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थायराइड के बारे में जानें (what is thyroid)
थायराइड ग्रंथि (Thyroid Gland) एक्टिव होने के कारण यह प्रॉब्लम होती है। थायराइड दो प्रकार का होता है। पहला हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) और दूसरा हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism)।
हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) : इसमें मसल्स कमजोर हो जाते हैं और शरीर की क्षमता भी प्रभावित होती है। इससे टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) यानी शुक्राणुओं की कमी, ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis), इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunctional) आदि समस्याएं हो जाती हैं।
हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) : इस स्थिति में नॉर्मल से कम मात्रा में थायराइड हार्मोन रिलीज होता है। इस स्थिति में मांसपेशियों में खिंचाव, शरीर में दर्द, ऐंठन, सूजन, कब्ज, ठंड लगाना, ज्यादा नींद आना, याददाश्त कमजोर होना आदि समस्याएं हो सकती हैं।
आइए थायराइड से राहत देने वाली एक्सरसाइज के बारे में भी जान लीजिए।
थाइरॉडइ में एक्सरसाइज के फायदे (Benefits of exercise in thyroid)
डिसऑर्डर से ग्रस्त व्यक्ति को एक्सरसाइज करने से फायदा मिलता है। इससे ओवर ऑल हेल्थ में फायदा मिलता है। एक्सरसाइज करने से काफी हद तक इस समस्या को कम करने में मदद मिलती है। (1) जैसे,
यदि आपको अंडरएक्टिव थायरायड (हाइपोथायरायडिज्म) है तो आप आमतौर पर थका हुआ महसूस करते हैं। लेकिन रोजाना एक्सरसाइज करने से आपको आराम मिलेगा।
जब अधिक हार्मोन (हाइपरथायरायडिज्म) रिलीज होता है, तो नींद बिगड़ जाती है और रात में पसीना आता है। थायराइड डिसऑर्डर से चिंता और तनाव की समस्या होती है। लेकिन एक्सरसाइज करने से बढ़ने वाले एंडोर्फिन हार्मोन से आपको अच्छा महसूस होता है।
हाइपोथायरायडिज्म से मेटाबॉलिज्म कमजोर हो जाता है। लेकिन एक्सरसाइज करने पर मेटाबॉलिज्म बूस्ट हो जाता है।
नो और लो इम्पेक्ट एक्टिविटीज (No- or Low-Impact Activities)
थायराइड की समस्या से राहत पाने का सबसे बेहतर उपचार एक्सरसाइज ही है। यदि आपका थायराइड हार्मोन कंट्रोल में होता है तो आप रिलेटिवली हेल्दी (relatively healthy) हैं।
इसलिए आप चाहें तो नो और लो इम्पेक्ट एक्टिविटीज (No- or Low-Impact Activities) कर सकते हैं। इससे आपको काफी फायदा होगा। लेकिन एक्सरसाइज करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।
यदि आपने लंबे समय से एक्सरसाइज नहीं की है तो आप धीरे-धीरे एक्सरसाइज की शुरुआत करें। इसलिए नो- या कम इफेक्ट वाली एक्सरसाइज करें। जैसे:
घूमना (Walking)
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength training)
बाइक राइडिंग या इनडोर साइकिल चलाना (Bike riding or indoor cycling)
इलिप्टिकल ट्रेनिंग (Elliptical training)
सीढ़ियां चढ़ना (Stair climbing)
योग (Yoga)
ताई ची (Tai Chi)
आसान इलाके पर लंबी पैदल यात्रा (Hiking on easy terrain)
वॉटर एरोबिक्स (Water aerobics)
डांस (Dancing)
स्विमिंग (Swimming)
हाई इंपेक्ट एक्टिविटीज (High-Impact Activities)
यदि आप पहले से कोई नो और लो इम्पेक्ट एक्टिविटीज कर रहे हैं तो आपको अगले लेवल पर जाना चाहिए। इसलिए कुछ हाई इम्पेक्ट एक्टिविटीज को वर्कआउट में शामिल करें। लेकिन ये एक्टिविटीज करने से पहले किसी एक्सपर्ट और डाइटर से सलाह जरूर लें।
रस्सी कूद (Jumping rope)
टहलना या दौड़ना (Jogging or running)
जंपिंग जैक (Jumping jacks)
हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (High-intensity interval training)
पहाड़ी की चढ़ाई (Hill climbing)
क्रॉस कंट्री स्कीइंग (Cross-country skiing)
सीढ़ियां चढ़ना (Stair climbing)
ध्यान रखने योग्य बातें (Things to keep in mind)
यदि आप नए हैं तो आप यह सोच रहे होंगे कि रेगुलर एक्सरसाइज कितनी करनी चाहिए। इसलिए ऐसी एक्सरसाइज करें, जिनसे आपके मसल्स मजबूत हो।
वेट ट्रेनिंग से कैलोरी बर्न करने में मदद मिलेगी और उससे प्रोटीन सिंथेसिस भी अच्छे से होगा।
यदि आप हाई इंटेंसिटी एक्टिविटी करते हैं तो प्रति सप्ताह 5 घंटे हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज करें और दो घंटे एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic exercise) करें।
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