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पुरुषों को होनेवाली आम स्वास्थ्य संबंधी‌ समस्याएं

Kajal Dubey
28 April 2023 1:55 PM GMT
पुरुषों को होनेवाली आम स्वास्थ्य संबंधी‌ समस्याएं
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पुरुषों को होनेवाली कुछ सामान्य ‌बीमारियां, जिनके लक्षण बहुत कम दिखते हैं. सामान्य चेकअप के दौरान इनके बारे में कुछ पता नहीं लग पाता है. लेकिन यदि सही समय पर इनका इलाज न किया जाए तो ये जानलेवा साबित हो सकते हैं. हम पुरुषों को होनेवाली कुछ प्राणघातक बीमारियों के बारे में बता रहे हैं ताकि आप रख सकें अपने साथी का सही ख़्याल
प्रॉस्टेट कैंसर
ख़तरे की घंटी: पुरुषों को प्रॉस्टेट कैंसर होने का ख़तरा बहुत ज़्यादा होता है और यह तक़रीबन 15 फ़ीसदी पुरुषों को प्रभावित करता है. प्रॉस्टेट (पुरुष मूत्राशय के पास स्थित ग्रन्थि) से शुरू होनेवाला यह कैंसर शरीर के दूसरे भागों में भी फैल सकता है. यह आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक आयुवाले पुरुषों को होता है, लेकिन हाल ही में ऐसे बहुत-से मामले आए हैं, जिनमें 35 वर्ष की आयुवाले पुरुष भी प्रॉस्टेट कैंसर से पीड़ित पाए गए हैं.
इससे बचने का तरीक़ा: कम वसा युक्त खाद्य पदार्थ ग्रहण करें. खाने में डेयरी व सोया प्रॉडक्ट्स शामिल करें. रेड मीट व अल्कोहल का सेवन कम से कम करें. जो लोग व्यायाम नहीं करते, उन्हें प्रॉस्टेट कैंसर होने का ख़तरा अधिक होता है.
कब कराएं चेकअप: प्रॉस्टेट की जांच के लिए हर वर्ष ऐंटीजेन ब्लड टेस्ट व 35 वर्ष की उम्र के बाद डिजिटल रेक्टल (मलद्वार के पास का हिस्सा) जांच करवाएं.
किडनी की बीमारी
ख़तरे की घंटी: किडनी संबंधी बीमारियां सामान्य होती जा रही हैं. मधुमेह और हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों व 60 वर्ष से अधिक आयुवालों को किडनी की बीमारी होने का ख़तरा ज़्यादा होता है. ऐसी बीमारी में किडनी काम करना बंद कर देती है, जिसके कारण पानी और मूत्र ख़ून में एकत्रित होने लगता है.
इससे बचने का तरीक़ा: इस बीमारी से बचने में भोजन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. अधिक मात्रा में फल, सब्ज़ियां, दाल व फलियां ग्रहण करें. मछली व कम चर्बी वाला गोश्त खाएं. नमक और शक्कर का सेवन कम से कम करें. मीठे पेय पदार्थों से परहेज़ करें. प्रतिदिन 2 से 3 लीटर पानी पिएं और व्यायाम करके अतिरिक्त चर्बी घटाएं.
कब कराएं चेकअप: 35 वर्ष की उम्र के बाद किडनी की कार्यप्रणाली व ऐल्ब्युमिन (एक प्रकार का प्रोटीन) की जांच के लिए युरिन टेस्ट करवाएं. 40 की उम्र के बाद नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक करवाएं.
लिवर की बीमारी
ख़तरे की घंटी: लिवर की बीमारी एक ऐसी दशा है, जो लिवर की कोशिकाओं की बनावट व उसके कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है. यह किसी वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण की वजह से हो सकती है, लेकिन यह अधिकतर भोजन में पौष्टिक तत्वों की कमी, कुपोषण, अल्कोहल और लंबे समय तक ड्रग्स लेने के कारण होती है. इसकी शुरुआत पीलिया के रूप में हो सकती है. पेट के चारों तरफ़ की नसों में सूजन एवं जी मचलाना इत्यादि इसके प्रमुख लक्षण हैं. लंबे समय तक सैचुरेटेड फ़ैट्स (मक्खन, घी और प्रोसेस्ड मीट) का सेवन करने से फ़ैटी लिवर डिज़ीज़ होने का ख़तरा होता है, जिसकी वजह से गुर्दे में सूजन हो सकती है.
इससे बचने का तरीक़ा: नियमित रूप से व्यायाम करना ज़रूरी है, क्योंकि मोटापे की वजह से भी लिवर संबंधी बीमारियों होती हैं. अल्कोहल का सेवन कम करें. ताज़े फल व सब्ज़ियां खाएं.
कब कराएं चेकअप: 30 वर्ष की आयु के बाद शरीर में प्रोटीन व ब्लड सीरम के स्तर की जांच के लिए हर वर्ष लिवर फ़ंक्शन टेस्ट करवाएं.
हाई कोलेस्ट्रॉल
ख़तरे की घंटी: यह किसी प्रकार का लक्षण या दर्द नहीं दिखाता है इसलिए ज़्यादातर पुरुष जब तक कोलेस्ट्रॉल चेक नहीं करवाते, उन्हें यह पता ही नहीं चलता है कि उनका कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है. यह हृदय की धमनियों में अवरुद्धता और दिल की बीमारी का प्रमुख कारण है. यह हृदय को रक्त व मस्तिष्क को ऑक्सिजन पहुंचाने वाली धमनियों को अवरुद्ध कर देता है, जिसके कारण स्ट्रोक का ख़तरा बढ़ जाता है. यह धीरे-धीरे हमारे शरीर को क्षतिग्रस्त करता रहता है और बाद में अचानक हार्ट अटैक का रूप ले लेता है.
इससे बचने का तरीक़ा: नियमित व्यायाम से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखा जा सकता है. यहां तक कि सामान्य एक्सरसाइज़ेस, जैसे प्रतिदिन आधे घंटे पैदल चलने एवं लिफ़्ट के बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करने से भी फ़ायदा होता है. लेकिन यदि आप भोजनप्रेमी हैं तो आपको कठोर व्यायाम करने की ज़रूरत है. अंडा, चीज़ व तले-भुने खाद्य पदार्थों से परहेज़ करें एवं इसके बजाय ज़्यादा फ़ाइबर युक्त खाद्य पदार्थ व निम्न फ़ैट युक्त डेयरी प्रॉडक्ट्स खाएं. रेड मीट न लें व अल्कोहल की मात्रा घटा दें.
कब कराएं चेकअप: 30 वर्ष की आयु के बाद एलडीएल, एचडीएल और ट्राइग्लिसेराइड्स की जांच के लिए हर वर्ष ब्लड चेकअप करवाएं.
अन्य बीमारियां
हाइपरटेंशन: हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप के भी कोई लक्षण नहीं होते, जिसकी वजह से सही समय पर इसका पता नहीं चल पाता. इसके कारण हृदय की बीमारी होने का ख़तरा बहुत ज़्यादा होता है. धूम्रपान, ग़लत जीवनशैली, मदिरापान और कोलेस्ट्रॉल से भरपूर भोजन का सेवन करने के कारण हाइपरटेंशन होता है. व्यायाम का अभाव, मोटापा व तनाव के कारण भी ये होता है. हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों को हृदय और गुर्दे की बीमारी होने का ख़तरा ज़्यादा होता है.
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