- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- इस उम्र के बच्चे...
लाइफ स्टाइल
इस उम्र के बच्चे वीडियो गेम से नहीं बिगड़ते,जानिए इसके कई फायदे
Deepa Sahu
17 Feb 2021 2:46 PM GMT
x
आजकल कोरोना की वजह से बच्चे घर पर ही हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: आजकल कोरोना की वजह से बच्चे घर पर ही हैं और ऐसे में वो आउटडोर गेम्स की जगह इंडोर गेम्स खेल रहे हैं। बच्चों को वीडियो गेम्स भी बहुत पसंद आते हैं। वीडियो गेम्स में बच्चों को उनकी पसंद के कैरेक्टर मिलते हैं जिनके साथ वो खूब खेल सकते हैं। हालांकि, वीडियो गेम्स के बच्चों के लिए फायदे के साथ-साथ नुकसान भी होते हैं जिनके बारे में आज हम आपको यहां बताने जा रहे हैं।
दिमाग की पॉवर होती है तेज
वीडियो गेम्स बच्चों की बौद्धिक क्षमता को कई तरह से प्रभावित करता है जैसे कि ध्यान लगाने, विजुअल प्रोसेसिंग, याद्दाश्त, रीजनिंग और परसेप्शन। यह रिजल्ट अमेरिकन साइकोलोजिकल एसोसिएशन के अनुसार है। इस एसोसिएशन ने वीडियो गेम्स पर एक मेटा एनालिसिस किया था जिसमें बच्चों पर वायलेंट गेम्स का बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव की बात कही गई थी। उनका मानना है कि इससे बच्चे की अलग-अलग तरह से सोचने की क्षमता बढ़ती है।
हाथ और आंखों का तालमेल
वीडियो गेम्स खासतौर पर शूटर गेम्स से बच्चों की आंखों और हाथों का को-ऑर्डिनेशन बेहतर होता है। कुछ गेम्स में बच्चों को जीतने के लिए बहुत अच्छे स्किल्स की जरूरत होती है और वीडियो गेम्स खेलकर बच्चे ये स्किल सीखते हैं। जैसे कि गेम्स से बच्चे पोजीशन, स्पीड, लक्ष्य और डायरेक्शन आदि पर ध्यान देते हैं। दिमाग ये सब डाटा लेता है और आंखों एवं हाथों के साथ को-ऑर्डिनेट करता है।
इसके अलावा वीडियो गेम्स बच्चे को कुछ ही सेकंड में सही निर्णय लेने के लिए भी तैयार करते हैं। इसके लिए बच्चे को गेम के अंदर अचानक आए बदलावों के साथ ध्यान लगाने की क्षमता आती है।
वीडियो गेम खेलने के अन्य फायदे
शोधकर्ताओं का कहना है कि वीडियो गेम्स से टीएनज बच्चों में मुश्किल को सुलझाने का कौशल आता है।अगर गेम में कुछ बच्चे के हिसाब से नहीं हो रहा होता, तो वो उस स्थिति से निकलने के रास्ते ढूंढता है, जिससे उसे मुश्किल से निकलने का कौशल सीखने में मदद मिलती है।एंगरी बर्ड्स जैसे गेम्स बच्चों को खुश करते हैं और उनके मूड में भी सुधार लाते हैं। गेम्स बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी फेलियर को हैंडल करना सिखाता है।पजल या गेम जैसी बच्चों को यह बताती हैं कि इंटेलिजेंस कभी भी फिक्स नहीं रहती है और इसमें सुधार किया जा सकता है। इसके लिए आपको हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए।एजुकेशनल वीडियो गेम्स से बच्चों को अपने स्कूल के विषयों को समझने में भी मदद मिलती है।
वीडियो गेम्स के नेगेटिव इफेक्ट
माना जाता है कि वीडियो गेम्स से बच्चों के व्यवहार पर नकारात्मक असर पड़ता है। इससे उनमें गुस्सैल प्रवृत्ति बन सकती है। कई रिसर्च में भी सामने आया है कि वायलेंट वीडियो गेम्स से बच्चों में गुस्सैल व्यवहार को बढ़ावा मिलता है।इसके अलावा बच्चों को वीडियो गेम्स की बहुत जल्दी लत भी लग सकती है। पैथोलॉजिकल गेम्स की वजह से बच्चों में एंग्जायटी, अनिद्रा, लोगों से दूरी बनाकर रखने और डिप्रेशन का खतरा हो सकता है।
वहीं वीडियो गेम्स से टीएनज बच्चों की स्कूल में परफॉर्मेंस भी खराब हो सकती है। कई घंटों तक वीडियो गेम्स खेलने से पढ़ाई पर बुरा असर पड़ता है। सेहत के लिए भी वीडियो गेम्स नुकसानदायक हो सकती हैं। वर्चुअल गेम्स कई घंटे तक खेलने से बच्चे फिजीकल एक्सरसाइज के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। इससे बच्चों में मोटापा बढ़ सकता है। कई बार बच्चे गेम के चक्कर में खाना तक नहीं खाते हैं जिसका बुरा असर उनकी सेहत पर पड़ता है।
Next Story