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वर्तमान समय की जीवनशैली में देखने को मिल रहा हैं कि गलत खानपान और दांतों की सफाई ना करने की वजह से इनमें बैक्टीरिया लगने की समस्या सामने आने लगती हैं। बैक्टीरिया एसिड पैदा करते हैं, जो कैविटी का कारण बनता है। बच्चों से लेकर बड़े तक सभी कैविटी से परेशान हैं जिसकी वजह से दांतों के इनेमल को नुकसान पहुंचता हैं ये खोखले होने लगते हैं। ऐसे में दांतों को स्वस्थ बनाने के लिए जरूरी हैं कि कैविटी को दूर किया जाए। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों की जानकारी देने जा रहे हैं जिनकी मदद से दांतों में पनपे बैक्टीरिया को दूर किया जा सकता हैं। आइये जानते हैं इन नुस्खों के बारे में...
नमक
नमक में मौजूद एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुणों के कारण यह कैविटी के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह दर्द और सूजन को कम करने, किसी भी तरह के संक्रमण और मुंह में बैक्टीरिया की रोकने में मदद करता है। इसके लिए एक चम्मच नमक को गुनगुने पानी में मिला लें। फिर इससे कुल्ला करें। समस्या दूर होने तक इस उपाय को दिन में तीन बार करें।
ऑयल पुलिंग
ऑयल पुलिंग एक आयुर्वेदिक विधि है, जिससे दांतों को साफ और मजबूत बनाया जा सकता है। इसमें लगभग 20 मिनट के लिए मुंह के चारों ओर तिल या नारियल के तेल का एक बड़ा चमचा घुमाकर, फिर इसे थूकना है। एक शोध से मिले संकेत यह पाया गया है कि यह दांतों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है। यह मुंह में बैक्टीरिया, प्लाक और मसूड़ों की सूजन को कम करता है।
नीम का दातून
आप दांतों को साफ करने के लिए नीम के दातून का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। नीम दातों को पीलापन से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। आप इसका इस्तेमाल ब्रश के रूप में भी कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग नीम के दातून से दांतों को साफ करते हैं।
एलोवेरा
एलोवेरा टूथ जेल कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद कर सकता है। इस जेल का जीवाणुरोधी प्रभाव मुंह में बैक्टीरिया के निर्माण को रोकता है। एलोवेरा का उपयोग टी ट्री ऑयल के साथ एक प्रभावी कैविटी कीटाणुनाशक के रूप में किया जाता है।
लौंग का तेल
लौंग का तेल स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए आप रूई का इस्तेमाल करते हुए दो- तीन बूंद लौंग का तेल डालें। आप लौंग के तेल को रात में लगा सकते हैं। इसके अलावा लौंग के तेल में रूई लगाकर कैविटी पर रखें। इस उपाय को नियमित रूप से करने से समस्या से जल्द ठीक हो जाएगा।
मुलेठी
मुलेठी की जड़ में जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो मुंह में बैक्टीरिया के विकास को रोकता है। 2019 के एक अध्ययन में पाया गया कि इसके रस में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो फ्लोराइड माउथवॉश से अधिक शक्तिशाली होते हैं।
लहसुन
दांतों की कैविटी को दूर करने के लिए लहसुन के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको लहसुन की 7 से 8 कलियों को पीसना है और कैविटी के हिस्से में लगाकर 10 से 15 मिनट के लिए छोड़ दें और उसके बाद कुल्ला करें।
अंडे के छिलके
अंडे के छिलकों में कैल्शियम होता है जिसका उपयोग कोई व्यक्ति दांतों के इनेमल को ठीक करने में मदद कर सकता है। यह दांतों से प्लाक हटाने में भी मददगार होता है। एक अध्ययन के अनुसार अंडे के छिलके दांतों को अम्लीय पदार्थों से बचाते हैं।
आंवला
आंवला जैसी जड़ी-बूटी भी कैविटी के इलाज में मददगार होती है। इसमें भरपूर मात्रा में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी के कारण यह बैक्टीरिया और संक्रमण से लड़ने में मदद करती है। यह संयोजी ऊतक के विकास को बढ़ावा देकर मसूड़ों के लिए बहुत लाभकारी होती है। इसके अलावा, यह मुंह को साफ करने और बदबूदार सांस से छुटकारा पाने में मदद करता है।
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Kajal Dubey
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