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1. डाइजेस्ट होने में आसान (White Rice is Easy to Digest)
ज्यादातर लोग यह नहीं जानते कि अगर होल ग्रेन्स को अच्छे से कुक न किया जाए तो उन्हें डाइजेस्ट करने के लिए शरीर को काफी मुश्किल होती है। ब्राउन राइस समेत सभी अनाज की बाहरी परत में फाइटिक एसिड (Phytic acid) होता है, जो एक एंटी-पोषक तत्व (Anti-nutrient) है। यदि यह न्यूट्रलाइज्ड (Neutralized) न हो तो डाइजेशन में समस्या हो सकती है।
लेकिन व्हाइट राइस के ऊपर की परत हट जाने के कारण यह एसिड उसकी परत पर नहीं होता और ये काफी जल्दी डाइजेस्ट हो जाता है। इसलिए वजन कम करने के लिए इसके सेवन की सलाह दी जाती है।
2. एनर्जी का बेस्ट सोर्स (Best Source of Energy)
चावल एनर्जी का सबसे अच्छा सोर्स है। आपने देखा होगा मसल्स बिल्डिंग वाले लोग अक्सर हर मील में सफेद राइस का सेवन करते हैं।
इसका कारण यह है कि सफेद चावल विभिन्न रोगों को कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है। सफेद चावल कार्बोहाइड्रेट का मुख्य सोर्स है, जो तुरंत एनर्जी देता है।
साथ ही यह ब्राउन राइस की तुलना में जल्दी पचने में सक्षम होता है, यह हमें न केवल ऊर्जा प्रदान करता है बल्कि भोजन के साथ चावल को स्वादिष्ट भी बनाता है। अगर आप शाम को वर्कआउट करते हैं तो दोपहर के मील में चावल खाने से वर्कआउट के लिए पर्याप्त कैलोरी मिल जाती है।
3. बोन हेल्थ के लिए बेस्ट (Perfect Complement to Bone)
शायद आपने नोटिस किया हो कि कई प्रकार के सूप को तैयार करने में चावल का प्रयोग किया जाता है। इसका कारण यह है कि यह आसानी से अवशोषित हो जाता है और शोरबा में स्वाद भी बढ़ा देता है।
इसकी प्राकृतिक मिठास सूप में अन्य स्वादों जैसे, मसालेदार, नमकीन और खट्टे स्वादों को भी बढ़ा देती है। इससे बोन हेल्थ को फायदा होता है। इसलिए चावल का सेवन हड्डियों के लिए अच्छा माना जाता है।
4. ब्लड शुगर को स्टेबलाइज करता है (Stabilize Blood Sugar Level)
सफेद चावल में ज्यादातर स्टार्च होता है और ग्लाइसेमिक इंडेक्स पर काफी अधिक होता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स का उपयोग आमतौर पर खाद्य पदार्थों को रैंक करने के लिए किया जाता है, जिसके आधार पर वो ब्लड शुगर को इफेक्ट करती है।
अधिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ जैसे सोडा, फलों के रस, मीठे नाश्ते के अनाज, कैंडी, सफेद रोटी, सफेद चावल और अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में ब्लड शुगर के लेवल को अधिक आसानी से बढ़ा सकते हैं। जिन लोगों का ब्लड शुगर काफी कम होता है उन लोगों को चावल के सेवन से ब्लड शुगर को स्टेबलाइज करने में मदद मिलती है।
5. व्हाइट राइस में ग्लूटेन नहीं होता (White rice does not contain gluten)
ग्लूटेन के तीन मुख्य सोर्स हैं, गेहूं, जौ और राई (wheat, barley and rye)। अधिकतर लोग नहीं जानते कि ग्लूटेन / लस स्वास्थ्य समस्याओं का कारण क्यों हैं।
ग्लूटेन एक तरह का प्रोटीन है, जिसमें कई तत्व होते हैं। ग्लूटेन में मौजूद ग्लाइडिन (Gliadin) बॉडी के लिए खतरनाक होता है। जिससे शरीर को कई समस्याएं हो सकती हैं।
अगर चावल की बात करें तो इसमें ग्लूटेन नहीं होता जिससे मुंह, इम्यून सिस्टम, स्किन, ग्रोथ, बड़ी आंत, छोटी आंत संबंधित कई बीमारियां नहीं होती।
निष्कर्ष (Conclusion): इसके अलावा व्हाइट राइस खाने से डाइजेशन सही रहता है, कैंसर से सुरक्षा मिलती है
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