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भारती सिंह ने प्रेगनेंट होने से ठीक पहले किया वेट लॉस, जानें मोटापा किस तरह प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है

Khushboo Dhruw
21 Dec 2021 4:38 PM GMT
भारती सिंह ने प्रेगनेंट होने से ठीक पहले किया वेट लॉस, जानें मोटापा किस तरह प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है
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ट्रांसफॉर्मेशन के बाद कॉमेडियन भारती ने बताया था कि ज्यादा वजन के चलते उन्हें सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हो गई थीं

ट्रांसफॉर्मेशन के बाद कॉमेडियन भारती ने बताया था कि ज्यादा वजन के चलते उन्हें सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हो गई थीं और वे मां बनना चाहती थीं, इसलिए डॉक्टर की सलाह से उन्होंने अपना 15 किलो वजन घटाया. यहां जानिए मोटापे की वजह से प्रेगनेंसी में किस तरह के कॉम्प्लिकेशंस सामने आते हैं.

जानी-मानी कॉमेडियन भारती सिंह ने कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया के जरिए अपने फैन्स को प्रेगनेंसी की खबर दी थी. हाल ही में उन्होंने एक और वीडियो इंस्टा पर शेयर किया है, जिसमें वो बेहद खुश हैं और अलग-अलग ड्रेस में अपना बेबी बंप दिखाती नजर आ रही हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इस खुशी को महसूस करने के लिए भारती सिंह ने कितनी मेहनत की है? भारती ने कड़ी मेहनत करके अपना 15 किलो वजन कम किया है. उनका वजन वजन 91 किलो था, जिसे उन्होंने इंटरम‍िटेंट फास्‍ट‍िंग के जरिए 76 किलो तक किया.
अपने इस ट्रांसफॉर्मेशन के बाद भारती ने बताया था कि ज्यादा वजन के चलते उन्हें सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हो गई थीं और अब वे मां बनना चाहती थीं, इसलिए डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने अपना वजन कम किया है. भारती के वजन कम करने और मां बनने के इस सफर को जानने के बाद तमाम महिलाओं के दिमाग में ये सवाल होगा कि आखिर अधिक वजन होने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर क्या असर पड़ता है? क्या अधिक वजन होने से मां बन पाने में कोई समस्या आती है? अगर आपके भी दिमाग में ये सवाल है, तो यहां जानिए इसका जवाब.
इन्फर्टिलिटी के कारणों में से एक है मोटापा
विशेषज्ञों की मानें तो वजनदार महिलाओं को सामान्य महिलाओं की अपेक्षा कंसीव करने में ज्यादा समस्या होती है. मोटापे को इन्फर्टिलिटी का मुख्य कारण तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन ये इसके प्रमुख कारणों में से एक जरूर माना जाता है. मोटापे से ग्रस्त महिलाओं के शरीर में अधिक वसा के कारण लेप्टिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है. लेप्टिन हार्मोन शरीर की वसा कोशिकाओं से पैदा होता है और ये महिलाओं की प्रजनन क्षमता को कमजोर कर देता है, जिसके कारण अधिक वजनदार महिलाओं को गर्भधारण करने में सामान्य महिलाओं की अपेक्षा तीन गुना ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
हार्मोन असंतुलन की समस्या
मोटापे के कारण महिलाओं के शरीर में एंड्रोजन, इंसुलिन जैसे हार्मोंस का अत्यधिक निर्माण होने का खतरा रहता है. इसके अलावा पीसीओडी की समस्या होने का जोखिम बढ़ जाता है. पीसीओडी एक हार्मोनल विकार है जो गर्भधारण में बड़ी समस्या पैदा करता है. इसके हार्मोन असंतुलन के कारण मासिक चक्र गड़बड़ा जाता है. कई बार एमेनोरिया की स्थिति पैदा हो जाती है. इसमें महिला को मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव नहीं होता है. ये स्थितियां महिला में इन्फर्टिलिटी की वजह बनती हैं.
अंडे की गुणवत्ता होती प्रभावित
इतना ही नहीं, मोटापा महिलाओं के शरीर में अंडों की गुणवत्ता और अंडे के निर्माण की प्रक्रिया को भी प्रभावित कर सकता है. ऐसे में गर्भधारण की संभावना काफी कम हो जाती है. इसके अलावा अगर महिला ने गर्भधारण किसी तरह कर भी लिया तो भी वजनदार महिलाओं को बहुत अलर्ट रहने की जरूरत होती है क्योंकि मोटापे से पीड़ित महिलाओं में गर्भपात की आशंका भी दोगुनी से अधिक रहती है.
क्या है उपाय
इस तरह की किसी भी समस्या से बचने का एक ही तरीका है कि अपनी लाइफस्टाइल में सुधार किया जाए. इसके लिए रोजाना कम से कम एक घंटे व्यायाम करना बहुत जरूरी है. इसके अलावा खानपान की आदतों में सुधार करें. अपनी डाइट में फल, जूस, हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज, फाइबरयुक्त डाइट को शामिल करें. भरपूर मात्रा में पानी पीएं. सर्दियों में गुनगुना पानी पीएं. बाहरी फूड और अधिक चिकनाईयुक्त चीजों से परहेज करें.


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