लाइफ स्टाइल

बिना इंसुलिन के भी कंट्रोल कर सकते हैं शुगर लेवल

Subhi
14 Nov 2022 1:20 AM GMT
बिना इंसुलिन के भी कंट्रोल कर सकते हैं शुगर लेवल
x

डायबिटीज वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, इसमें भी टाइप-2 डायबिटीज के मामले सबसे अधिक देखे जाते हैं। भारत में ढाई करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज की समस्या के शिकार हैं, साल-दर साल यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। डायबिटीज भले ही रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने की समस्या हो पर इसका असर पूरे शरीर पर हो सकता है। किडनी, आंखों, लिवर और प्रतिरक्षा प्रणाली से संबंधित समस्याएं डायबिटीज रोगियों में काफी सामान्य मानी जाती हैं। डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है, इसके लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए रोगियों की स्थिति के आधार पर दवाइयां और इंसुलिन के इंजेक्शन दिए जाते हैं।

गंभीर और अनियंत्रित ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन के इंजेक्शन की आवश्यकता होती है। डायबिटीज के रोगियों में इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन प्रभावित हो जाता है, इस कमी को पूरा करने के लिए इंसुलिन के शॉट्स देने की आवश्यकता होती है। हालांकि कुछ अध्ययनों में लंबे समय तक इंसुलिन के भी नुकसान बताए गए हैं।

वैश्विक स्तर पर बढ़ते डायबिटीज के खतरे को लेकर लोगों को अलर्ट करने और इससे बचाव के लेकर आवश्यक सावधानियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 14 नबंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। डॉक्टर्स कहते हैं, लाइफस्टाइल को ठीक रखकर इंसुलिन के इंजेक्शन के बिना भी डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। आइए इसके उपायों के बारे में आगे विस्तार से समझते हैं।

कैसे काम करती है इंसुलिन इंजेक्शन

यहां यह जान लेना जरूरी है कि आखिर इंसुलिन इंजेक्शन किस प्रकार से डायबिटीज को कंट्रोल में रखने में आपके लिए सहायक है? डॉक्टर्स बताते हैं, इंसुलिन रक्त शर्करा को शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करती है ताकि इसका उपयोग ऊर्जा के लिए किया जा सके। इंसुलिन, लिवर को रक्त शर्करा को स्टोर करने के लिए भी संकेत देती है, जिससे इसका बाद में भी इस्तेमाल किया जा सके।

डायबिटीज रोगियों में चूंकि इस हार्मोन का उत्पादन प्रभावित हो जाता है, ऐसे में बाहर से इंजेक्शन के रूप में इंसुलिन देकर इस कार्य को व्यवस्थित किया जाता है। आइए जानते हैं कि बिना इंसुलिन इंजेक्शन के भी शुगर को कैसे कंट्रोल किया जा सकता है?

जीवनशैली को रखें ठीक

टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को ऐसी जीवनशैली का पालन करते रहने की सलाह दी जाती है जो ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में आपके लिए मददगार हो। इसके लिए शारीरिक सक्रियता, आहार, व्यायाम और अच्छी नींद बहुत आवश्यक है। मधुमेह रोगियों के लिए वजन को कंट्रोल रखना बहुत जरूरी माना जाता है। मोटापा को डायबिटीज के जोखिम कारकों में से एक माना जाता है, इससे अन्य जटिलताओं का भी खतरा हो सकता है।


Next Story