- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- चाणक्य नीति: इस एक चीज...
लाइफ स्टाइल
चाणक्य नीति: इस एक चीज से जीवन भर अंदर ही अंदर घुटता रहता है मनुष्य
Gulabi
12 May 2021 4:45 PM GMT

x
चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में जीवन को जीने का तरीका और जीवन से जुड़े कई पहलुओं की समस्याओं का हल बताया है। नीति शास्त्र में तरक्की, धन, बिजनेस, नौकरी, विवाह, संतान, दोस्ती और दुश्मनी आदि के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। लोगों के जीवन को बचाने के लिए चाणक्य ने नीति शास्त्र में ऐसी कई बातों का जिक्र किया है, जो आज भी प्रासंगिक हैं। एक श्लोक में चाणक्य ने बताया है कि आखिर मनुष्य के जीवन का सबसे बड़ा भय क्या होता है? पढ़ें आज की चाणक्य नीति-
चाणक्य कहते हैं कि सभी प्रकार के भय से बदनामी का भय बड़ा होता है। वर्तमान समय में हर कोई मान-सम्मान के साथ जीना चाहता है। चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को अगर जीवन में किसी चीज का डर लगता है तो वह बदनामी का होता है। व्यक्ति को बेहद मुश्किल से समाज में मान-सम्मान मिलता है। जिसके दम पर वह शान से जीता है। लेकिन जब व्यक्ति को बदनामी का भय सताने लगता है तो उसका सुख-चैन सब छिन जाता है।
बदनामी ऐसा भय है जो व्यक्ति के सिर पर हावी पर हो जाता है। अपनों के साथ समाज से भी दूरी बनवा देता है। ऐसा व्यक्ति मानसिक दवाब में जीता है और किसी के साथ जल्दी घुल-मिल नहीं पाता है। बदनामी के डर से वह खुद को कैद तक कर सकता है।
इसलिए जीवन में जब भी अंतरआत्मा सचेत करे तो एक बार ठहर कर विचार जरूर करें कि क्या कुछ गलत होने जा रहा है या कुछ गलत कर रहा हूं। व्यक्ति का एक गलत फैसला उसे बदनामी के रास्ते पर ले जाता है। इसलिए फैसला हमेशा सोच-समझकर ही लेना चाहिए
Tagsचाणक्य नीति

Gulabi
Next Story