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चाणक्य नीत: बहुत जल्दी नष्ट हो जाते हैं ये लोग

Gulabi
24 May 2021 7:18 AM GMT
चाणक्य नीत: बहुत जल्दी नष्ट हो जाते हैं ये लोग
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चाणक्य नीत

आचार्य चाणक्य की गिनती आज के समय में भी श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है। आचार्य चाणक्य न केवल एक विद्वान बल्कि एक योग्य शिक्षक भी थे। इन्होंने विश्वप्रसिद्ध तक्षशिला विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की और वहीं पर शिक्षक के रूप में विद्यार्थियों को शिक्षा भी प्रदान की। इनके जीवन का बहुत सारा हिस्सा अध्यापन के कार्य में ही व्यतीत हुआ। ये कई विषयों की गहरी समझ रखते थे। ये अर्थशास्त्र के मर्मज्ञ थे, जिसके कारण इन्हें कौटिल्य कहा जाता था। आचार्य चाणक्य एक कुशल, राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे। इन्होंने अपनी बुद्धि और नीतियों के बल पर ही नंद वंश का नाश करकें चंद्रगुप्त को एक साधारण बालक से सम्राट के रूप में स्थापित किया। इनके द्वारा लिखित नीतिशास्त्र की बातें आज भी लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं लेकिन इनकी नीतियों को कई बार तोड़मरोड़ कर पेश किया जाता है। यदि नीति शास्त्र की बातों के अर्थ को सही प्रकार से समझा जाए तो यह जीवन के हर एक पहलू के स्पर्श करती हैं। नीतिशास्त्र की शिक्षाओं के सार को अपने जीवन में उतारकर व्यक्ति सुखी और संतुष्ट जीवन व्यतीत कर सकता है। नीति शास्त्र में तीन ऐसी चीजों के बारे में बताया है जो बहुत जल्दी नष्ट हो जाती हैं। तो चलिए जानते हैं क्या कहती है चाणक्य नीति


नदी किनारे लगे हुए पेड़

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि नदी किनारे लगे हुए पेड़ बहुत जल्दी नष्ट हो जाते हैं क्योंकि जब नदीं में वेग आता है तो वह सबसे पहले अपने आस-पास की चीजों को बहा ले जाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि नदी के वेग से सदैव दूर रहना चाहिए।

दूसरों के घर में रहने वाले लोग

चाणक्य के अनुसार जो लोग दूसरों के घर में रहते हैंं, वे बहुत जल्दी नष्ट हो जाते हैं, क्योंकि ऐसे व्यक्ति के पास स्वयं का कुछ नहीं होता है। ये केवल दूसरों पर आश्रित होते हैं और दूसरों पर आश्रित रहने वालों का कोई अस्तित्व नहीं होता है, इसलिए ये बहुत जल्दी नष्ट हो जाते हैं।

बिना मंत्री राजा

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बिना मंत्री का राजा बहुत जल्दी नष्ट हो जाता है क्योंकि मंत्री ही वह व्यक्ति होता है जो राजा को सही समय पर सही सलाह देता है और उसे राज्य के बारे में अवगत कराता है।


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