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लाइफ स्टाइल
Brain में भी होती है ब्लीडिंग, जाने किस बीमारी का है खतरा
Sanjna Verma
29 Aug 2024 5:22 PM GMT
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हेल्थ टिप्स Health Tips: ब्लीडिंग यानी कि रक्तस्राव शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है, ये रक्तस्राव ज्यादातर शरीर के किसी हिस्से में चोट लगने पर होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर के सभी अंगों की तरह दिमाग में भी ब्लीडिंग हो सकती है. दिमाग में ब्लीडिंग अक्सर, रक्त वाहिकाओं के टूटने, फटने और लीक होने से होती है जिसकी वजह से दिमाग में ब्लड क्लॉट हो जाता है. क्या है ये समस्या आइए जानते हैं…
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्?
दिल्ली में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. नीरज बताते हैं कि ब्रेन में Bleedingएक तरह का स्ट्रोक है. ये तब होता है जब ब्रेन में खून के क्लॉट घुल जाते हैं और इस वजह से ब्रेन में ब्लड इकट्ठा हो जाता है. इससे आपके दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने लगती है और अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो मरीज की मौत तक हो सकती है.
दिमाग में ब्लीडिंग की वजहें
ब्लड वैसल्स के टूटने, डैमेज होने से दिमाग में रक्तस्राव शुरू होता है. इसकी कई वजहें हो सकती हैं-
– सिर पर चोट लगना (गिरकर चोट लगना, एक्सीडेंट, खेल आदि में चोट लगना)
– आपकी आर्टरीज में फैट जमा होना (एथेरोस्क्लेरोसिस)
– खून का थक्का
– ब्लड वैसल्स की दीवार कमजोर होना (सेरेब्रल एन्यूरिज्म)
– आर्टरीज और वेन्स के बीच बने कनेक्शन से खून का रिसाव (धमनीशिरा संबंधी विकृति या एवीएम)
– मस्तिष्क की धमनियों की दीवारों के भीतर प्रोटीन का निर्माण (सेरेब्रल अमाइलॉइड एंजियोपैथी)
– ब्रेन ट्यूमर
दिमाग में ब्लीडिंग उक्त किन्हीं कारणों की वजह से हो सकती है लेकिन इसके होने पर शरीर में कुछ सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं जिन्हें पहचानना बेहद जरूरी है-
– सिरदर्द, मतली, उल्टी आना
– होशो-हवास खोना
– चेहरे, हाथ या पैर में कमजोरी/सुन्न होना
– आंखों की रोशनी जाना
– मिर्गी के दौरे पड़ना
इन लक्षणों की पहचान होने पर मरीज को अस्पताल भर्ती कराना बेहद जरूरी है ज्यादा देर होने पर मरीज की जान तक जा सकती है. दिमाग में ब्लीडिंग का इलाज संभव है. जिसमें सर्जरी और दवाईयों की मदद से खून का स्राव रोका जा सकता है. इससे मरीज के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है. इस सर्जरी के बाद मरीज को बेहद देखभाल की जरूरत होती है साथ ही मरीज के लक्षणों पर नजर रखी जाती है ताकि किसी भी स्थिति में मरीज की रिकवरी की जा सके.
ब्रेन ब्लीडिंग से बचने के उपाय
– सिर में लगी चोट को नजरअंदाज न करें.
– किसी भी तरह के neurologicalलक्षण दिखने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं.
– अपने लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखें.
– सिगरेट, शराब आदि का सेवन न करें.
– बाहर का खाना कम खाएं.
– रोजाना आधे घंटे की सैर करें.
– एक्टिव रहें और वजन न बढ़ने दें.
– स्ट्रेस को मैनेज करें.
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Sanjna Verma
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