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लाइफ स्टाइल
इलिप्टिकल मशीन से एक्सरसाइज करने के फायदे, कैलोरी बर्न से लेकर स्टेमिना बढ़ाने तक
Kajal Dubey
17 May 2023 11:07 AM GMT
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1. स्टेमिना और कार्डियो कैपिसिटी बढ़ती है (Boost your stamina and cardio capacity)
एरोबिक या कार्डियों एक्सरसाइज के कई तरह से फायदे होते हैं। अधिकतर लोग इसे अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बना लेते हैं। जब आप कार्डियो एक्सरसाइज करते हैं तो हार्ट और फेफड़ों के मसल्स को अधिक ब्लड व ऑक्सीजन की जरूरत होती है। इसके लिए हार्ट और फेफड़े तेजी से काम करने लगते हैं।
इनके तेजी से काम करने के कारण हार्ट रेट बढ़ जाती है और सांस फूलने लगती है। यदि कोई इलिप्टिकल वर्कआउट करता है तो आपको हार्ट रेट हाई होने पर तेजी से ब्लड और ऑक्सीजन सप्लाई में मदद मिलती है, जिससे कार्डियो करने की कैपेसिटी बढ़ती है।
इलिप्टिकल वर्कआउट के साथ हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (high-intensity interval training) भी कर सकते हैं।
2. अधिक कैलोरी बर्न करें (Burn lot of calories)
यदि आप कम समय में अपने कैलोरी बर्न करने का तरीका सर्च कर रहे हैं तो इलिप्टिकल एक्सरसाइज करें। यह मशीन 30 मिनट में लगभग 270 से 400 कैलोरी बर्न कर सकती है। 270 कैलोरी तब बर्न होती है, जब किसी का वेट 125 पाउंड होगा और 400 कैलोरी बर्न तब होगी जब वजन 185 पाउंड होगा।
जब आप कार्डियो के लिए इलिप्टिकल मशीन यूज करते हैं तो थकान कम होती है। इसलिए आप इससे अधिक कैलोरी बर्न कर पाते हैं। अधिक कैलोरी बर्न होने से वजन कम करने में मदद मिलती है।
3. लो इम्पेक्ट एक्सरसाइज (Low-Impact Exercise)
इलिप्टिकल लो इम्पेक्ट एक्सरसाइज है। इसका घुटनों पर काफी कम असर मिलता है। यह अधिक उम्र वाले लोगों को भी काफी राहत प्रदान करती है। जिससे घुटने की चोट, ऑस्टियोपोरोसिस, टखने की चोट और गठिया में भी पॉजिटिव इफेक्ट रखता है।
ट्रेडमिल पर चलना या दौड़ना हाई इफेक्ट वाली एक्सरसाइज है। इससे चोट भी लग सकती है। इसलिए यदि आप घायल हुए बिना कैलोरी बर्न करना चाहते हैं तो इलिप्टिकल एक्सरसाइज ही चुनें।
1990 के दशक में जब इलिप्टिकल एक्सरसाइज मशीन मार्केट में आई तो कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को ट्रेन करने का नया तरीका इजाद हुआ। इससे कम इम्पेक्ट की एक्सरसाइज की जा सकती है।
2014 की एक स्टडी के मुताबिक इलिप्टिकल वर्कआउट रनिंग, जॉगिंग और इसी तरह के वर्कआउट की तुलना में अधिक वजन कम करती है।
4. लोअर बॉडी टारगेट करे (Targets Lower Body)
इलिप्टिकल वर्कआउट के दौरान आपको स्टेप्स चढ़ने होते हैं, जिस कारण यह लोअर बॉडी पर अच्छा प्रभाव डालती है। इस मशीन की पेडलिंग की क्रिया पैर की मांसपेशियों को टारगेट करती है। यह क्वाड्रिसेप्स (Quadriceps), हैमस्ट्रिंग (Hamstring), हिप फ्लेक्सर्स (Hip flexors), ग्लूट्स (Glutes) और काव्ज मसल्स पर काम करती है।
यही कारण है कि इलिप्टिकल मशीन वर्कआउट आपकी लोअर बॉडी से अधिक फैट कम करने में मदद करता है। इसमें पेट, हिप्स, जांघ आदि का फैट शामिल है।
5. ब्लड प्रेशर को नॉर्मल करें (Reduces High Blood Pressure)
इलिप्टिकल मशीन से एक्सरसाइज करने से ब्लड प्रेशर में कमी आती है। यदि कोई इस एक्सरसाइज को 5 मिनट करता है तो उसका तनाव काफी कम हो सकता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर कम हो जाएगा। इसका कारण यह है कि इस एक्सरसाइज को करने से सेरोटोनिन, ‘फील-गुड’ हार्मोन रिलीज होता है। सेरोटोनिन में ब्लड प्रेशर कम करने वाला या एंटीहाइपरटेन्सिव प्रभाव (antihypertensive effect) होता है।
रोजाना कम-तीव्रता या मध्यम-तीव्रता से इलिप्टिकल एक्सरसाइज करने से ब्लड प्रेशर पर पॉजिटिव असर देखने मिलता है। लेकिन यदि आप हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं ले रहे हैं तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
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Kajal Dubey
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