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डिप्रेशन पर मेडिकल साइंस की बड़ी खोज, टेस्ट के जरिए ही हो जाएगी पहचान
Teja
1 Dec 2021 9:24 AM GMT
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डिप्रेशन पर मेडिकल साइंस की बड़ी खोज, टेस्ट के जरिए ही हो जाएगी पहचान
डिप्रेशन और बाईपोलर डिस्ऑर्डर में फर्क न कर पाने के कारण इनके मरीजों के इलाज में बहुत समस्याएं आती थीं. लेकिन अब केवल एक ब्लड टेस्ट से इनके मरीज पहचाने जा सकेंगे.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | डिप्रेशन के शिकार लोगों के लिए एक बड़ी खबर आई है. पहली बार रिसर्चर्स ने एक ऐसा ब्लड टेस्ट तैयार किया है जो डिप्रेशन का पता लगा सकेगा. यह ब्लड टेस्ट अमेरिका के इंडिआना यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन ने लॉन्च किया है. इसे लेकर रिसर्च का नेतृत्व कर रहे सायकायट्रिस्ट और जेनेटिसिस्ट डॉ. अलेक्जेंडर निकुलेस्कु ने कहा है, 'हमारी स्टडी से पता चलता है कि डिप्रेशन और बाईपोलर डिस्ऑर्डर का पता अब ब्लड टेस्ट के जरिए लगाना संभव है. इससे इन दोनों समस्याओं के मरीजों में फर्क किया जा सकता है और उनकी बीमारी के आधार पर उन्हें सही दवाएं दी जा सकती हैं.'
इलाज में मिलेगी बड़ी मदद
डॉ. निकुलेस्कु ने कहा कि इस टेस्ट के कारण अब सालों तक चलने वाले ट्रायल एंड एरर का दौर खत्म हो जाएगा. क्योंकि बीमारी का सही डायग्नोज न हो पाने के कारण मरीजों को अलग-अलग तरह की दवाएं दी जाती हैं, इनके कारण हुए दुष्प्रभावों से निपटने के लिए उन्हें अस्पतालों में भी रहना पड़ता था. चूंकि ये सामान्य डिस्ऑर्डर हैं तो अब हम इनका सही तरीके से पता करके आसानी से इलाज कर सकेंगे. इसमें मदद के लिए हमने कई अन्य टेस्ट और ऐप भी डेवलप किए हैं.
15 साल की रिसर्च का किया उपयोग
रिसर्चर्स ने इस टेस्ट को डेवलप करने के लिए मूड डिस्ऑर्डर के जैविक आधार का अध्ययन किया और एक ऐसे टूल को डेवलप करने में सफल रहे, जो मूड डिस्ऑर्डर के प्रकारों को अलग-अलग पहचान सके. जैसे डिप्रेशन या बाइपोलर डिस्ऑर्डर में अंतर करना. इस टेस्ट को डेवलप करने के लिए निकुलेस्कु और उनकी टीम ने पिछले 15 सालों के रिसर्च के अनुभवों और टिप्पणियों का उपयोग किया. ताकि वे पता कर सकें कि मनोरोग कैसे ब्लड एक्सप्रेशन बायोमार्कर से संबंधित है.
खून तक पर असर डालता है डिप्रेशन
निकुलेस्कु के अनुसार शरीर का हर सिस्टम फिर चाहे वह ब्रेन हो, नर्वस सिस्टम हो या इम्यून सिस्टम हो, इन सभी का डेवलप होने का तरीका एक जैसा ही होता है. ऐसे में जब आप डिप्रेशन में होते हैं या उदास होते हैं तो जो भी हारमोन्स रिलीज होते हैं वे आपके खून और यहां तक कि इम्यून सिस्टम पर भी असर डालते हैं. बता दें कि यह टेस्ट अब सीएलआईए टेस्ट के नाम पर फिजिशिएंस के लिए उपलब्ध है.
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