- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- भूख न लगने की समस्या...

x
करेले के बीज के फायदे (Benefits of Bitter Gourd seeds in hindi)
करेले में कई तरह के विटामिन्स और मिनरल प्राकृतिक रूप से पाए जाते है। इसमें विटामिन A, विटामिन B6, विटामिन C, विटामिन E, राइबोफ्लाविन पेंटोथेनीक एसिडए फ़ोलेट, लाइकोपेन, नियसिन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैंगनिशियम, फॉस्फोरस,जिंक और कॉपर जैसे खनिज मौजूद होते हैं जो शरीर के मेटाबोलिस्म को बेहतर करने में सक्षम हैं।
करेले के बीज का सेवन करने से हमारी भूख न लगने की समस्या खत्म हो जाती है। इसके अलावा ये हमारी पाचन शक्ति में भी सुधार लाता है। इसका स्वाद बेहद कड़वा होता है मगर इसके गुण बहुत मीठे होते है। इसका सेवन हमें कई सारी बीमारियों से बचाता है।
मधुमेह के रोगियों के लिए करेले के बीज का सेवन करना किसी औषधि की तरह काम करता है। करेले के बीजों को सुखाकर उसका महीन पाउडर बना कर रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच पाउडर का पानी के साथ सेवन करने से बहुत लाभ मिलता है। ऐसा नियमित रूप से करने से ब्लड में शुगर का स्तर तेज़ी से कम होता है और शरीर को कई प्रकार की बीमारियों से बचने में सहायता मिलती है।
करेले के बीज में बिटर्स और अल्कालॉयड तत्व मौजूद होते हैं जो शरीर में किसी रक्त शोधक का कार्य करते हैं। इसके अलावा करेले के बीजों का लेप बना कर रात में सोते समय शरीर में लगाने से त्वचा संबंधी बीमारियां नहीं होती। इसके अलावा दाद, खाज, खुजली जैसे स्किन इन्फेक्शन में भी इसका लेप बेहद फायदेमंद होता है।
करेले के बीज में ढेरों खनिज पाए जाते हैं जो शरीर में विटामिन की कमीं को पूरा करके हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। जिससे किसी भी बड़ी बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।
करेले के बीज का सेवन करने से हमारी पाचन शक्ति पर इसका बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिसके कारण हमारी भूख बढ़ती है। गर्मी से पैदा हुई बीमारियों में करेले के बीज का सेवन बेहद कारगर माना जाता है। इसके सेवन से पेट से जुड़ी समस्याएं नहीं होती।
करेले के बीज के सेवन से कैंसर जैसी घातक बीमारी होने का खतरा नहीं रहता। करेले के बीजों का नियमित इस्तेमाल अग्नाशय में होने वाले कैंसर को बढ़ने से रोकते हैं। ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म कैंसर की कोशिकाओं को प्रभावित कर शरीर को सुरक्षित रखते हैं और कई प्रकार की अन्य बीमारियों से हमें बचाते हैं।
करेले के 3 – 5 बीजों को 3 काली मिर्च के साथ घिसकर पानी मिलाकर पीने से उलटी- दस्त में राहत मिलती है। अम्लपित्त के रोगी जिन्हें भोजन से पहले उल्टियां होने की शिकायत रहती है उन्हें करेले के पत्तों को सेंधा नमक में मिलाकर खाने की सलाह दी जाती है जिससे उन्हें बहुत फायदा होता है।
करेले के बीज करने से पेट के कीड़े साफ़ हो जाते है। एक चम्मच करेले के बीज के पाउडर को एक ग्लास छाछ में मिलाकर पीने से पेट में कीड़ों की समस्या से छुटकारा मिलता है। ये लिवर को ताकत एटा है और आंतों में कीड़ों से होने वाले विकारों से सुरक्षा देता है।
पीलिया और मलेरिया जैसी बीमारी में करेले के बीजों के पाउडर का सेवन करने से इन बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
करेले के बीज के सेवन से कब्ज की शिकायत दूर होती है। इसके अलावा एसिडिटी, खट्टी डकारों और छाती में जलन की शिकायत भी दूर होती है।
एक ग्लास पानी में दो चम्मच करेले के बीज के पाउडर में तुलसी के पत्तों का रस और थोड़ा शहद मिला कर रात में सोते समय उसका सेवन करने से अस्थमा जैसे रोगों में आराम मिलता है। दमा होने पर बिना मसाले की छौंकी हुई सब्जी खाने से भी बहुत फायदा होता है।
Next Story