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तुलसी के फायदे, इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ तनाव भी करती है कम

Kajal Dubey
14 May 2023 10:14 AM GMT
तुलसी के फायदे, इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ तनाव भी करती है कम
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तुलसी के बारे में ये भी जानें (Know more about Tulsi Plant)
तुलसी एक औषधीय पौधा है, इसे अंग्रेजी में बेसिल (Basil) कहते हैं। गुण एवं रंगों के आधार पर इसे कई प्रजातियों में बांटा गया है। जैसे,
ऑसीमम विरिडी (Ocimum Viride)
ऑसीमम सैक्टम (Ocimum Sanctum)
ऑसीमम ग्रेटिसिकम (Ocimum Gratissimum)
ऑसीमम वेसिलिकम मिनिमम (Ocimum Vacilicum Minimum)
ऑसीमम किलिमण्डचेरिकम (Ocimum Kilimandscharicum)
ऑसीमम वेसिलिकम मुन्जरिकी या मुरसा (Ocimum Vacilicum Munjrika)
ऑसीमम अमेरिकन गम्भीरा या मामरी (Ocimum American Gambhira)
इनमें से ऑसीमम सैक्टम को पवित्र / होली तुलसी (Holy Basil) के नाम से जानते हैं। आसीमम ग्रेटिसिकम को वन तुलसा / राम तुलसी या अरण्यतुलसी नाम से जानते हैं। ऑसीमम अमेरिकन को काली तुलसी नाम से जानते हैं और ऑसीमम किलिमण्डचेरिकम को कर्पूर तुलसी नाम से जाना जाता है।
ऑसीमम सैक्टम यानी पवित्र / होली तुलसी भी दो तरह की होती है। हरे पत्तों वाली श्री तुलसी और बैगनी पत्तों वाली कृष्णा तुलसी।
भारत में अधिकतर घरों में पवित्र तुलसी ही होती है। इसका वैज्ञानिक नाम ऑसीमम टेनयूफ्लोरम (Ocimum Tenuiflorum) है। यह मूल रूप से भारत में पाई जाती है। लेकिन अब ऑस्ट्रेलिया (Australia), पश्चिम अफ्रीका (West Africa) में भी मिलती है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में ‘एडाप्टोजन’ (Adaptogen) के रूप में किया जाता है। (2)
आज हम पवित्र तुलसी के फायदों ( Benefits Of Tulsi)के बारे में जानेंगे, क्योंकि यही अधिकतर घरों में पाई जाती है।
1. स्ट्रेस और एंग्जाइटी कम करे (Reduce Stress and Anxiety)
पवित्र तुलसी के पौधे (Tulsi Plant) के सभी भाग एडाप्टोजन के रूप में काम करते हैं। यह वो नेचुरल पदार्थ है जो शरीर को स्ट्रेस सहन करने के अनुकूल बनाता है और मेंटल बैलेंस (Mental Balance) बनाए रखता है।
साइंटिफिक रिसर्च से यह भी साफ हुआ है कि तुलसी में पाए जाने वाले औषधीय गुण कई प्रकार की दिमागी समस्याओं से निपटने में मददगार हैं।
जर्नल ऑफ आयुर्वेद एंड इंटीग्रेटिव मेडिसिन (Journal of Ayurveda and Integrative Medicine) के अनुसार, पवित्र तुलसी में डायजेपाम और एंटीडिप्रेसेंट ड्रग्स (Diazepam and Antidepressant Drugs) की तुलना में एंटीडिप्रेसेंट और एंटी-एंग्जाइटी प्रोपर्टीज (Antidepressant and Anti-Anxiety Properties) अधिक पाई जाती हैं।
स्टडी के मुताबिक यदि कोई एक दिन में 500 मिलीग्राम पवित्र तुलसी के अर्क का सेवन करता है, तो उसे स्ट्रेस (Stress), एंग्जाइटी (Anxity) और डिप्रेशन (Depression) से काफी राहत मिल सकती है। (3)
2. इम्यूनिटी बूस्ट करती है (Immunity Booster)
बाबा रामदेव ने हाल ही में कोरोना के इलाज के लिए जो आयुर्वेदिक किट निकाली है उसमें इम्यूनिटी बढ़ाने वाली औषधियों में गिलोय (Giloy), अश्वगंधा और तुलसी का प्रयोग किया है। यह बात पूरी तरह सही है कि तुलसी के सेवन से इम्यूनिटी बढ़ती है।
तुलसी, इम्यूनिटी की हेल्पर कोशिकाओं Th1 और Th2 के रिस्पांस को बढ़ाती है। Th1 कोशिकाएं बैक्टीरिया और वायरस जैसे इंट्रासेल्युलर परजीवी (Intracellular Parasites) के खिलाफ रिस्पांस करती है। वहीं Th कोशिकाएं हेलमन्थ्स (Helminths) और अन्य बाह्य परजीवी (Extracellular Parasites) के खिलाफ रिस्पांस करती हैं। इससे आपकी इम्यूनिटी बढ़ती है और किसी भी वायरस का आपके ऊपर असर नहीं होता।(4)
तुलसी भी शरीर के नेचुरल पीएच लेवल को सही करने में भी मदद करती है और आंत के माइक्रोफ्लोरा (Microflora) के अंदर हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ाती है, जिससे इम्यूनिटी बढ़ती है और डाइजेशन सही रहता है।
स्टडी के मुताबिक तुलसी पत्ते के 300 मिलीग्राम अर्क या कैप्सूल के सेवन से IFN-y, IL-4, और T हेल्पर कोशिका और नेचुरल किलर सेल की एक्टिविटी में वृद्धि हुई है। (4)
3. स्किन को हेल्दी रखे (Keep Skin Healthy)
तुलसी का तेल स्किन को अंदर से साफ करने में मदद करता है। यह ऑयली स्किन के लिए एक्सीलेंट स्किन क्लींजर है।
यह गंदगी और अशुद्धियों (Dirt and Impuritie) को शरीर से हटाने में मददगार है। तुलसी के पत्ते, चंदन और गुलाब जल का पेस्ट बनाकर अपने चेहरे पर 20 मिनट के लिए लगाएं। बाद में ताजी पानी से धो लें।
आप देखेंगे कि आपकी स्किन खिल उठेगी और तुलसी के मजबूत एंटी-इंफ्लेमेटरी एंटी-माइक्रोबायल गुण त्वचा को बेहतर रखने में मदद करेंगे।
4. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण देंगे राहत (Anti-inflammatory properties give relief)
पवित्र तुलसी के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज (Anti Inflammatory and Antioxidant Properties) पाई जाती हैं। ये गठिया या फाइब्रोमायल्गिया (Arthritis or Fibromyalgia) से ग्रस्त लोगों को राहत दे सकती है।
टी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण तुलसी का सेवन बुखार, सिरदर्द, गले में खराश, सर्दी, खांसी, फ्लू में भी राहत दे सकता है।
तुलसी के अर्क पर हुई एक स्टडी के मुताबिक मानव कोशिकाओं में एंटी-इंफ्लेमेटरी एक्टिविटी दिखी, जो हार्ट डिजीज के इलाज के पारंपरिक उपयोग की पुष्टि करता है।(5)
तुलसी के ताजे पत्तों और तनों के शुद्धिकरण (Purified) से यूजेनॉल (Eugenol), सिरसिलीनोल (Cirsilineol), सिरसिमारिटिन (Cirsimaritin), आइसोथाइमोनिन (Isothymonin), एपी जेनिन (Apigenin) और रोजमरीन एसिड (Rosmarinic Acid) निकलते हैं।
इनकी एंटी-इंफ्लेमेटरी एक्टिविटी, क्रमशः 10-, 10-, और 1000- माइक्रोन सांद्रता पर इबुप्रोफेन (Ibuprofen), नेप्रोक्सन (Naproxen) और एस्पिरिन (Aspirin) के बराबर थी। (6)
5. हार्ट को हेल्दी रखे (Keep Heart Healthy)
तुलसी के पत्तों (tulsi leaves) का एक्सट्रेक्ट (Extract) पीने से हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार हार्ट टिश्यूज की सूजन कम हो जाती है। (7)
तुलसी के एक्सट्रेक्ट पर हुई स्टडी के मुताबिक मानव कोशिकाओं में महत्वपूर्ण एंटी- इंफ्लेमेटरी एक्टिविटी दिखाई दी, जो हार्ट डिजीज के इलाज में काम आ सकता है।(8)
तुलसी के पत्ते का एसेंशियल ऑयल कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) कम करने और इसके एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव से दिल की रक्षा करता है। जिससे हार्ट स्वस्थ रहता है और अच्छी तरह काम कर पाता है।
6. तुलसी के अन्य फायदे (Other Benefits of Tulsi)
तुलसी ब्लड शुगर कंट्रोल करके डायबिटीज बैलेंस रख सकती है।
लिवर को फंक्शन करने में मदद करने के साथ ही बॉडी को डिटॉक्स रखती है।
तुलसी का सेवन बालों को हेल्दी रखने में भी मदद करता है।
एंटी-वायरल एक्टिविटीज को बढ़ावा दे सकती है।
ये एंटीऑक्सीडेंट का काफी अच्छा सोर्स है।
तुलसी की कितनी मात्रा का सेवन करें
तुलसी की कितनी मात्रा का सेवन करें
तुलसी को यदि आप अर्क के रूप में लेना चाहते हैं तो इसकी कोई लिमिट नहीं है। तुलसी के पत्ती को चाय में डालकर भी ले सकते हैं। यदि आप तुलसी का अर्क पीना चाहते हैं तो एक कप पानी में तीन-चार पत्ती डालकर उबाल लें।
इसे 5-6 मिनट तक उबालने के बाद पी लें। इस तरह आप दो कप अर्क भी पी सकते हैं।
यदि आप तुलसी एक्सट्रेक्ट के कैप्सूल का सेवन करते हैं तो रोजाना 300 मिलीग्राम से 2,000 मिलीग्राम तक ले सकते हैं।
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