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हार्ट अटैक संबंधी समस्या में मददगार है लौकी जूस

Apurva Srivastav
26 May 2023 5:08 PM GMT
हार्ट अटैक संबंधी समस्या में मददगार है लौकी जूस
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देश और दुनिया में हार्ट अटैक के रोगियों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है। हाल यह है कि डाक्टरों के यहां दिल के रोगियों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। देश का ऐसा कोई ही घर होगा, जिसमें हार्ट पैशेंट न हो। आज हम आपकों एक ऐसा देसी नुस्खे बताएंगे, जिसे अपनाने से हार्ट अटैक संबंधी समस्या का समाधान होगा। यह नुस्खा प्राचीन ​महा​​ऋषि वागवट ने बताया था।
तीन हजार साल पहले महाऋषि वागवट ने अष्टांग हृदयम Astang hrudayam नामक पुस्तक लिखी थी। इस पुस्तक में उन्होंने अनेक बीमारियों को ठीक करने के लिए सात हजार से अधिक सूत्र लिखे थे। उनमें से ही एक सूत्र है। वागवट जी लिखते हैं कि यदि हृदय को घात हो रहा है यानि दिल की नलियों में blockage होना शुरू हो रहा है तो इसका अर्थ है कि रक्त blood में अम्लता बढ़ी हुई है। अम्लता को अँग्रेजी में acidity कहते हैं। अम्लता दो तरह की होती है। एक होती है पेट की अम्लता और दूसरी रक्त की अम्लता।
पेट में अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे पेट में जलन सी हो रही है। खट्टी डकार आ रही है। मुंह से पानी निकल रहा है। अगर ये अम्लता और बढ़ जाये तो hyperacidity होगी और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त में आती है तो रक्त अम्लता blood acidity होती है। जब blood में acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त blood दिल की नलियों से निकल नहीं पाती और नलियों में blockage कर देता है। तभी heart attack होता है। इसके बिना heart attack नहीं होता और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है।
इलाज क्या है ?
महा​ऋषि वागवट जी लिखते हैं कि जब रक्त (blood) में अम्लता (acidity) बढ़ गई है तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो या सेवन करो जो क्षारीय है। अमूमन सभी रसोई घर में ऐसी बहुत सी चीजें है जो क्षारीय हैं। जिनका सेवन किया जाए तो कभी heart attack नहीं आएगा।
सबसे ज्यादा क्षारीय चीज क्या है
लौकी जिसे दुधी भी कहते हैं English में इसे कहते हैं bottle gourd कहते है। इसका सेवन सब्जी के रुप में किया जाता है। इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है। आप रोज लौकी का रस निकाल कर सेवन करें या कच्ची लौकी सेवन करें। ​ऋषि वागवट कहते हैं कि रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है।
कितना और कब सेवन करें ?
लौकी का जूस रोजाना 200 से 300 मिलीग्राम सेवन करना फायदेमंद रहता है। इसका सेवन रोजाना सुबह खाली पेट किया जाना चाहिए। आप चाहें तो नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं। लौकी के रस के रस में 7 से 10 तुलसी के पत्ते डाल कर और अधिक क्षारीय बनाया जा सकता है। इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले। ये भी बहुत क्षारीय है, लेकिन याद रखें नमक काला या सेंधा ही डाले, दूसरा अन्य कोई नमक प्रयोग न करें।
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