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चाणक्य नीति: दुखों का कारण बन सकता है हर बात को दिल पर लेना

Gulabi
2 July 2021 11:01 AM GMT
चाणक्य नीति: दुखों का कारण बन सकता है हर बात को दिल पर लेना
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चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) की अर्थनीति, कूटनीति और राजनीति विश्वविख्यात है, जो हर एक को प्रेरणा देने वाली है. चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार आचार्य चाणक्य के बुद्धिमत्ता और नीतियों से ही नंद वंश को नष्ट कर मौर्य वंश की स्थापना की थी. आचार्य चाणक्य ने ही चंद्रगुप्त को अपनी नीतियों के बल पर एक साधारण बालक से शासक के रूप में स्थापित किया. अर्थशास्त्र के कुशाग्र होने के कारण इन्हें कौटिल्य कहा जाता था. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरिए जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान बताया है.

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही कितना भी कठोर लगे लेकिन इनमें जीवन की सच्चाई है. आचार्य चाणक्य की नीतियां जीवन की हर कसौटी पर मदद करती है. आचार्य चाणक्य ने अपने के विचारों को एक ग्रंथ में संकलित किया है जिसे चाणक्य नीति कहते हैं. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो जैसा है उसके साथ वैसा ही बर्ताव करना चाहिए. आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में कहा है कि हर बात को दिल से नहीं लगाना चाहिए. आचार्य चाणक्य का कहना है कि हर बात को दिल पर लगाने वाले रोते रहते हैं. इसलिए जो जैसा है उसके साथ वैसा बनना सीखो.
असल जिंदगी में कई तरह के लोग होते हैं. कुछ लोगों का दिल बहुत ज्यादा कोमल होता है तो कुछ लोग दिल के थोड़े मजबूत होते हैं. ऐसे में कई बार कोमल दिल वाले छोटी-छोटी बातों को दिल पर लगा लेते हैं. वो ना तो किसी की तेज आवाज सुनना बर्दाश्त करते हैं और ना ही किसी का रूखा बर्ताव. यानी कि अगर आप उनसे कोई भी बात थोड़ी सी भी ऊंची आवाज में कहेंगे तो वो बात उनके दिल को छू जाएगी. यहां तक कि कई लोगों की आंखों में आंसू भी आ जाते हैं. ऐसे कोमल दिल वाले व्यक्ति किसी को भी जवाब देने से पहले सौ बार सोचते हैं.
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य को हर बात को दिल पर नहीं लेना चाहिए. ऐसा करना उनके लिए ठीक नहीं है. जो व्यक्ति जैसा है उसके साथ वैसा ही बर्ताव करें. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो ये आपके दुखों का कारण बन सकता है. आचार्य चाणक्य का कहना है कि सामने वाला आपसे जिस तरह से बात करें आप भी उससे वैसे ही बात करें. ऐसा करके ही आप सामने वाले को मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपका जीवन दुखों से भर जाएगा. इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि हर बात दिल पर लगाओगे तो रोते रह जाओगे. इसलिए जो जैसा है उसके साथ वैसा बनना सीखो.
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