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लाइफ स्टाइल
बच्चे अपने माता-पिता की सेहत का रखे ख्याल, जानिए कैसे रखे
Neha Dani
12 July 2023 2:56 PM GMT
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लाइफस्टाइल: अक्सर अभिभावक बच्चों की सेहत और उनके जीवन से जुड़ी हर बात का ध्यान रखते हैं, लेकिन जब बात खुद के स्वास्थ्य की होती है, तो वह लापरवाही करते हैं । कई बार बच्चों को खाँसी या छींक आने पर घरेलू नुस्खों से लेकर डॉक्टर की कड़वी दवाओं तक इलाज अपनाने वाली माँ खुद तेज बुखार को भी अनदेखा कर देती हैं । पिता के बीमारी पड़ने पर मां उनका भी ख्याल रखती हैं, लेकिन आमतौर पर मां के स्वास्थ्य का ध्यान रखने वाला कोई नहीं होता । कम उम्र के बच्चे माता पिता के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क नहीं होते, लेकिन बड़े होने पर वह भी माता-पिता का उसी तरह ख्याल रखने लगते हैं, जैसे एक माँ रखती है। हालांकि पढ़ाई और नौकरी के कारण घर से दूर रहने वाले बच्चे चाह कर भी माता-पिता की सेहत की निगरानी नहीं कर पाते। ऐसे में जो बच्चे घर से दूर हैं यानी नौकरी या पढ़ाई के लिए दूसरे शहरों में रहते हैं, वह कुछ तरीकों को अपना कर माता या पिता की देखरेख कर सकते हैं ।
कामकाज के कारण वक्त न मिल पाने के कारण अक्सर बच्चे अपने माता पिता से रोजाना बात नहीं कर पाते । कभी कभी कुछ दिनों के अंतराल में फोन काल करके माता-पिता की हाल खबर लेते हैं। ऐसे में अभिभावक की सेहत के बारे में उन्हें सही जानकारी नहीं मिल पाती। इसलिए जो बच्चे घर से दूर हैं, वह वक्त निकालकर रोजाना कुछ मिनट अपने माता-पिता से कॉल पर बात करें और उनकी सेहत के बारे में जानकारी रखें। साथ ही उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें । बच्चों को अपने बूढ़े मां बाप का हर 3 महीने में एक बार हेल्थ चेक अप जरूर कराना चाहिए। इससे अभिभावक के स्वास्थ्य को लेकर आप पहले से सतर्क रहेंगे। साथ ही अगर अभिभावक को कोई शारीरिक परेशानी है तो इसका भी पता चल जाएगा।
नौकरी या शिक्षा के लिए बच्चे घर से दूर रहने लगते हैं और घर पर उनके बूढ़े माता-पिता अकेले रह जाते हैं। बच्चों को ऐसी स्थिति में अपने आस पड़ोसियों या रिश्तेदारों के सम्पर्क में रहना चाहिए और समय समय पर अपने अभिभावक की हाल खबर लेते रहना चाहिए । ताकि अगर आपके अभिभावक को कोई समस्या हो तो तत्काल मदद मिल सके । नौकरीपेशा लोगों को अपने माता-पिता का स्वास्थ्य बीमा जरूर करा लेना चाहिए। इस तरह वह माता पिता की तबीयत ठीक ना होने पर उनका समुचित इलाज करा सकेंगे। कई बार माता-पिता बच्चों पर अधिक दबाव ना आए, इस कारण अपनी सेहत से जुड़ी दिक्कतें छुपा लेते हैं, लेकिन अगर भविष्य को लेकर आप योजनाएं बनाकर रखेंगे तो माता-पिता भी बच्चों से कुछ भी छुपाने में झिझक महसूस नहीं करेंगे।
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