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Cancer: जाने रेक्टल कैंसर के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

Sanjna Verma
30 Aug 2024 12:27 PM GMT
Cancer: जाने रेक्टल कैंसर के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
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हेल्थ टिप्स Health Tips: रेक्टल कैंसर वह कैंसर है जो मलाशय (रेक्टम) में होता है. रेक्टम हमारी पाचन प्रणाली का आखिरी हिस्सा होता है, जो बड़ी आंत के अंत में स्थित होता है और मल को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है. अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है.
रेक्टल कैंसर के कारण
रेक्टल कैंसर के कारणों का पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है, लेकिन कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं:
1. जेनेटिक्स
अगर परिवार में किसी को Rectal Cancer हो चुका है, तो इस कैंसर का खतरा ज़्यादा हो सकता है.
2. बढ़ती उम्र
उम्र बढ़ने के साथ रेक्टल कैंसर का खतरा भी बढ़ता है, खासकर 50 साल के बाद.
3. अनहेल्दी खानपान
फाइबर की कमी और ज़्यादा फैट, रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड का सेवन रेक्टल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है.
4. धूम्रपान और शराब
धूम्रपान और ज़्यादा शराब का सेवन रेक्टल कैंसर का कारण बन सकता है.
रेक्टल कैंसर के लक्षण
रेक्टल कैंसर के शुरुआती लक्षण अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे हो सकते हैं, इसलिए इन पर ध्यान देना जरूरी है.
1. मल में खून आना या मल त्याग में कठिनाई.
2. पेट में लगातार दर्द या ऐंठन.
3. वजन का अचानक घटना.
4. कमजोरी या थकान महसूस होना.
5. आंतों की आदतों में बदलाव जैसे दस्त या कब्ज़.
रेक्टल कैंसर से बचाव के उपाय
रेक्टल कैंसर से बचाव के लिए इन उपायो को अपनाए जा सकता है.
1. स्वस्थ आहार
अपने आहार में फाइबर से भरपूर चीजों को जैसे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज शामिल करें. प्रोसेस्ड और रेड मीट का सेवन कम करें.
2. शारीरिक सक्रियता
नियमित व्यायाम करें और अपने वजन को नियंत्रण में रखें.
3. धूम्रपान और शराब से बचें
धूम्रपान और शराब का सेवन पूरी तरह से बंद करें.
4. नियमित जांच
50 साल की उम्र के बाद नियमित रूप से Colonoscopy जैसे परीक्षण कराएं. अगर परिवार में रेक्टल कैंसर का इतिहास है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर जल्दी जांच कराएं. 5. अधिक पानी पिएं:** पानी का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें जिससे आंतें स्वस्थ रहें.रेक्टल कैंसर का समय पर पता चलने पर इसका इलाज संभव है. अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और नियमित जांच करवाकर आप इस बीमारी से बच सकते हैं. अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और जागरूक रहें.
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