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सिंगल महिलाएं शादीशुदा महिलाओं के मुकाबले रहती हैं ज्यादा खुश

Bharti sahu
18 Aug 2022 9:25 AM GMT
सिंगल महिलाएं शादीशुदा महिलाओं के मुकाबले रहती हैं ज्यादा खुश
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हते हैं जिंदगी को सही तरीके से जीने के लिए हर किसी को अच्छे जीवनसाथी की ज़रूरत होती है

हते हैं जिंदगी को सही तरीके से जीने के लिए हर किसी को अच्छे जीवनसाथी की ज़रूरत होती है. एक ऐसा लाइफ पार्टनर जो आपके हर सुख-दुख में आपके साथ खड़ा हो, आपको अच्छी तरह से समझता हो, आपकी भावनाओं की कद्र करता हो और आपसे बेहद प्यार करता हो. यदि इन सभी क्वालिटी वाला जीवनसाथी मिल जाए तो भला कौन सिंगल रहना चाहेगा. हालांकि, ये समाज आज भी पुरुषों के अकेले रहने को एक्सेप्ट कर लेती है, लेकिन जब एक महिला बिना शादी किए ही अपनी लाइफ अकेले बिताना चाहे, तो लोग दस तरह के सवाल करने लगते हैं. महिला में ही खोट, कमी निकालना शुरू कर देते हैं. पुरुषों और महिलाओं के सिंगल होने पर पूछे जाने वाले ऐसे सवाल भी बहुत अलग होते हैं. हालांकि, कई महिलाएं और पुरुष खुशी-खुशी अपनी शादीशुदा जिंदगी व्यतीत करते हैं, लेकिन एक रिसर्च के मुताबिक, कुछ महिलाएं सिंगल रहकर पूरी तरह से खुशी महसूस करती हैं. आखिर क्या है इसकी वजह, आइए जानते हैं यहां…

बच्चे के बिना अकेली महिला रहती है खुश और हेल्दी
साइकोलॉजीटुडे डॉट कॉममें छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में बिहेवियरल साइंस के प्रोफेसर और हैप्पीनेस एक्सपर्ट पॉल डोलन का कहना है कि बिना बच्चे और सिंगल महिलाएं सबसे अधिक खुश होती हैं. जहां पुरुषों को शादी करने से कई लाभ मिलते हैं, वही ये बात महिलाओं के लिए नहीं कही जा सकती है. डोलन ये भी मानते हैं कि एक विवाहित पुरुष कम जोखिम लेते हैं, जिसके कारण वे स्वस्थ होते हैं. सिंगल वूमेन के मुकाबले मध्यम आयु वर्ग की विवाहित महिलाओं में मानसिक और शारीरिक दोनों स्थितियों का उच्च जोखिम होता है. अंत में डोलन ने अपने शोध में ये निष्कर्ष निकाला कि सबसे स्वस्थ और खुशहाल वे महिलाएं होती हैं, जिन्होंने कभी शादी नहीं की या जिनके बच्चे नहीं हैं.
महिलाएं पुरुषों के मुकाबले सिंगल रहकर होती हैं संतुष्ट?
कुछ अन्य शोध दर्शाते हैं कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में अकेले होने से अधिक संतुष्ट होती हैं और वे रिश्ते की तलाश में अधिक नहीं रहती है. एसेक्स यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर एमिली ग्रंडी के अनुसार, महिलाएं पुरुषों की तुलना में घरेलू कार्यों में अधिक समय व्यतीत करती हैं. वे अधिक भावनात्मक कार्य भी करती हैं. वे घर के काम, खाना पकाने और अन्य चीजों के साथ-साथ अधिक भावनात्मक रूप से भी मेहतन करती हैं.
इतना ही नहीं, कई सिंगल वूमेन जीवनसाथी चुनने में काफी सेलेक्टिव भी होती हैं. ऐसे में उन्हें मनपसंद का साथी नहीं मिलता, तो वे सिंगल रहना भी पसंद करती हैं. एक साथी चुनते समय एकल महिलाएं एकल पुरुषों की तुलना में अधिक चयनात्मक हो सकती हैं, क्योंकि वे अपनी लाइफस्टाइल और अपनी आजादी का भरपूर आनंद लेने में यकीन रखती हैं. सिंगल होकर वे अपने तरीके से जिंदगी जीती हैं. अपनी खुशियों का गला नहीं घोटती हैं, जो शादीशुदा जिंदगी में बेहद कम ऐसा देखने को मिलता है.


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