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रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा! 'जलवायु परिवर्तन पुरुष नपुंसकता के लिए जिम्मेदार'

Tulsi Rao
29 May 2022 6:36 AM GMT
रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा! जलवायु परिवर्तन पुरुष नपुंसकता के लिए जिम्मेदार
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Climate Change Responsible For Male Infertility: भारत एक ऐसा देश है जहां आमतौर पर संतान न होने पर महिलाओं को जिम्मेदार ठहराया जाता है, लेकिन ये हमेशा सच नहीं होता. पुरुष प्रधान समाज में अगर कमी मर्दों में भी होती हो तब भी उनको दोष नहीं दिया जाता है. कई मामलों में ये बात सामने निकलकर आती है कि शादीशुदा पुरुष की प्रजनन क्षमता इतनी कमजोर हो चुकी है कि वो लाख कोशिश करने के बाद भी पिता नहीं बन पाते जिसकी वजह वजह से मेरिड लाइफ दुखों से भर जाती है.

आखिर मेल फर्टिलिटी पर क्यों पड़ता है असर?
आमतौर पर जब मेल फर्टिलिटी (Male Fertility) कम होने लगती है तब हमारी बिजी लाइफस्टाइल और खान पान को इसका जिम्मेदार समझा जाता है तो काफी हद तक सच भी है. शादी के बाद पुरुषों की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती, परिवार की जिम्मेदारियों का बोढ़ उठाने के क्रम में वो खुद की सेहत का ख्याल नहीं रख पाते जिसके कारण उनका स्पर्म काउंट (Sperm Count) , स्पर्म क्वालिटी (Sperm Quality) और टेस्टोस्टेरॉन लेवल (Testosterone Level) कम होने लगता है. लेकिन इस परेशानी की कुछ वजह भी हो सकती है.
'जलवायु परिवर्तन पुरुष नपुंसकता के लिए जिम्मेदार'
कुछ साल पहले एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि कि आखिर एक खास वजह से भी पुरुषों की प्रजनन क्षमता (Male Fertility) कम हो सकती है. इस स्टडी में बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की वजह से भी ऐसा मुमकिन है. दुनिया में तेजी से बदलता हुआ क्लाइमेट मेल फर्टिलिटी पर असर डाल रहा है जिससे काफी लोग आज भी अनजान हैं.
रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा
ब्रिटेन (Britain) की ईस्ट एंग्लिया यूनिवर्सिटी (University of East Anglia) में किए गए इस रिसर्च के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्म हवाओं के कीड़े स्पर्म (Sperm) को नष्ट कर देते हैं. इस शोध की रिपोर्ट को नेचर कम्युनिकेशंस (Nature Communications) मैगजीन में प्रकाशित किया गया है.
'गर्म हवाओं से स्पर्म पर पड़ता है असर'
इस स्टडी को लीड करने वाले मैट गेज ने कहा, 'इस रिसर्च में हमने पाया कि जब मौसम गर्म होता है तो स्पर्म की क्रियाप्रणाली बेहद संवेदनशील होती है. चूंकि फर्टिलिटी और जनसंख्या वृद्धि (Population Growth) के लिए शुक्राणु (Sperm) अनिवार्य है तो इन अध्ययनों से यह पता चल सकता है कि क्लाइमेट चेंज (Climate Change) से जैव विविधता (Biodiversity) को क्यों खतरा है?'


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