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चाणक्य नीति: अगर आपके हैं एक से ज्यादा दुश्मन, तो उनसे जीतने के लिए ध्यान में रखें ये बातें

Gulabi
17 April 2021 4:00 PM GMT
चाणक्य नीति: अगर आपके हैं एक से ज्यादा दुश्मन, तो उनसे जीतने के लिए ध्यान में रखें ये बातें
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आचार्य चाणक्य की नीतियों के बारे में कौन नहीं जानता लेकिन

आचार्य चाणक्य की नीतियों के बारे में कौन नहीं जानता लेकिन उनकी कही गई बातें लोग समझना नहीं चाहते. उन्होंने जीवन से जुड़ी इतनी सारी गूढ़ बातें बतलाई हैं, जिन्हें एक व्यक्ति अगर समझ ले और उसे अपने जीवन में आत्मसात कर ले तो उसका पूरा जीवन ही पलट सकता है और वो सफलता के मार्ग पर प्रशस्त हो सकता है लेकिन हम भाग-दौड़ वाले जीवन से संबंध रखते हैं.


ठहरने के बारे में सोचते नहीं या फिर हमारे पास समय का अभाव है, ऐसा हम समझते हैं लेकिन दो पल का ठहराव जीवन में होना लाभप्रद होता है और आपके जीवन को भी उन्नति के मार्ग पर ले जाता है. आचार्य चाणक्य की नीतियों के चलते ही कई भिखारी का जीवन व्यतीत करने वाले लोग भी राजाओं की गद्दी तक पहुंच गए और उन्होंने काफी समय तक शासन भी किया.


आचार्य चाणक्य के ये वचन जीवन की कसौटी पर आपकी मदद करेंगे. आज हम आचार्य चाणक्य की उन नीतियों में से एक नीति का विश्लेषण करेंगे. आज का उनका ये विचार दुश्मनों का सामना किस तरह से करना चाहिए इस पर आधारित है.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, 'जब आपके एक से ज्यादा दुश्मन हों तो वहां पर शारीरिक तौर पर नहीं दिमागी तौर पर लड़ना चाहिए.'

आचार्य चाणक्य के इस कथन का आशय ये है कि, मनुष्य को हमेशा अपने दुश्मनों का सामना करना चाहिए और उस वक्त कुछ चीजें ध्यान रखनी चाहिए. सबसे पहले आपके सामने कितने दुश्मन हैं, ये देखें. अगर आपके सामने एक से ज्यादा दुश्मन हैं तो शारीरिक तौर पर लड़ना बुद्धिमानी नहीं होगी. इस स्थिति में आपको उनका सामना अपने दिमाग से करना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो वो कुछ ही देर में परास्त हो जाएंगे.

असल जीवन में कई बार ऐसा देखने में आता है कि एक मनुष्य के एक से ज्यादा दुश्मन बन जाते हैं. इनमें से कुछ दुश्मन तो ऐसे होते हैं जिनसे आपका सीधे तौर पर कोई संबंध ही नहीं होता, लेकिन वो अपने दोस्त या जानकार की मदद करने के लिए आपसे दुश्मनी कर लेते हैं. इस स्थिति में भी आपको अपने दिमाग से काम लेना चाहिए.

एक से ज्यादा व्यक्ति से अगर आप लड़ रहे हैं तो आपके लिए जीतना असंभव हो जाता है, लेकिन ऐसी स्थिति में अगर आप अपने दिमाग का इस्तेमाल करें तो आप उन्हें एक पल में ही परास्त कर सकते हैं. यही वजह है कि आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जब आपके एक से ज्यादा दुश्मन हो तो वहां पर शारीरिक तौर पर नहीं बल्कि दिमागी तौर पर लड़ना चाहिए.


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