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बढ़ते जा रहे हैं कार्डिएक अरेस्ट के मामले, इन 8 योगासन से बनाए रखें दिल को सेहतमंद

SANTOSI TANDI
17 Aug 2023 7:55 AM GMT
बढ़ते जा रहे हैं कार्डिएक अरेस्ट के मामले, इन 8 योगासन से बनाए रखें दिल को सेहतमंद
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बनाए रखें दिल को सेहतमंद
बीते दिनों बॉलीवुड के मशहूर कलाकार सतीश कौशिक का अचानक कार्डिएक अरेस्ट आने से निधन हो गया। यह हादसा लोगों की चिंता बढ़ाने का काम कर रहा हैं कि जो शख्स कुछ देर पहले पार्टी में एंजॉय कर रहा था उसके कुछ समय बाद ही वह इस दुनिया को छोड़ गया। यह पहला मामला नहीं हैं। ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जहां कई युवा भी कार्डिएक अरेस्ट का शिकार बन रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में हृदय रोग के बढ़ने मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। कम उम्र के लोग हृदय के गंभीर रोगों के खतरे के बीच हैं। ऐसे में आपको ही अपने दिल की सेहत का ख्याल रखना होगा। इसलिए आज इस कड़ी में हम लेकर आए हैं आपके लिए कुछ ऐसे योगासन की जानकारी हृदयाघात के जोखिम को कम करने और हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों से बचाव में फायदेमंद साबित होंगे। आइये जानते हैं इनके बारे में...
बितिलासन
यदि आप हृदय रोगों से बचे रहना चाहते हैं, तो बितिलासन का अभ्यास करें। इस आसान का अभ्यास करने के लिए पहले अपने घुटनों पर खड़े हो जाएं और दोनों हथेलियों को योग मैट पर रख दें। मेरुदंड को सीधा रखने का प्रयत्न करें और यहां से गहरी लम्बी श्वास लेते हुए कमर को मोड़ते हुए गर्दन ऊपर उठाने की कोशिश करे। धीरे से श्वास छोड़ें और कमर को ऊपर लेते हुए अपनी नाभि की तरफ देखने का प्रयत्न करे। इसी तरह से पांच से आठ बार करने का प्रयत्न करें।
ताड़ासन
ताड़ासन को ज्यादातर योग सेशन की शुरुआत में किया जाता है। ये स्ट्रेचिंग और शरीर को योग के लिए तैयार करने वाला बेहतरीन योगासन है। ये आसन दिल की बीमारियों को होने से भी रोक सकता है। ताड़ासन करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं, और दोनों टांगों के बीच हल्की दूरी बना लें। जबकि दोनों हाथ भी शरीर से थोड़ी दूर बने रहें। जांघों की मांसपेशियों को मजबूत करें। कंधे ढीले छोड़ दें। पीठ सीधी रहे। पैरों के पंजों के बल खड़े होने की कोशिश करें। पेट के निचले हिस्से पर बिल्कुल भी दबाव न दें। सामने की ओर देखें। धीरे से अपनी जांघों पर अंदर की तरफ दबाव बनाएं। कमर पर खिंचाव देते हुए ऊपर उठने की कोशिश करें। सांस भीतर लें और कंधे, भुजाओं और सीने को ऊपर की तरफ खिंचाव दें। शरीर का दबाव पैरों के पंजों पर ही रहेगा। सिर से लेकर पैर तक शरीर में खिंचाव महसूस कीजिए। कुछ सेकेंड तक इसी स्थिति में रहें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए सामान्य हो जाएं।
गोमुखासन
यह योगासन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने, फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने में मदद कर सकता हैं। फर्श पर बैठ जाएं और अपने दोनों पैरों को अपने शरीर के सामने घुटनों पर मोड़कर रखें। बाएं पैर को दाहिने पैर के नीचे इस तरह स्लाइड करें कि बायीं एड़ी दाहिने कूल्हे के बाहरी हिस्से को छुए। दायीं एड़ी को बायें कूल्हे के बाहरी हिस्से पर रखें। अपने पैरों को इस तरह समायोजित करें कि आपका दाहिना घुटना आपके बाएं घुटने के ऊपर हो। एक बार जब आपके पैर स्थिति में हों, तो कोहनी को मोड़कर अपने दाहिने हाथ को मोड़ें और इसे अपनी पीठ के पीछे नीचे से ले जाएं और अपने दाहिने हाथ के पिछले हिस्से को अपनी रीढ़ के ऊपर रखें। अपने बाएं हाथ को सीधा ऊपर उठाएं, इसे कोहनी से मोड़ें और बाएं हाथ की हथेली को अपने बाएं कंधे के पीछे रखें। अब दोनों हाथों की उंगुलियों को पीठ के पीछे पकड़ने की कोशिश करें। उंगलियों को पकड़ते हुए सिर और रीढ़ को सीधा रखें। दो मिनट के लिए इस स्थिति में रहें।
भुजंगासन
हेल्दी हार्ट के लिए भुजंगासन को दिनचर्या में शामिल करें। इसे करने के लिए अपने पेट के बल फर्श पर लेट जाएं। अब पैर की उंगलियों को एक साथ पास रखें और अपने पैर की उंगलियों को पीछे की ओर फैलाएं। दोनों हाथों को इस तरह रखें कि हथेलियां आपके कंधों के नीचे जमीन को छू रही हों। गहरी सांस अंदर लेते हुए धीरे-धीरे अपने सिर, छाती और पेट को ऊपर उठाएं और नाभि को फर्श पर रखें। अपने हाथों के समर्थन का उपयोग करते हुए अपने धड़ को पीछे खींचें। सुनिश्चित करें कि आप दोनों हथेलियों पर समान मात्रा में दबाव डाल रही हैं। सांस लेते रहें। यदि संभव हो तो, अपनी पीठ को जितना संभव हो सके झुकाकर अपनी बाहों को सीधा करें; अपने सिर को पीछे झुकाएं और ऊपर देखें।
वीरभद्रासन
हार्ट रेट को नियंत्रित करने के लिए वीरभद्रासन का अभ्यास कर सकते हैं। इसके अलावा इस आसन को करने से पूरा शरीर लचीला होता है और हृदय की क्षमता में सुधार व हृदय की मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं। इसे करने के लिए किसी समतल जगह पर योग मैट बिछा लें। अब पैरों को करीब 3-4 फीट की दूरी पर फैला कर खड़े हो जाएं। हाथों को शरीर से ऊपर ले जाएं और उन्हें आपस में जोड़ लें। इसके बाद दाहिने पैर को 90 डिग्री तक घुमाएं। फिर शरीर को दाएं ओर घुमाएं और गहरी सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़ें। दाहिना घुटना और टखना एक ही सीध में होने चाहिए। थोड़ी देर इसी स्थिति में बने रहें और वापस प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं। शरीर को कुछ सेंकड आराम देने के बाद दूसरी ओर से भी यह प्रक्रिया करें। आसन की यह प्रक्रिया चार-पांच बार की जा सकती है।
धनुरासन
हृदय की सेहत के लिए धनुरासन का अभ्यास भी असरदार है। इससे हृदय की मांसपेशियां मजबूत बनती है, पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग के साथ ही हृदय पर अतिरिक्त पड़ने वाला दबाव कम होता है। इसे करने के लिए सबसे पहले समतल जगह पर योग मैट बिछा लें। अब पेट के बल योग मैट पर लेट जाएं। लेटने के बाद घुटनों को मोड़कर हाथों से टखनों को टाइट से पकड़ लें। इसके बाद सांस लेते हुए अपने सिर, छाती व जांघ को ऊपर की ओर उठाएं। इस मुद्रा के दौरान शरीर का आकार धनुष के समान लगेगा। ध्यान रखें कि इस दौरान शरीर के साथ किसी तरह की जोर-जबरदस्ती न करें। अब अपनी क्षमता के हिसाब से इस मुद्रा में रहे और धीरे-धीरे सांस लेते व छोड़ते रहें। जब प्रारंभिक अवस्था में वापस आना हो, तो लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए नीचे आएं। इस आसन को दो से तीन बार किया जा सकता है।
सेतुआसन
हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए इस आसन को दिनचर्या में शामिल करें। अपने पैरों को आगे, पीछे सीधे और हथेलियों को शरीर के दोनों ओर फर्श पर फैलाकर फर्श पर बैठें। अपनी हथेलियों को अपने नितंबों से 30 सेमी पीछे ले जाएं। अपनी कोहनियों को सीधा रखें। अब अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं और आपका शरीर कंधे से टखने तक एक लाइन में हो। एक बार स्थिति में आने के बाद, अपनी गर्दन को ढीला करें। पैरों और बाजुओं को सीधा रखते हुए अपने पैरों को जमीन पर सपाट रखने की कोशिश करें। जितनी देर हो सके इस पोजीशन में रहें और फिर अपने कूल्हों को धीरे-धीरे फर्श पर नीचे करें और कुछ मिनटों के लिए आराम करें।
उष्ट्रासन
यह दिल की सेहत के लिए बहुत लाभकारी साबित होता हैं। इसे करने के लिए अपनी पीठ के बल लेटकर शुरुआत करें। अपनी हथेलियों को नीचे की ओर रखते हुए अपनी भुजाओं के पास रखें। जैसे ही आप सांस लेते हैं, अपनी हथेलियों को अपने नितंबों पर रखें और अपनी पीठ में एक आर्च बनाते हुए अपने नितंबों को आगे की ओर धकेलते रहें। अपने कोर में जुड़ाव महसूस करने के लिए अपने नितंबों को सिकोड़ें। दोनों हथेलियों को धीरे-धीरे अपनी एड़ियों पर रखें। इस मुद्रा में अपने शरीर को मजबूत रखते सांस लेते रहें। 1-2 मिनट के लिए इस स्थिति में रहें और फिर सांस छोड़ें।
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