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चमकेगा कारोबार, रुपये-पैसों से भरी रहेगी तिजोरी

Subhi
30 Oct 2022 3:02 AM GMT
चमकेगा कारोबार, रुपये-पैसों से भरी रहेगी तिजोरी
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जीवन में सुख-समृद्धि और धन-वैभव की प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. दिवाली के बाद कार्तिक माह में आने वाली लाभ पंचमी पर्व का विशेष महत्व है. इस दिन विशेष रूप से पूजा करने और कुछ उपाय करने से जीवन से दरिद्रता दूर होती है और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लाभ, ज्ञान और सौभाग्य पंचमी के नाम से जाना जाता है.

लाभ पंचमी के दिन शिव परिवार और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है. ये त्योहार गुजरात में विशेष रूप से मनाया जाता है. इस दिन नए बही खातों की पूजा का विधान है. लाभ पंचमी के दिन व्यवसाय में वृद्धि के लिए कामना करती है. इस बार लाभ पंचमी बेहद शुभ संयोग में मनाई जाएगी. आइए जानते हैं पूजा विधि और पूजा मुहू्र्त.

लाभ पंचमी 2022 शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 29 अक्टूबर 2022 को सुबह 08 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर 30 अक्टूबर सुबह 05 बजकर 49 मिनट तक है. उदयातिथि के अनुसार लाभ पंचमी 29 अक्टूबर के दिन मनाई जाएगी.

लाभ पंचमी 2022 शुभ योग

कहा जाता है कि लाभपंचमी के दिन अगर आप कोई नया व्यापार कर रहे हैं, तो आज के दिन शुरू करना बेहद फायदेमंद रहता है. बता दें कि इस दिन रवि और सुकर्मा योग बन रहे हैं. कहते हैं कि इन योगों में कोई भी कार्य करने से सिद्ध होते हैं. रवि योग के प्रभाव से अशुभ योग भी खत्म हो जाते हैं और सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं.

रवि योग - 06 बजकर 31 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक रहेगा.

वहीं, सुकर्मा योग - रात्रि 10 बजकर 23 मिनट से लेकर 30 अक्टूबर की सुबह 07 बजकर 16 मिनट तक है.

लाभ पंचमी पूजा विधि 2022

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आज के दिन की गई लाभ पंचमी के पूजन से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर खूब कृपा बरसाती हैं. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं और लाल रंग के कपड़े पहन कर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है.

शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश, भगवान शिव जी की चंदन, पुष्प, अक्षत, मौली आदि से पूजा करें. गणेश जी को दूर्वा, सिंदूर और मोदक अर्पित करें. इसके बाद एक पूजा की सुपारी पर कलावा लपेटें और इसे गणपति के रूप में पूजें. इतना ही नहीं, भगवान शिव को धतूरा और भस्म अर्पित करें.

मान्यता है कि जो लोग दिवाली पर नए बहीखातों की पूजा न कर पाए हों, वे लाभ पंचमी के दिन शुभ काम कर सकते हैं. मां लक्ष्मी को इत्र, कमल का फूल, सफेद मिठाई, ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा मंत्र का जाप करें.

मान्यता है कि सुख-सौभाग्य और मंगल कामना को लेकर किया गया गया व्रत से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं. और व्यक्ति को करोबार में तरक्की मिलती है.


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