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बड़ी सफलता: वैज्ञानिकों को कोरोना के वेरिएंट्स के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने वाली एंटीबॉडी का पता चला

Gulabi
23 Aug 2021 1:43 PM GMT
बड़ी सफलता: वैज्ञानिकों को कोरोना के वेरिएंट्स के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने वाली एंटीबॉडी का पता चला
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वैज्ञानिकों ने एक ऐसी एंटीबॉडी का पता लगाया है

Study on Coronavirus Antibody: वैज्ञानिकों ने एक ऐसी एंटीबॉडी का पता लगाया है, जो सार्स-सीओवी-2 वायरस के व्यापक स्वरूपों के खिलाफ अत्यधिक सुरक्षा प्रदान करती है. 'इम्युनिटी' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के निष्कर्षों से एंटीबॉडी आधारित नई उपचार पद्धतियां विकसित करने में मदद मिल सकती हैं (Latest Study on Coronavirus), जिनकी क्षमता वायरस के विभिन्न स्वरूपों के सामने आने के बाद भी कम नहीं होती.

अमेरिका स्थित 'वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसन इन सेंट लुइस' के प्रोफेसर और मुख्य अनुसंधानकर्ता माइकल एस डायमंड ने कहा, 'मौजूदा एंटीबॉडी कुछ स्वरूपों के खिलाफ कारगर हैं, लेकिन ये सभी स्वरूपों पर कारगर नहीं हैं.' डायमंड ने कहा, 'यह वायरस समय और स्थान के साथ स्वरूप बदलना जारी रखेगा.' उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से काम करने वाली प्रभावी एंटीबॉडी को मिलाकर नए संयोजन बनाने से व्यापक स्वरूपों से लड़ने में मदद मिल सकती है.
43 एंटीबॉडी प्राप्त की गईं
व्यापक स्वरूपों पर काम करने वाली एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने 'रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन' (आरबीडी) के रूप में जाने जाने वाले स्पाइक प्रोटीन के एक महत्वपूर्ण हिस्से के साथ चूहों को प्रतिरक्षित किया (Covid Antibody Protects Variants). फिर उन्होंने एंटीबॉडी-बनाने वाली कोशिकाओं को निकाला और उनसे आरबीडी को पहचानने वाली 43 एंटीबॉडी प्राप्त कीं. उन्होंने दो ऐसी एंटीबॉडी का चयन किया जो चूहों को संक्रमण से बचाने में सबसे प्रभावी थीं और संक्रमण के स्वरूपों के एक पैनल के खिलाफ उनकी जांच की.
स्वरूपों को निष्प्रभावी किया
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि एक एंटीबॉडी, सार्स2-38 ने सभी स्वरूपों को आसानी से निष्प्रभावी कर दिया है. आपको बता दें, जब से कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत हुई है, तभी से इसे खत्म करने के लिए विभिन्न अध्ययन किए जा रहे हैं, जिनमें नई बातों का पता चलता है (Coronavirus Variants News). इसके अलावा वायरस के अधिक खतरनाक वेरिएंट के मिलने के बाद से वैज्ञानिकों ने शोध में विस्तार किया है. ये शोध इसलिए भी किए जा रहे हैं क्योंकि तेज गति से टीकाकरण करने वाले देशों में भी कोरोना के नए स्वरूप मुसीबत साबित हो रहे हैं, इनके कारण यहां नए मामलों में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है.
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