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शरीर को स्वस्थ रखने के हड्डियों का मजबूत होना बेहद जरुरी है। हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम, विटामिन डी और प्रोटीन बहुत आवश्यक पोषक तत्व हैं। ऐसे में ज्यादातर लोग प्रोटीन के लिए मीट का चुनाव करते है। लोगों के बीच यह धारणा है कि वो जितना मीट खाएंगे, उन्हें उतना ही प्रोटीन मिलेगा। यह सच है कि नॉनवेज फूड में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और कैल्शियम पाया जाता है, लेकिन इसका ज्यादा सेवन सेहत पर विपरित प्रभाव डाल सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि प्लांट-बेस्ड प्रोटीन की तुलना में एनिमल-बेस्ड प्रोटीन हड्डियों को कमजोर करता है। कई रिसर्च के अनुसार, जो लोग अधिक मात्रा में मांस का सेवन करते हैं, उनमें ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर होने की संभावना अधिक होती है।मांस या प्लांट बेस्ड प्रोटीन का सेवन हड्डियों को कैसे प्रभावित करता है, इस बारे में पोषण विशेषज्ञ अंजलि मुखर्जी ने हाल ही में अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया था।न्यूट्रिशनिस्ट अंजली मुखर्जी भी इस बात का समर्थन करती हैं, कि ज्यादा मात्रा में मीट या पशु आधारित फूड सेहत को फायदे की जगह नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं। इंस्टाग्राम पर शेयर किए अपने एक पोस्ट में उन्होंने यह बताया है कि एक हाई प्रोटीन डाइट, विशेष रूप से ज्यादा मात्रा में नॉनवेज कैल्शियम की कमी और हड्डियों में कमजोरी से संबंधित है।
उन्होंने आगे कहा कि जब एनिमल प्रोटीन के सेवन की बात आती है तो इसे हड्डियों की संरचना के लिए अहम बताया जाता है। प्रोटीन हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है लेकिन अगर इसके सेवन की मात्रा अधिक रखी जाए तो इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। किसी को अपने प्रोटीन इनटेक के लिए सिर्फ रेड मीट पर निर्भर नहीं रहना चाहिए बल्कि अपने आहार में इसके साथ ही डेयरी प्रॉडक्ट, मछली, चिकन और प्लांट बेस्ड प्रोटीन के सोर्सेस को भी शामिल करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आपके प्रोटीन इनटेक में भरपूर मात्रा में फलों, सब्जियों और साबुत अनाज का संयोजन होना चाहिए। पोषण विशेषज्ञ के अनुसार, मांस में हाई फॉस्फोरस-टू-कैल्शियम रेशियो होता है जो calcium excretion (कैल्शियम उत्सर्जन, जिसमें यूरीन के जरिए कैल्शियम शरीर से बाहर निकलने लगता है) को बढ़ाता है और bone demineralisation (हड्डी के विखनिजीकरण, यानी हड्डियों के लिए जरूरी खनिजों की कमी होना) का कारण बन सकता है।
पशु प्रोटीन विशेष रूप से रेड मीट का सेवन खून को अम्लीय बना सकता है जिससे हड्डियों पर मौजूद कैल्शियम की परतें हटाने लगती हैं।
NHS के अनुसार, यदि आप एक दिन में 90 ग्राम (पकाया हुआ वजन) से अधिक रेड या प्रोसेस्ड मीट खाते हैं, तो इसमें 70 ग्राम तक की कटौती आपके लिए सेहतमंद साबित होता है। क्योंकि अधिक मात्रा में मीट खाने से केवल हड्डियां संबंधित बीमारी ही नहीं बाउल कैंसर का भी खतरा होता है। अत्यधिक रेड मीट के सेवन से डायबिटीज, हृदय रोग और कैंसर का खतरा बढ़ता है। ऐसे में अपने आहार में कोई बड़ा बदलाव करने से पहले किसी हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह लेना बेहतर है।
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Kajal Dubey
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