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मछली सेवन के बारे में यह भी जानें
हो सकता है आपको यह अजीब लगे लेकिन बंगाल (Bengal), असम (Assam) और भारत के तटीय क्षेत्रों में लोग करीब-करीब हर मील में मछली खाते हैं। यह मछली किसी भी प्रजाति की हो सकती है।
इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप राहु (Rahu) या भेटकी (Bhetki), मैकेरल (Mackerels), सार्डिन (Sardines) और सैल्मन (Salmon) मछलियों में से कोई भी मछली खाएं। प्रोटीन हर मछली में होता है। बस प्रोटीन की मात्रा और टेस्ट बदल जाता है।
मछली को पकाना भी आसान है। आप इसे फ्राई कर सकते हैं, ग्रिल कर सकते हैं, पोच कर सकते हैं, स्टीम कर सकते हैं, बेक कर सकते हैं या उबाल सकते हैं। मछली खाने में भी टेस्टी होती है। इसे आप चावल या रोटी दोनों से खा सकते हैं।
यदि आप नॉनवेज खाते हैं, तो मछली प्रोटीन इंटेक बढ़ाने का सबसे अच्छा सोर्स है। आइए मछली खाने के फायदों के बारे में जानते हैं।
1. विटामिन और मिनरल से भरपूर (Source of vitamins and minerals)
मछली विटामिन और मिनरल (Vitamins and minerals) से भरपूर होती है। इसलिए डॉक्टर भी इसके सेवन की सलाह देते हैं। इसमें हाई क्वालिटी प्रोटीन (High quality protein) और फैट पाया जाता है, जो शरीर के लिए फायदेमंद होता है।
इसके अलावा इसमें फैट सॉल्युबल विटामिन डीभी पाया जाता है, जिसकी कमी अधिकतर डेस्क या ऑफिस जॉब करने वाले लोगों में होती है। विटामिन डी से भरपूर फूड (Vitamin D rich food) खाने की बजाय फिश का सेवन करना अच्छा रहता है।
2. हेल्दी फैट का अहम सोर्स (The good fat)
हावर्ड यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च के मुताबिक फैट वाली फिश जैसे : सेल्मन (Salmon), मैकेरल (Mackerel) और सार्डिन (Sardine) ओमेगा-3s फैटी एसिड से भरपूर होती हैं। (1)
अन्य फूड प्रोडक्ट की अपेक्षा फैट युक्त मछली में हेल्दी फैट पाया जाता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड (omega-3 fatty acid) गुड फैट से भरपूर होती है।
फैटी एसिड मस्तिष्क और आंखों के लिए जरूरी होता है। इसी कारण सभी लोगों को किसी न किसी रूप में ओमेगा -3 फैटी एसिड लेने की सलाह दी जाती है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड को बॉडी नहीं बनाती। इसलिए यह भोजन से ही लेना होता है। मछली इस एसिड का सबसे अच्छा सोर्स होती है।
शरीर को रोजाना 500 ओमेगा -3 फैटी एसिड की जरूरत होती है। जो लोग पर्याप्त मात्रा में सेवन नहीं करते उन्हें कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
3. ब्रेन हेल्थ को मजबूत करें (boost brain health)
मछली के सेवन से मस्तिष्क का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। हल्की मानसिक गिरावट (Mental decline) सामान्य है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ आपके मस्तिष्क की कार्य क्षमता अक्सर कम हो जाती है। लेकिन मस्तिष्क संबंधित कुछ बीमारियां अल्जाइमर हैं, जो कि गंभीर होती हैं।
कई रिव्यू और स्टडी से पता चला है कि जो लोग अधिक मछली का सेवन करते हैं, उनकी याददाश्त अच्छी रहती है और उन्हें मस्तिष्क संबंधी बीमारियां कम होती हैं। (2)
एक स्टडी के मुताबिक, जो लोग हर हफ्ते मछली खाते हैं, उनके इमोशन और मेमोरी वाले ब्रेन के हिस्से में ग्रे पदार्थ अधिक होता है, जो कि मस्तिष्क के प्रमुख कार्यात्मक ऊतक होते हैं। इसलिए मछली का सेवन करना चाहिए। (3)
4. वेट लॉस में हेल्पफुल (Helps in weight loss)
मछली में काफी मात्रा में प्रोटीन होता है। आप तो जानते हैं कि प्रोटीन खाने से वेट लॉस या फैट लॉस में भी मदद मिलती है।
गेलफ विश्वविद्यालय (University of Guelph) में मानव स्वास्थ्य और पोषण विज्ञान विभाग की रिसर्च के मुताबिक, मछली में पाया जाने वाला ओमेगा -3 फैटी एसिड मेटाबॉलिज्म पर पॉजिटिव इफेक्ट डालता है। अध्ययन में कहा गया है कि मछली में मौजूद हेल्दी फैट ने मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने के साथ फैट के ऑक्सीकरण को भी बढ़ावा दिया था।
ध्यान रखें फैट में हाई होने के कारण मछली में कैलोरी अधिक हो सकती है। इसलिए मछली को फ्राई करके नहीं खाएं, नहीं तो कैलोरी और बढ़ सकती है।
5. आंखों के लिए फायदेमंद (Helps improve vision and eye health)
एजेंसी फॉर हेल्थकेयर रिसर्च एंड क्वालिटी ने पाया कि ओमेगा -3 फैटी एसिड दृष्टि और आंखों के स्वास्थ्य में फायदेमंद होता है। रिसर्च के मुताबिक, मस्तिष्क और आंखों को ओमेगा -3 फैटी एसिड के सेवन से काफी फायदा होता है। मछली इस एसिड में हाई होती है। इसलिए आंखों की रोशनी और हेल्थ में मछली फायदा पहुंचा सकती है।(5)
अन्य रिसर्च के मुताबिक, नियमित रूप से मछली का सेवन करने वाली महिलाओं में AMD (Age-related macular degeneration) का जोखिम 42 % तक कम था। यह उम्र के साथ दृष्टि कमजोर होने से भी जुड़ा होता है।
मछली खाने के अन्य फायदे (Other benefits of eating fish)
मछली खाने से डिप्रेशन में आराम मिलता है।
हार्ट संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।
मछली के सेवन से नींद की क्वालिटी में सुधार होता है।
एक्ने की समस्या कम हो सकती है।
अर्थराइटिस की समस्या में भी आराम मिलता है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो सकता है।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है।
इसके सेवन से अस्थमा की समस्या कम हो सकती है।
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