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कार्पेल टनेल सिंड्रोम, क्यों सर्दी में सुन्न हो जाते हाथ जानिए कारण

Teja
12 Dec 2021 10:52 AM GMT
कार्पेल टनेल सिंड्रोम, क्यों सर्दी में सुन्न हो जाते हाथ जानिए कारण
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कार्पेल टनेल सिंड्रोम, क्यों सर्दी में सुन्न हो जाते हाथ जानिए कारण  

कार्पेल टनेल सिंड्रोम तंत्रिका संबंधी एक स्थिति है जिसमें हाथ या हाथ की उंगलियों में सुन्नपन हो जाता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कार्पेल टनेल सिंड्रोम तंत्रिका संबंधी एक स्थिति है जिसमें हाथ या हाथ की उंगलियों में सुन्नपन हो जाता है. इस स्थिति में रोगी का हाथ बहुत कमजोर हो जाता है और स्थिति गंभीर होने पर मरीज प्रभावित हाथ से कुछ करने के काबिल नहीं रह जाता है. इससे कुछ भी काम नहीं किया जा सकता. सर्दी के दिनों में हाथ में सुन्नपन ज्यादा होता है. इसमें हाथ या हाथ की उंगलियों में काफी दर्द भी होने लगता है.

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कभी-कभी हाथ में सिहरन या झनझनाहट भी होने लगता है. हालांकि कुछ मामलों में सर्दी में हाथों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति सही से नहीं होने के कारण हाथ में सुन्नपन आ सकता है लेकिन कार्पेल टनेल सिड्रोम तब होता है जब मीडियन नर्व पर ज्यादा दबाव पड़ने लगता है या यह संकुचित होने लगता है. आइए जानते हैं कि कार्पेल टनेल सिंड्रोम की वजह क्या है और इससे कैसे छुटाकारा पाया जा सकता है.
कार्पेल टनेल सिंड्रोम के कारण
वेबएमडीकी खबर के अनुसार हाथ में सुन्नपन क्यों होता है, आमतौर पर इसके कारणों का पता लोगों को नहीं चल पाता है. लेकिन जब हाथ से एक ही तरह का काम बार-बार किया जाए तो कार्पेल टनेल सिंड्रोम हो सकता है. जैसे कि हाथ से टाइपिंग का काम. इसमें कलाई के मध्य में नर्व या नस पर बहुत अधिक दबाव पड़ने लगता है. इसके कारण कार्पेल बोन और कार्पेल लिगामेंट में संकुचन या तनाव होने लगता है जिसकी वजह से कलाई के नीचे हाथ और उंगलियों में बहुत ज्यादा दर्द करने लगता है.
इसके अलावा जिसे थायरॉड की प्रोब्लम है, मोटापा है, ऑर्थराइटिस है या डाइबिटीज है, उसे भी कार्पेल टनेल सिंड्रोम हो सकता है. प्रेग्नेंसी के दौरान भी यह दर्द हो सकता है.
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हाथ के सुन्नपन का क्या है इलाज
-वैसे तो कार्पेल टनेल सिंड्रोम की स्थिति में डॉक्टर से दिखाना चाहिए लेकिन लाइफस्टाइल में परिवर्तन कर भी इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है.
-इसके लिए हाथ से अगर कोई काम लगातार कर रहे हैं तो कुछ दिनों के लिए इसे आराम दीजिए.
-एक्सरसाइज या स्ट्रेचिंग के माध्यम से भी इसे ठीक किया जा सकता है.
-डॉक्टर हाथ के मूवमेंट को सीमित करने वाले एक स्प्लिंट लगा देते हैं. जिससे कुछ सप्ताह लगाने के बाद यह ठीक हो होने लगता है.
-एंटी-इंफ्लामेंटरी दवाई देकर भी इसे ठीक किया जा सकता है.
-कुछ दिनों तक गर्म पानी से सिंकाई करने से भी फायदा मिलता है.
-हाथों की मसाज भी कर सकते हैं.


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