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लाइफ स्टाइल
ज्यादा सोच से छोटा होता है मस्तिष्क, डिप्रेशन के होते हैं शिकार
Manish Sahu
1 Sep 2023 9:51 AM GMT
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लाइफस्टाइल: हम इंसानों के जीवन में रोज कोई न कोई ऐसी समस्या आती है जिसकी वजह से हम बहुत ज्यादा परेशान होते हैं और दिन-रात उसी समस्या के बारे में सोचने लगते हैं। आपने भी महसूस किया होगा कि जब भी हम किसी एक समस्या से पीछे हटते हैं तो फिर कोई नई समस्या आ कर खड़ी हो जाती है और इसका सीधा असर हमारे मानसिक स्थिति पर होता है। कभी-कभी कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं जिनकी वजह से हम ज्यादा सोचने पर मजबूर हो जाते हैं। ऐसे में हम एक बात भूल जाते हैं कि ज्यादा सोचने से भी हमें कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादा सोचने की आदत एक तरह का मानसिक रोग है। जिन लोगों को ज्यादा सोचने की आदत होती है वह अपना आधा से ज्यादा समय सोचने में ही लगा देते हैं। ज्यादा सोचने की वजह से मस्तिष्क का आकार भी छोटा हो जाता है। जिसका असर स्वास्थ्य पर काफी बुरा पड़ता है। ज्यादा सोचने की वजह से आपको कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
अध्ययनों ने साबित किया है अधिक सोचने और खासकर नकारात्मक बातें सोचने से आपके दिमाग की उत्पादकता और आराम करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। इतना ही नहीं, इससे समय के साथ अवसाद और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के होने की संभावना बढ़ सकती है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जब आप अधिक सोच रहे होते हैं, तो आपका दिमाग अथक विचारों का एक चक्रव्यूह उत्पन्न करता रहता है, यह लोगों, स्थिति का विश्लेषण करता है और खुद को नकारात्मक रूप से आंकता है।
हमारे जीवन के नित समस्याओं से हम कभी कभी किसी बात को लेकर ज्यादा सोचने के लिए तत्पर रहते हैं। ऐसे में आज हम उन मुख्य कारणों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे जिनकी वजह से हमारे जीवन में परेशानी हुई है।
हमारे जीवन में कोई ना कोई ऐसी समस्या उत्पन्न होती है जिसकी वजह से हम ज्यादा सोचने लगते हैं। मुख्य रूप से पारिवारिक समस्या का कारण नौकरी, शादी, गृहस्थ जीवन, करियर होती है।
लगातार हमारे काम में होने वाली गड़बड़ की वजह से हम खुद के ऊपर दबाव महसूस करने लगते हैं और इस वजह से हम लगातार इस बारे में सोचते चले जाते हैं। कई बार ऐसी भी स्थिति उत्पन्न होती है कि काम का दबाव इस हद तक बढ़ जाता है कि हम अपने काम को सही तरीके से कर ही नहीं पाते और लगातार परेशान होते हैं।
हम इंसानों की पर्सनल लाइफ में भी हमेशा परेशानी बनी होती है जिसका सीधा असर हमारी शारीरिक और मानसिक स्थिति पर होता है। पर्सनल लाइफ एक मुख्य कारण हैं, जो हमें ज्यादा सोचने पर मजबूर करती है क्योंकि किसी की पर्सनल लाइफ पूर्ण और संतुष्ट नहीं होती है।
आज के समय में ऐसा कोई भी इंसान नहीं है जो पूर्ण रूप से स्वस्थ हो। ऐसे में हमें नित नई नई बीमारियों के बारे में जानकारी मिलती है जहां हम में से कई लोग इन बीमारियों से ग्रसित होते हैं। यही वे बीमारियां होती हैं, जो मुख्य रूप से ज्यादा सोचने के लिए जिम्मेदार होती हैं और बाद में भी यही बीमारियां हमें अवसाद से ग्रसित करती हैं।
सामान्य रूप से देखा जाता है कि माता पिता के ज्यादा सोचने का कारण उनके बच्चे होते हैं। बच्चे जो किशोरावस्था से युवावस्था की ओर जा रहे होते हैं उनके स्वभाव में बदलाव आसानी से महसूस किया जा सकता है और साथ ही साथ उन में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन की वजह से उनका व्यवहार बिल्कुल बदल जाता है। ऐसे में कई बार माता-पिता अपने बच्चों के इस बदले हुए व्यवहार की वजह से ज्यादा सोचने पर विवश हो जाते हैं और खुद के स्वास्थ्य के साथ गलत कर बैठते हैं।
आज हम अपने पाठकों को सोचने की बुरी आदत से होने वाले कुछ ऐसे नुकसानों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन पर वह चाहकर भी कभी ध्यान नहीं देता है।
आप लोगों से बचना शुरू कर सकते हैं
अपने या किसी अन्य व्यक्ति के व्यवहार जैसी सामाजिक स्थितियों के बारे में अत्यधिक सोचने से कठोर निष्कर्ष निकल सकते हैं। ऐसा लंबे समय तक होने से सामाजिक चिंता पैदा हो सकती है, आप लोगों से दूर हो सकते हैं या खुद को बचाने के लिए अकेला हो सकते हैं।
जिन लोगों को ज्यादा सोचने की आदत होती है, उनको अनिद्रा (Insomnia) यानि नींद न आने की समस्या रहती है। जी हां क्योंकि उनका दिमाग कभी शांत नहीं होता है, उनके दिमाग में कोई न कोई बात चलती रहती है। जिसकी वजह से उनको नींद नहीं आती है।
ज्यादा सोचने की वजह से कोई भी व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो सकता है, क्योंकि जब हम ज्यादा सोचते हैं तो हमारे शरीर की पॉजिटिव एनर्जी खत्म हो जाती है और सिर्फ निगेटिव बातें ही दिमाग में घुमने लगती है। जिसकी वजह से धीरे-धीरे इंसान डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। कई बार ऐसा होता है कि ज्यादा सोचने की वजह से हमारा दिमाग काम करना बंद कर देता है और इस वजह से हम अवसाद से घिर जाते हैं।
जिन लोगों का ज्यादा सोचने की आदत होती है, उनको हार्ट अटैक का खतरा भी ज्यादा रहता है, क्योंकि ज्यादा सोचने की वजह से ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है, जिसकी वजह से हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है। ज्यादा सोचने की आदत की वजह से दिल की सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है, जिसकी वजह से आपको छाती में दर्द, चक्कर आने जैसी कुछ समस्याएं हो सकती है।
जिन लोगों को ज्यादा सोचने की आदत होती है, उनको सिर दर्द (Headache) की शिकायत भी बनी रहती है। क्योंकि बहुत ज्यादा सोचने की आदत तनाव को पैदा करती है, जिसकी वजह से सिर दर्द और थकान महसूस होने लगता है।
एक बात हम सभी को याद रखनी चाहिए कि हम अपने मानसिक विकास को तभी सही तरीके से रख सकते हैं, जब हम खुद स्वस्थ रहें। कई बार ऐसी स्थिति आती है कि हम ज्यादा सोचने की वजह से अपने मानसिक विकास को कहीं ना कहीं बाधित करते हैं जिस वजह से हम परेशान होते हैं।
जिन लोगों को ज्यादा सोचने की आदत होती है, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। जिसकी वजह से आप आसानी से किसी भी संक्रमण की चपेट में आने से बच सकते हैं।
हममें से बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं, जो नियमित रूप से अपने काम को करते हुए भी ज्यादा सोचने की आदत से परेशान रहते हैं। ऐसे लोगों के दिमाग में दिन में होने वाली गतिविधियों के माध्यम से वे अक्सर ज्यादा सोचने लगते हैं ऐसी स्थिति में उनके काम में हमेशा गलतियां निकाली जाती हैं जिसका सीधा असर उनके भविष्य पर पड़ता है।
जब भी आप किसी भी बात को सोचने लगते हैं, ऐसी स्थिति में आपका मन किसी दूसरे काम में नहीं लगता। कई बार तो ऐसे भी स्थिति उत्पन्न होती है कि जरूरी काम होने पर भी आप उस काम को टालते जाते हैं और वह काम काफी पीछे हो जाता है। बार-बार आपके दिमाग में वही बात घूमने लगती है जिस वजह से आप परेशान हैं और अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं।
ज्यादा सोचने की आदत की वजह से स्किन पर भी बुरा असर पड़ता है। जी हां अगर आप ज्यादा सोचते हैं, तो यह शरीर में सूजन का कारण बनता है, जो त्वचा पर दानें या पिंपल्स के रूप में दिखाई देता है।
ज्यादा सोचने का असर बालों पर भी पड़ता है। जी हां ज्यादा सोचने की वजह से स्ट्रेस की समस्या हो जाती है। जिसकी वजह से बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं।
जिस व्यक्ति को ज्यादा सोचने की आदत होती है उनकी सबसे ज्यादा समय की बर्बादी होती है, क्योंकि किसी काम को करने के पहले जितना ज्यादा सोचेंगे उतनी ज्यादा समय की बर्बादी होगी। जिसकी वजह से वह किसी भी काम को सही समय पर नहीं कर पाते है।
अगर आप ज्यादा सोचना नहीं छोड़ पाते हैं ऐसी स्थिति में यह संभव है कि आप लगातार कई प्रकार की बीमारियों से घिरे रहे जिसमें मुख्य रुप से हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, थायराइड, हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज जैसी बीमारियां हो सकती हैं जिससे आपके भविष्य को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।
अगर ज्यादा सोचना आपके जीवन को बर्बाद कर रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि इसका कोई समाधान नहीं हो सकता है। अपनी समस्या के बारे में जागरूक होना महत्वपूर्ण है। आप कुछ उपाय अपनाकर इस समस्या से बच सकते हैं-
—अपने विचार पैटर्न को पहचानने की कोशिश करें और दिमाग से काम लें और कहें कि बहुत हो गया, अब कुछ और नहीं सोचन-समझना। यह इस बुरी आदत से छुटकारा पाने में काफी मददगार साबित हो सकता है।
—अपनी पांच इंद्रियों पर ध्यान केंद्रित करने से आपको वर्तमान में वापस लाने में काफी मदद मिल सकती है।
—गहरी सांसों पर जोर देना या डायफ्राम से सांस लेना आपको विचारों के बोझ से वापस लाने का एक और तरीका है।
—माइंडफुलनेस, सांस पर ध्यान केंद्रित करने और जो कर रहा है उसमें पूरी तरह से शामिल होने का अभ्यास भी इससे बचने का एक अच्छा तरीका है।
Manish Sahu
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