लाइफ स्टाइल

महिलाओं में होने वाले हार्ट डिजीज के कारण, लक्षण और रोकथाम के उपाय

Kajal Dubey
6 March 2022 4:28 AM GMT
महिलाओं में होने वाले हार्ट डिजीज के कारण, लक्षण और रोकथाम के उपाय
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आज महिलाएं भी पुरुषों के समान दिल की बीमारियों का शिकार हो रही हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को 'अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022' (International Women's Day 2022) के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है. आज पुरुषों के मुकाबले महिलाएं हर क्षेत्र में अपना दमखम दिखा रही हैं, लेकिन जब बात आती है, उनकी अपनी सेहत की तो वे घर और ऑफिस की जिम्मेदारियों को संभालने के कारण अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं. सबका ध्यान अधिक देती हैं और खुद के लिए वक्त नहीं निकाल पाती हैं. शायद यही वजह है कि आज मानसिक और शारीरिक रूप से पुरुषों के मुकाबले महिलाएं कम स्वस्थ (Women's Health) नजर नहीं आती हैं. उन्हें कम उम्र में ही कई तरह की शारीरिक समस्याएं घेरने लगती हैं. बात करें दिल की बीमारियों (Heart Disease) की तो आज हृदय रोग दुनिया भर में महिलाओं में आम हो गई हैं. पहले माना जाता था कि दिल की बीमारियां सिर्फ पुरुषों में ही होती हैं, लेकिन हाल ही में यह अवधारणा बदलने लगी है. आज महिलाएं भी पुरुषों के समान दिल की बीमारियों (Women Heart Health) का शिकार हो रही हैं.

इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली के सीनियर कन्सलटेंट, कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी डॉ. मुकेश गोयल कहते हैं कि महिलाएं अक्सर कार्डियोवैस्कुलर रोगों (दिल की बीमारियों) और इसके कारणों की अनदेखी करती हैं. सभी आयुवर्गों की महिलाओं के लिए जरूरी है कि वे दिल की बीमारियों के लक्षणों (Symptoms of Heart Diseases in women) को पहचानें और जरूरत होने पर समय रहते डॉक्टर की सलाह लें. कई अध्ययनों में ऐसा भी पाया गया है कि महिलाओं में दिल की बीमारियों की संभावना पुरुषों की तुलना में अधिक होती है.
महिलाओं में दिल की बीमारियों के कारण
डॉ. मुकेश गोयल कहते हैं कि दिल की बीमारियों के कई कारण होते हैं, जो पुरुषों और महिलाओं में एक समान होते हैं. कोरोनरी आर्टरी रोगों के मुख्य कारण हैं कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा. महिलाओं में दिल की बीमारियों के अन्य कारण इस प्रकार हैं:
डायबिटीज
भावनात्मक तनाव
अवसाद
धूम्रपान
निष्क्रिय जीवनशैली
मेनोपॉज
गर्भावस्था में जटिलताएं
परिवार में दिल की बीमारियों का इतिहास
इंफ्लेमेटरी डिजीजेज
महिलाओं में दिल की बीमारियों के लक्षण
महिलाएं अक्सर अपने हार्ट अटैक के लक्षणों (Symptoms of Heart Attack) को नहीं पहचान पातीं हैं. ऐसे में वे एमरजेन्सी होने पर हॉस्पिटल पहुंचती है, तब तक दिल को काफी नुकसान पहुंच चुका होता है. महिलाओं में हार्ट अटैक के आम लक्षण हैं- सीने में दर्द, सीने में दबाव या असहजता महसूस करना, जो 30 मिनट या इससे ज्यादा समय तक चले. एंजाइना या हार्ट अटैक के अन्य लक्षण हो सकते हैंः
गर्दन, जबड़े, कंधे, पीठ के उपरी हिस्से या पेट के उपरी हिस्से में असहजता
सांस फूलना
एक या दोनों बाजुओं में दर्द
उल्टी या मतली
पसीना आना
सिर चकराना
असामान्य थकान
सीने में जलन (अपच)
महिलाएं यूं करें दिल की बीमारियों की रोकथाम
डॉ. गोयल बताते हैं, सेहतमंद जीवनशैली से दिल की बीमारियों का खतरा कम किया जा सकता है. आप नीचे बताए गए दिल की सेहत को बनाए रखने के कुछ सुझावों को जरूर अपनाएं:
सेहतमंद आहार लेंः अपने आहार में साबुत अनाज, फल, सब्जियां, लो फैट या वसा रहित डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें. सैचुरेटेड या ट्रांस फैट, अधिक चीनी, अधिक नमक के सेवन से बचें.
एक्सरसाइज करें और वजन पर कंट्रोल रखेंः कम वजन और नियमित व्यायाम से दिल की बीमारियों की संभावना कम हो जाती है. व्यायाम करने से दिल स्वस्थ रहता है. प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट के लिए मध्यम व्यायाम करें जैसे ब्रिस्क वॉक, मध्यम एक्सरसाइज. इससे आपका दिल मजबूत बना रहेगा.
धूम्रपान न करेंः धूम्रपान करने से रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जिससे दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए धूम्रपान न करें और धूम्रपान करने वालों से दूरी बना कर रखें.
अल्कोहल का सेवन सीमित मात्रा में करेंः अल्कोहल का सेवन करती हैं, तो कम मात्रा में इसका सेवन करें, क्योंकि इसका भी दिल की सेहत पर असर पड़ता है.
तनाव में न रहें: आज तनाव लोगों के जीवन में रोजमर्रा का हिस्सा बन गया है. तनाव से धमनियां सिकुड़ती हैं, जिससे दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ती जाती है. एक्सरसाइज करने से तनाव में राहत मिल सकती है. महिलाओं को अपने स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं जैसे ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज पर कंट्रोल रखें, क्योंकि इनके बढ़ने से दिल की बीमारियों की संभावना भी बढ़ती है.
इन सुझावों को अपनाकर आप दिल की बीमारियों से सुरक्षित रह सकती हैं. यदि ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण दिखते हैं, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें. थकान, अपच, सांस फूलना जैसे लक्षणों की अनदेखी बिल्कुल न करें, तभी आप दिल की बीमारियों से बची रह सकती हैं और एक स्वस्थ लाइफ जी सकती हैं.


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