लाइफ स्टाइल

काला चावल है ब्लड प्रेशर और शुगर की बीमारी के लिए बहुत फायदेमन्द

Khushboo Dhruw
19 Feb 2024 1:44 PM GMT
काला चावल है ब्लड प्रेशर और शुगर की बीमारी के लिए बहुत फायदेमन्द
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सदियों से हमारे देश में चावल का सेवन किया जा रहा है। बिरयानी से लेकर डोसा और इडली तक चावलों से ना जाने कितने ही व्यंजनों को तैयार किया जाता है। आज से कुछ समय पहले तक ज्यादातर लोग केवल सफेद चावल के बारे में ही जानते थे या उसका सेवन करते थे लेकिन अब लोग चावल की अलग-अलग किस्मों को ना केवल जान ते हैं बल्कि इनका सेवन भी करते है। चावल कई किस्म के होते हैं और उन्हीं में से एक है ‘काला चावल’। यह ऑरिजा सतिवा चावल की प्रजाति का है और इसका सेवन इसके औषधीय गुणों और इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के लिए किया जाता है। यह एक पौष्टिक खाद्य पदार्थ है, जिसका सेवन फंक्शनल फूड के तौर पर किया जाता है। इसका उत्पादन चीन, श्रीलंका और भारत जैसे कई देशों में होता है। इसके अलावा, इसमें प्रोटीन, विटामिन और आयरन जैसे अनेक पोषक मौजूद होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकते है ।

कैंसर से बचाव के लिए
अगर काले चावल के फायदों की बात करें तो यह कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाव में कुछ हद तक मददगार हो सकता है। दरअसल, इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। फ्री रेडिकल के प्रभाव को कम करने और शरीर को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाव कर कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है। वहीं, स्टडीज के अनुसारएंटीऑक्सीडेंट की खुराक कैंसर के खतरे को कम कर सकती है। इसके अलावा, काले चावल में कैंसर रोधी गुण भी होते हैं, यह कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है और हृदय के लिए अच्छा होता है।
दिल की सेहत के लिए भी काले चावल का सेवन किया जा सकता है। इससे धमनियों में प्लाक बनने से रोका जा सकता है। वस्तुतः पट्टिका एक प्रकार की होती हैचिपचिपा पदार्थ होता है। धमनियों में इसके जमने से ह्रदय रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम हो सकता है । ऐसे में काले चावल का सेवन करने से धमनियों में प्लाक जमने का जोखिम कम हो सकता है और साथ ही अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ सकता है । तो, ह्रदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए काले चावल को डाइट में शामिल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
अगर काले चावल के फायदों की बात करें तो यह लीवर के लिए भी अच्छा होता है। काले चावल को आहार में शामिल करने से फैटी लीवर रोग का खतरा कम हो सकता है। इसके अलावा, काले चावल के एंटीऑक्सीडेंट गुण लीवर को डिटॉक्सीफाई करते हैं, लीवर से विषाक्त घटकों को हटाते हैं और इसे स्वस्थ बनाते हैं। इसलिए लीवर की सेहत के लिए अपने आहार में काले चावल को शामिल करें। वहीं, डॉक्टर की सलाह के अनुसार आप इसे अपने फैटी लीवर आहार में भी शामिल कर सकते हैं
डायबिटीज के लिएटाइप 2 मधुमेह के लिए आहार में काले चावल का उपयोग प्रभावी हो सकता है। दरअसल, काले चावल में पाया जाने वाला एंथोसायनिन आपके रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है। एंथोसायनिन, इंसुलिनरेजिस्टेंस में सुधार का काम कर सकता है। इन्सुलिन रेजिस्टेंस वह स्थिति है, जब शरीर की कोशिकाएं इन्सुलिन को सही प्रतिक्रिया नहीं देती हैं। इसके अलावा, एंथोसायनिन, बीटा कोशिकाओं में सुरक्षा कर, इंसुलिन को बनने में मदद कर और छोटी आंत में शुगर के पाचन को कम कर ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित करने का काम कर सकता है ।आंखों के लिए
काले चावल के फायदे की बात की जाए, तो यह आंखों के लिए भी उपयोगी हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि काले चावल में मौजूद एंथोसायनिडिन तीव्र रोशनी के कारण होने वाली रेटिना की क्षति को रोकने और कम करने में मदद कर सकता है ।
ब्लड प्रेशर के लिए रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए भी काले चावल के फायदे हो सकते हैं। दरअसल, ब्लैक राइस में मौजूद डाइटरी फाइबर हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को कम कर सकता है ।
वजन नियंत्रण के लिए
काले चावल खाने से वजन भी संतुलित रहता है। 40 अधिक वजन वाली महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन से इसकी पुष्टि होती है। दरअसल, 20 से 35 साल की उम्र की 40 महिलाओं को दो समूहों में बांटा गया था। एक समूह को छह सप्ताह के लिए सफेद चावल और दूसरे समूह को भूरा चावल दिया गया।या ब्लैक राइस का सेवन कराया गया। अध्ययन के अंत में यह बात सामने आई कि ब्राउन/ब्लैक राइस खाने वाली महिलाओं में वाइट राइस का सेवन करने वाली महिलाओं की तुलना में वजन के साथ फैट भी कम हुआ है । ऐसे में वजन बढ़ने की समस्या से राहत पाने के लिए ब्राउन राइस के अलावा, ब्लैक राइस भी अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि, इसके साथ नियमित व्यायाम करना भी जरूरी है।सदियों से हमारे देश में चावल का सेवन किया जा रहा है। बिरयानी से लेकर डोसा और इडली तक चावलों से ना जाने कितने ही व्यंजनों को तैयार किया जाता है। आज से कुछ समय पहले तक ज्यादातर लोग केवल सफेद चावल के बारे में ही जानते थे या उसका सेवन करते थे लेकिन अब लोग चावल की अलग-अलग किस्मों को ना केवल जान ते हैं बल्कि इनका सेवन भी करते है। चावल कई किस्म के होते हैं और उन्हीं में से एक है ‘काला चावल’। यह ऑरिजा सतिवा चावल की प्रजाति का है और इसका सेवन इसके औषधीय गुणों और इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के लिए किया जाता है। यह एक पौष्टिक खाद्य पदार्थ है, जिसका सेवन फंक्शनल फूड के तौर पर किया जाता है। इसका उत्पादन चीन, श्रीलंका और भारत जैसे कई देशों में होता है। इसके अलावा, इसमें प्रोटीन, विटामिन और आयरन जैसे अनेक पोषक मौजूद होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकते है ।
कैंसर से बचाव के लिए
अगर काले चावल के फायदों की बात करें तो यह कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाव में कुछ हद तक मददगार हो सकता है। दरअसल, इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। फ्री रेडिकल के प्रभाव को कम करने और शरीर को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाव कर कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है। वहीं, स्टडीज के अनुसारएंटीऑक्सीडेंट की खुराक कैंसर के खतरे को कम कर सकती है। इसके अलावा, काले चावल में कैंसर रोधी गुण भी होते हैं, यह कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है और हृदय के लिए अच्छा होता है।
दिल की सेहत के लिए भी काले चावल का सेवन किया जा सकता है। इससे धमनियों में प्लाक बनने से रोका जा सकता है। वस्तुतः पट्टिका एक प्रकार की होती हैचिपचिपा पदार्थ होता है। धमनियों में इसके जमने से ह्रदय रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम हो सकता है । ऐसे में काले चावल का सेवन करने से धमनियों में प्लाक जमने का जोखिम कम हो सकता है और साथ ही अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ सकता है । तो, ह्रदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए काले चावल को डाइट में शामिल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
अगर काले चावल के फायदों की बात करें तो यह लीवर के लिए भी अच्छा होता है। काले चावल को आहार में शामिल करने से फैटी लीवर रोग का खतरा कम हो सकता है। इसके अलावा, काले चावल के एंटीऑक्सीडेंट गुण लीवर को डिटॉक्सीफाई करते हैं, लीवर से विषाक्त घटकों को हटाते हैं और इसे स्वस्थ बनाते हैं। इसलिए लीवर की सेहत के लिए अपने आहार में काले चावल को शामिल करें। वहीं, डॉक्टर की सलाह के अनुसार आप इसे अपने फैटी लीवर आहार में भी शामिल कर सकते हैं
डायबिटीज के लिएटाइप 2 मधुमेह के लिए आहार में काले चावल का उपयोग प्रभावी हो सकता है। दरअसल, काले चावल में पाया जाने वाला एंथोसायनिन आपके रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है। एंथोसायनिन, इंसुलिनरेजिस्टेंस में सुधार का काम कर सकता है। इन्सुलिन रेजिस्टेंस वह स्थिति है, जब शरीर की कोशिकाएं इन्सुलिन को सही प्रतिक्रिया नहीं देती हैं। इसके अलावा, एंथोसायनिन, बीटा कोशिकाओं में सुरक्षा कर, इंसुलिन को बनने में मदद कर और छोटी आंत में शुगर के पाचन को कम कर ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित करने का काम कर सकता है ।आंखों के लिए
काले चावल के फायदे की बात की जाए, तो यह आंखों के लिए भी उपयोगी हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि काले चावल में मौजूद एंथोसायनिडिन तीव्र रोशनी के कारण होने वाली रेटिना की क्षति को रोकने और कम करने में मदद कर सकता है ।
ब्लड प्रेशर के लिए
रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए भी काले चावल के फायदे हो सकते हैं। दरअसल, ब्लैक राइस में मौजूद डाइटरी फाइबर हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को कम कर सकता है ।
वजन नियंत्रण के लिए
काले चावल खाने से वजन भी संतुलित रहता है। 40 अधिक वजन वाली महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन से इसकी पुष्टि होती है। दरअसल, 20 से 35 साल की उम्र की 40 महिलाओं को दो समूहों में बांटा गया था। एक समूह को छह सप्ताह के लिए सफेद चावल और दूसरे समूह को भूरा चावल दिया गया।या ब्लैक राइस का सेवन कराया गया। अध्ययन के अंत में यह बात सामने आई कि ब्राउन/ब्लैक राइस खाने वाली महिलाओं में वाइट राइस का सेवन करने वाली महिलाओं की तुलना में वजन के साथ फैट भी कम हुआ है । ऐसे में वजन बढ़ने की समस्या से राहत पाने के लिए ब्राउन राइस के अलावा, ब्लैक राइस भी अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि, इसके साथ नियमित व्यायाम करना भी जरूरी है।


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