ रहता है।
गले की सूजन : थोड़ा सा जौ कूट कर पानी में भिगो दें। कुछ समय के बाद पानी निथर जाने पर उसे गरम करके उसके कूल्ले करे। इससे शीघ्र ही गले की सूजन दूर हो जायेगी।
पथरी : जौ का पानी पीने से पथरी गल जाती है। पथरी के रोगियों को जौ से बनी चीजें, जैसे-रोटी, धाणी, जौ का सत्तू लेना चाहिए। इससे पथरी निकलने में सहायक मिलती है तथा पथरी नहीं बनती है, आन्तरिक बीमारियों और आन्तरिक अवयवों की सूजन में जौ की रोटी खाना लाभकारी है।
डायबिटीज : डायबिटीज को अगर धीमी मौत कहें तो कुछ गलत नहीं होगा। ये बीमारी लोगों की लाइफस्टाइल पर निर्भर करती है। इसके लिए कोई एलोपेथी दवा काम नहीं करती। इसलिए इस बीमारी से छुटकारे के लिए आपको हेल्दी डाइट लेने की जरूरत है। डायबिटीज के रोगी जौ के आटे की रोटी और सत्तू बनाकर खा सकते हैं। जौ के आटे में चने का आटा मिलाकर भी खाया जा सकता है।
मोटापा : लगभग 95 प्रतिशत लोग मोटापे की समस्या से परेशान रहते हैं। जौ के सत्तू और त्रिफले के काढ़े में शहद मिलाकर पीने से मोटापा समाप्त हो जाता है। इसके अलावा जो व्यक्ति कमजोर हैं वे जौ को दूध के साथ खीर बना कर खाने से मोटे हो जाते हैं।
रंग निखारना : जौ सिर्फ आंतरिक ही नहीं बल्कि बाहरी रूप से भी लाभकारी है। ये रंग को निखारने के लिए वरदान है। जौ का आटा, पिसी हुई हल्दी और सरसों के तेल को पानी में मिलाकर लेप बना लें। रोजाना शरीर में इसका लेप करके गर्म पानी से नहाने से रंग निखरता है।
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