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Cancer Awareness Day : कैंसर के लिए एकमात्र जांच, शरीर के किस हिस्से में है, यह भी पता चल जाएगा

Tara Tandi
7 Nov 2020 3:00 PM GMT
Cancer Awareness Day : कैंसर के लिए एकमात्र जांच, शरीर के किस हिस्से में है, यह भी पता चल जाएगा
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चिकित्सा विज्ञान में देश और दुनिया ने काफी तरक्की कर ली है। आए दिन बीमारियों के लक्षणों से लेकर उसकी जांच और इलाज तलाशने को नई-नई रिसर्च होती रहती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| चिकित्सा विज्ञान में देश और दुनिया ने काफी तरक्की कर ली है। आए दिन बीमारियों के लक्षणों से लेकर उसकी जांच और इलाज तलाशने को नई-नई रिसर्च होती रहती है। कई सारी रिसर्च के उत्साहजनक परिणाम भी हासिल होते हैं। पिछले दिनों कैंसर को लेकर ऐसी ही एक नई कामयाबी मिली है। शोध के मुताबिक आने वाले समय में एकमात्र ब्लड टेस्ट से 50 तरह के कैंसर का पता लगाया जा सकेगा। रिसर्च जर्नल एन्नल्स ऑफ ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक, इस एक ब्लड टेस्ट से शुरुआती स्टेज में ही कैंसर का पता लगा पाना संभव हो पाएगा। बोस्टन के डाना फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता इस शोध पर लगातार काम कर रहे हैं।

ब्लड टेस्ट

शोधकर्ताओं का कहना है कि शुरुआती स्टेज में कैंसर का पता लग जाए तो इलाज में आसानी होती है और बीमारी को जानलेवा होने से रोका जा सकता है। पीड़ित को किस तरह का कैंसर है, इस बारे में यह जांच तो बताएगी ही, इससे यह भी पता चल पाएगा कि शरीर के किस हिस्से में कैंसर है। बोस्टन के डाना फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट में इस रिसर्च का ट्रायल चल रहा है। बायोटेक्नोलॉजी कंपनी ग्रेल इंक ने इस जांच को विकसित किया है।

ग्रेल इंक कंपनी ने इसमें सिक्वेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हुए डीएनए की जांच की, जिनसे जीन की सक्रियता या निष्क्रियता का पता चला। इसमें ट्यूमर डीएनए में जाकर पूरे शरीर में ब्लड की मदद से सर्कुलेट होता है। इस टेस्ट में डीएनए में होने वाले रसायनिक बदलाव का विश्लेषण किया जाता है, जिससे कैंसर का पता शुरुआती स्टेज में ही चल जाता है।

इस रिसर्च के दौरान कुल 3,052 लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए, जिनमें 1,531 लोगों के कैंसर से पीड़ित होने का पता चला। शोधकर्ता डॉ. जेफ्री ऑक्सनार्ड के मुताबिक इस नए टेस्ट से यह भी पता चला कि जहां से कैंसर की शुरुआत हुई है, वे कौन से ऊतक हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर

शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस जांच ने पहली स्टेज वाले 18 फीसदी कैंसर मरीजों के बारे में सही जानकारी दी, जबकि चौथी स्टेज के मरीजों के बारे में 93 फीसदी सही जानकारी दी। विशेषज्ञ बताते हैं कि आने वाले समय में यह चिकित्सा जगत के लिए बहुत मददगार साबित होगी।

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