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सिर दर्द या बदन दर्द होने पर हम सबसे पहले पैरासिटामॉल युक्त गोलियां खा लेते हैं. पर क्या आप जानते हैं, इन गोलियों से दर्द कम हो न हो, आपका लिवर और आपकी किडनी पर नकारात्मक असर दिखना शुरू हो जाता है. आइए जानें, कैसे पैरासिटामॉल का नियमित सेवन हमें छोटे-मोटे दर्द से भले राहत दिला दे, पर इसका ओवरडोज़ ज़िंदगीभर का दर्द दे सकता है.
पेन किलर, जो हमारी किडनी को भी धीरे-धीरे ख़राब करता है
जब हमें सिरदर्द होता है तब हममें से ज़्यादातर लोग झटपट पेनकिलर गटक लेते हैं. सिरदर्द ठीक नहीं होने पर हम थोड़ी देर बाद एक और गोली खा लेते हैं. मतलब जो दवाई 24 घंटे में एक बार लेनी थी, हमने वह 1 घंटे में दो बार ले ली. यह पेनकिलर का ओवरडोज़ किडनी को तुरंत ख़राब कर देता है. आप रोज़ाना एक पेनकिलर खाओगे तो हो सकता है कई महीने तक आपकी किडनी ख़राब नहीं हो लेकिन ओवरडोज़ तो एक दिन में ही इन्हें डैमेज कर देगा. बेइंतहा सिरदर्द बंद न होने पर एक और गोली गटकने की हमारी छोटी-सी लापरवाही के कारण हम अपनी किडनी के साथ समझौता कर बैठते हैं. सिरदर्द में हमेशा याद रखें कि इसे किडनी डैमेज करने की क़ीमत पर सिरदर्द ठीक नहीं करना है. सिरदर्द के समय दर्द होता है मैं जानता हूं, लेकिन आप मतिभ्रम ना होने दें, अपना अच्छा-बुरा सोच कर ही दवाइयां लें.
लिवर को भी होता है पैरासिटामॉल से नुक़सान
दोस्तो मैं यह किसी पेथी की या उनकी किसी प्रसिद्ध दवाई की आलोचना नहीं कर रहा. मैं तो बस आपको यह बताना चाहता हूं कि पैरासिटामॉल के उपयोग में थोड़ी-सी सावधानी से हम अपने और अपने बच्चों के लिवर को डैमेज होने से बचा सकते हैं. जब हमारी सेल्स में कोई टूट-फूट होती है तो उसमें से कुछ रसायन निकलते हैं, जो अंत में प्रोस्टाग्लैंडइन का निर्माण करते हैं और इससे हमें दर्द और बुख़ार आता है. पैरासिटामॉल के बारे में वैज्ञानिकों का यह मत है कि यह इस प्रक्रिया को बाधित करता है. यह केवल एक कल्पना है हक़ीक़त में कोई नहीं जानता कि पेरासिटामॉल कैसे कार्य करती है. ख़ैर हमें बस यह जानना है कि यह बुख़ार उतारती है और इसे बुख़ार उतारने में 1 से 2 घंटे लग सकते हैं. अगर सेल डैमेज लगातार ज़्यादा हो रहा हो तो बुख़ार उतरने में और भी ज़्यादा समय लगेगा. ग़लतियां हम यहीं पर कर जाते हैं. जब हमारा बुख़ार नहीं उतरता है तो हम एक और गोली गटक लेते हैं या बच्चों को एक चम्मच दवाई और पिला देते हैं. बुख़ार फिर भी नहीं उतरा तो आधा एक घंटे में एक डोज़ और ले लेते हैं. यह पैरासिटामॉल का ओवरडोज़ हमारे लिवर के लिए घातक ज़हर का काम करता है और उसे डैमेज कर देता है.
फिर क्या करें पैरोसिटामॉल खाएं या नहीं?
* पैरासिटामॉल लेने के बाद एक और डोज़ बहुत जल्दी ना लें. कम से कम छह घंटे के बाद ही लें, वह भी यदि बहुत आवश्यक हो तो.
* कोई और फ़ॉर्मूला जिसमें पैरासिटामोल हो वह साथ-साथ ना लें. यह भी ओवरडोज़ का एक बड़ा कारण है.
* बच्चों को बात-बात पर पैरासिटामॉल ना पिलाएं और यदि ज़रूरत हो तो डॉक्टर ने जितना डोज़ बताया है केवल उतना ही दे.
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